पितृमोक्ष अमावस्या पर मां नर्मदा में श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
रेहटी, मध्य प्रदेश। पितृमोक्ष अमावस्या पर लाखों लोगों ने मां नर्मदा में डुबकी लगाई और अपने पितरों का पिंडदान करके उन्हें विदा किया। जिले के आंवलीघाट नर्मदा तट पर रात से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। जो कि अमावस्या के दिन शाम तक चलता रहा। इस दौरान यहां पर कई ऐसे लोग जिन्हें देवी.देवता शरीर में आते हैं उन्होंने विशेष पूजा-अर्चना भी की।
आंवलीघाट में मां नर्मदा से स्नान करने के बाद श्रद्धालु सलकनपुर स्थित मां विजयासन धाम पहुंचे और मातारानी के दर्शन किए। इसी तरह जिले के अन्य नर्मदा तटों पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंचे। आज से मातारानी का नवरात्रि पर्व शुरू हो गया। नौ दिनों तक घर-घर में मां भगवती की पूजा-अर्चना होगी और लोग व्रत रखेंगे। नवरात्रि पर सलकनपुर में श्रद्धालुओं के लिए मंदिर रात में सिर्फ तीन घंटे के लिए बंद किया जाएगा। बाकी समय यहां पर श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। नवरात्रि पर सलकनपुर में घट स्थापना की जाएगी और नौ दिनों तक मातारानी की विशेष पूजा होगी। नवरात्रि में यहां पर देवी पाठ भी किया जाएगा। पंचमी पर मां विजयासन का विशेष श्रृंगार किया जाएगा। सलकनपुर मंदिर के महंत प्रभुदयाल शर्मा ने बताया कि नवरात्रि पर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी घट स्थापनाए विशेष श्रृंगार भी किया जाएगा।
प्रशासन रहा मुस्तैद, चप्पे-चप्पे पर पुलिस रही तैनात
पितृमोक्ष अमावस्या को लेकर प्रशासन ने भी तैयारियां पुख्ता की थीं। दिनभर यहां पर कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर, पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक समीर यादव, एसडीएम शैलेंद्र हनोतिया, प्रभारी तहसीलदार जयपाल सिंह उइके, एसडीओपी प्रकाश मिश्रा, थाना प्रभारी अरविंद कुमरे सहित अन्य अधिकारी सलकनपुर में मोर्चा संभाले रखे और पल-पल की जानकारी जुटाते रहे। सुरक्षा की दृष्टि से चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात की गई थी। इसके लिए जिलेभर के अलावा प्रशिक्षण संस्थान भौरी सहित ग्वालियर से भी बटालियन बुलाई गई थी। आंवलीघाट पर नियंत्रण कक्ष बनाया गया था। जिससे लगातार एनाउंस करके लोगों को समझाइश दी जा रही थी। नर्मदा किनारे गोताखोरों को भी तैनात किया गया था। इसी तरह नदी के अंदर रस्सी भी बांधी गई थी। ताकि लोग उससे आगे न जा पाएं।
मास्क पहनाने के लिए नहीं दिखी जागरूकता
कोरोना वायरस की तीसरी लहर की चेतावनी लगातार दी जा रही है। इसके लिए हर स्तर के इंतजाम भी किए गए हैं। जगह-जगह लाखों-करोड़ों की लागत से कोविड सेंटर बनाए गए हैं। ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं। लेकिन इसके बाद भी लापरवाही जारी है। दरअसल पिछले दिनों मंदिर समिति द्वारा नवरात्रि पर्व को लेकर बंद कमरे में की गई बैठक में विशेष रूप से इसको लेकर सहमति बनी थी कि कोरोना गाइड लाइन के अनुसार ही श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति होगी।
आंवलीघाट पुल को कर दिया वन-वे
आंवलीघाट पर पुल बनने के बाद यह लोगों के लिए ज्यादा सुविधाजनक हो गया। हरदा और होशंगाबाद से आने वाले लोग इसी पुल का उपयोग करते हैं। हालांकि पितृमोक्ष अमावस्या के कारण ज्यादा पब्लिक होने के कारण पुलिस को पुल को वन-वे करना पड़ा।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।