पीईबी परीक्षा मामले की जांच गैर व्यापम अधिकारियों से कराई जाए : जीतू पटवारी
भोपाल, मध्यप्रदेश। मप्र प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा हाल ही में संपन्न कराई गई परीक्षाओं में फर्जींवाड़े का आरोप लगाते हुए पूर्व मंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री से कुछ सवालों के जवाब मांगे हैं, साथ ही इस पूरे मामले की जांच गैर व्यापमं एवं न्यायिक अधिकारी की टीम से कराए जाने की मांग की है। श्री पटवारी बुधवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे।
श्री पटवारी ने कहा कि प्रदेश में शिवराज सरकार एक बार फिर से व्यापम-2 घोटाला कर रही है। व्यापम द्वारा पुलिस विभाग में 6,000 आरक्षक पद की भर्ती हेतु 08 जनवरी 2022 से 17 फरवरी 2022 तक 74 शिफ्टों में परीक्षा आयोजित की गई थी। जिसका परिणाम 24 मार्च 2022 को घोषित किया गया वह फर्जीवाड़ा की पराकाष्ठा है और व्यापम के पूर्व महाघोटाले को भी मात कर रहा हैं। नार्मलाइजेशन के नाम पर सफल प्रतिभागियों की लिस्ट मनमाने तरीके से निकाली गई। एक अभ्यर्थी के परीक्षा के बाद सही अंक 78 दिखाए गए वह नार्मलाइजेशन के बाद अचयनित हो गया तथा वहीं दूसरी पाली में 64 अंक लाने वाला नार्मलाइजेशन के बाद चयनित हो गया, ऐसे हजारों चमत्कार मात्र 30000 की सूची में किए गए हैं। व्यापम ने पुलिस कांस्टेबल की परीक्षा में किया और एक चमत्कारिक परिणाम घोषित किया। 85 अंक वाला फेल, 65 अंक वाला पास।
पटवारी ने कहा कि परिणाम का एक हैरान करने वाला पहलू यह भी है कि उक्त भर्ती परीक्षा में भूतपूर्व सैनिक हेतु 600 पद आरक्षित किए गए थे इस मान से परिणाम में 3000 भूतपूर्व सैनिकों को क्वालिफाय करना था, लेकिन एक भी भूतपूर्व सैनिक को क्वालिफाय नहीं किया गया। जबकि परीक्षा में 8 से 10 हजार भूतपूर्व सैनिक शामिल ह़ुए थे।
पटवारी ने मुख्यमंत्री से कुछ सवालों के जबाब मांगे हैं कि
किस-किस पाली में किस किस केन्द्र से कितने कितने अभ्यर्थी चयनित हुए।
नार्मलाइजेशन सूत्र के वास्तविक मान किस प्रकार निकाले गए तथा वे क्या हैं।
प्रत्येक शिफ्ट में 10 टॉप अभ्यर्थियों के अंक कितने हैं।
प्रत्येक अभ्यर्थी के अंक में नार्मलाइजशेन सूत्र का उपयोग कैसे किया गया और प्रत्येक अंक में क्या परिवर्तन हुए।
एमपीटीईटी कैंडिडेट का आरोप :
मार्क्स बढ़ाने के लिए फोन करके मांगे 5 लाख, कॉलर ने कहा, रिजल्ट के बाद 5 लाख और लगेंगे।
पटवारी ने कहा कि व्यापम (नया नाम प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड) एमपीटीईटी की परीक्षा को लेकर फिर सुर्खियों में है। शिक्षक पात्रता परीक्षा के पेपर लीक मामला सामने आने के बाद व्यापमं पर बड़े घोटाले के आरोप लग रहे हैं। इसे व्यापमं घोटाला-3 बताया जा रहा है।
इस बीच भोपाल के कैंडिडेट सौरभ विश्वकर्मा ने बड़ा दावा किया है। उसका आरोप है कि मार्क्स बढ़ाने के लिए उससे पांच लाख रुपए मांगे जा रहे हैं। उसके पास अनजान नंबरों से कॉल आ रहे हैं। सौरभ की तरह ही कुछ और उम्मीदवारों ने इसी तरह के अनजान नंबरों से कॉल आने की शिकायत की है। इसे लेकर उम्मीदवारों ने व्यापम में आरटीआई भी लगाई है। सोमवार को प्रदेशभर से आए उम्मीदवारों ने व्यापम ऑफिस के सामने प्रदर्शन किया था। इसके बाद वे मुख्यमंत्री निवास पर भी गए। वहां उन्होंने ज्ञापन सौंपकर मामले की जांच कराने की मांग की है।
श्री पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री तत्काल परीक्षा परिणाम की जांच के आदेश देवें। इसके लिए गैर व्यापम के अधिकारियों और न्यायिक अधिकारियों की समिति बनाई जाए और रेल्वे की भर्ती परीक्षा की तरह अभ्यर्थी से आपत्ति ली जाए और जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए।
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