राज एक्सप्रेस। जनसम्पर्क मंत्री पी.सी. शर्मा ने कहा कि, जाट महाराजा सूरजमल के चरित्र को गलत ढंग से चित्रित करने वाली फिल्म पानीपत का प्रदर्शन प्रतिबंधित करने की माँग पर वे जाट समाज के साथ हैं। उन्होंने कहा कि, इतिहास पुरूष महाराजा सूरजमल की वीरता, शौर्य और पराक्रम से सब परिचित हैं। महाराजा सूरजमल जाट समाज के गौरव हैं। ऐतिहासिक फिल्मों के निर्माताओं को फिल्म निर्माण करते समय ध्यान रखना चाहिए कि, ऐतिहासिक सत्यता के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ न हो।
जाट समाज के गणमान्य नागरिकों के प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री शर्मा को ज्ञापन सौंप कर पानीपत फिल्म को प्रतिबंधित करने की माँग की थी। ज्ञापन पर मंत्री शर्मा ने विधि अनुसार कार्यवाही करने के लिये आश्वस्त कियाl मंत्री शर्मा को ज्ञापन देने वालों में अखिल भारतीय जाट महासभा के पदाधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
किस दृश्य को लेकर है विवाद?
फिल्म में महाराजा सूरजमल को मराठा पेशवा सदाशिव राव से संवाद के दौरान इमाद को दिल्ली का वजीर बनाने व आगरा का किला उन्हें सौंपे जाने की मांग करते दिखाया गया है। इस पर मराठा पेशवा सदाशिव राव आपत्ति जताते हैं और अहमदशाह अब्दाली के खिलाफ युद्ध में साथ देने से सूरजमल इनकार कर देते हैं। सूरजमल को हरियाणवी भाषा व राजस्थानी भाषा के टच में भी दिखाया है।
पानीपत फिल्म में भरतपुर के संस्थापक महाराजा सूरजमल को लालची शासक के रूप में दर्शाने का विरोध हो रहा है। इसको लेकर हरियाणा व राजस्थान में विरोध हो रहा है। राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, महाराजा सूरजमल के वंशज व पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र, सांसद हनुमान बेनीवाल, रोहतक के पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा सहित कई लोगों ने फिल्म पर बैन की मांग कर चुके हैं। हरियाणा के कुछ सिनेमाघरों में फिल्म अपने आप हटवा दी गई है।
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