बावड़ी पर स्लैब डालने का लोगों ने किया था विरोध, नगर निगम ने भी बावड़ी खोलने का कई बार किया था निवेदन
इंदौर। पटेल नगर स्थित बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में रामनवमी के मौके पर जो हादसा हुआ। इसको लेकर अब कई बातें सामने आने लगी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि 55 वर्ष पुरानी बावड़ी पहले खुली हुई थी। बावड़ी करीब 45 गहरी है और इममें 8 फीट पानी भरा रहता है। यहां कुछ हादसे होने के बाद प्रशासन द्वारा बावड़ी पर जाली लगा दी थी। इसके बाद दस वर्ष पूर्व बावड़ी पर स्लैब डाल दी गई थी। नगर निगम द्वारा बावड़ी को खोलने और उसका जीणोद्धार करने का अग्रह कई बार मंदिर ट्रस्ट को किया गया था। इस पर मंदिर ट्रस्ट ने भी बावड़ी का जीणोद्धार करने का आश्वासन लिखित में दिया था।
बावड़ी पर स्लैब डालने का उस वक्त विरोध भी हुआ था, लेकिन इस तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। इसके बाद मंदिर के आसपास अतिक्रमण भी हो गया और बगीचे की जमीन पर निर्माण हो गया। स्थानीय रहवासियों ने इसको लेकर नगर निगम में शिकायत भी की थी। इस पर नगर निगम ने बेलेश्वर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष को अतिक्रमण को लेकर नोटिस जारी किया था, लेकिन कार्रवाई नहीं की।
बगीचे में अतिक्रमण की गई थी शिकायत
रहवासियों ने बताया कि गार्डन की जमीन पर लगातार अतिक्रमण हो रहा है। 10 वर्ष पहले जब बावड़ी पर पक्की स्लैब डाली गई थी। उस वक्त भी उन्होंने इसका विरोध करते हुए शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन कुछ नहीं हुआ। हाल ही में कुछ लोगों ने मंदिर के नाम पर अतिक्रमण कर पक्का निर्माण कर लिया है। हमने इसकी भी शिकायत की लेकिन कुछ नहीं हुआ। स्थानीय जगदीश पटेल ने बताया कि हादसे के वक्त वे अपने घर पर पूजन में बैठे थे। घर के कुछ सदस्य मंदिर में चल रहे हवन में बैठे थे। सुबह करीब 11 बजे परिवार की महिलाएं मंदिर से दौड़ती हुई आईं और बताया कि मंदिर का फर्श धंसकर बावड़ी में गिर गया है। वे तुरंत मंदिर की तरफ दौड़े। बावड़ी में अंधेरा होने से कुछ समझ नहीं आ रहा था। लोगों ने रस्सियों की मदद से लोगों को निकालने की कोशिश शुरू की। इसके बाद लोगों ने पुलिस और नगर निगम कंट्रोल रूम को भी फोन लगाए, लेकिन मदद मिलने में करीब एक घंटे का समय लग गया। यदि तुरंत मदद मिल जाती, तो कई लोगों की जान बच सकती थी।
23 अप्रैल 2022 को दिया था निगम ने नोटिस
नगर निगम ने श्री बेलेश्वर महादेव झुलेलाल मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष को 23 अप्रैल 2222 को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नोटिस में लिखा था कि भवन का निरीक्षण पर बाया कि भवन बिना स्वीकृति के बनाया गया। आपके द्वारा स्कीम नं. 31 स्थित सर्वोदय नगर, स्नेह नगर, पटेल नगर गार्डन पर निर्माण कार्य किया जा रहा है। इसकी शिकायत आयुक्त को की गई है। आपके द्वारा गार्डन की जमीन पर आरसीसी का निर्माण कर गार्डन पर अतिक्रमण किया जा रहा है। निगम ने तुरंत काम निर्माण कार्य बंद करने को कहा था। साथ ही 25 अप्रैल23 तक संबंधित दस्तावेज बताने के लिए कहा था।
बावड़ी का जीणोद्धार का लिखित में दिया था आश्वासन
इस नोटिस के जवाब में मंदिर के न्यास अध्यक्ष सेवाराम गलानी ने लिखा था कि निगम ने जो नोटिस दिया है, वो असत्य है और अस्वीकर्या है। ट्रस्ट पंजीकृत होकर 100 वर्ष पूर्व के मंदिर निर्मित होकर गार्डन बनने के पहले से ही मंदिर होकर स्वयंभू रूप में भगवना शिव व अन्य देवी देवता स्थापित हैं। मंदिर परिसर में स्थित बावड़ी जो कि मंदिर के टीन शेड में बंद पड़ी हुई है और नगर निगम के अधिकारियों द्वारा कई बार बावड़ी खुली करने का अनुरोध किया गया है। मंदिर का जीर्णोद्धार, मंदिर की चिह्नित भूमि पर ही किया जा रहा है न कि गार्डन की रिक्त भूमि पर कोई कार्य हो रहा है। मंदिर, जो कि एख सावर्जनक मंदिर होकर हिन्दू भावना एवं धर्म का प्रेरक है, जिस पर मंदिर में आने वाले भक्तों द्वारा दान केर उसका जीणोद्धार किया जा रहा है न कि कोई भवन का निर्माण किया जा है।
साथ ही बावड़ी का जीणोद्धार सार्वजनिक उपयोग हेतु प्रस्तावित है कि जिसमें आम जनता के साथ-साथ नगर निगम को स्वच्छ एवं पर्याप्त जल उपलब्ध हो सकेगा। न्यास द्वारा बावड़ी बंद पड़ी है, उसे खोलने की कार्रवाई की जा रही है। ट्र्स्ट ने नोटिस को असत्य बताते हुए हिन्दूओं की भावना को भड़काने वाला बताया था। इसके साथ ही जीणोद्धार कार्य को रोकने पर नगर निगम को चेतावनी भी दी गई थी।
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