भोपाल: गुफा मन्दिर प्रांगण में भगवान परशुराम की 21 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा का अनावरण

भोपाल के गुफा मन्दिर प्रांगण में जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद महाराज ने CM शिवराज की उपस्थिति में भगवान श्री परशुराम जी की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया।
गुफा मन्दिर प्रांगण में परशुराम की भव्य प्रतिमा का अनावरण
गुफा मन्दिर प्रांगण में परशुराम की भव्य प्रतिमा का अनावरणPriyanka Sahu -RE
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भोपाल, मध्‍य प्रदेश। अक्षय तृतीया व भगवान परशुराम जी का आज जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। तो वहीं, परशुराम जयंती के शुभ अवसर पर मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल के गुफा मन्दिर प्रांगण में आज मंगलवार को अक्षयोत्सव-भगवान श्री परशुरामजी प्रतिमा प्रतिष्ठा समारोह का आयाेजन हुआ।

परशुराम की 21 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण :

इस दौरान गुफा मन्दिर प्रांगण में जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी महाराज एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भगवान श्री परशुराम जी की सबसे बड़ी 21 फीट ऊंची अष्टधातु की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया। अक्षयोत्सव-भगवान श्री परशुरामजी प्रतिमा प्रतिष्ठा समारोह को मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह ने संबोधित किया।

CM शिवराज ने अपने संबोधन में कहा- आज हम सब धन्य हैं। भगवान परशुराम जी का अवतरण दिवस है और इस अवतरण दिवस पर भगवान परशुराम जी की भव्य प्रतिमा का अनावरण करने स्वामी अवधेशानंद जी महाराज पधारे हैं। स्वामी जी महाराज के चेहरे पर तेज है। उनकी वाणी में ओज है। मां सरस्वती जी उनकी जिभ्या पर विराजती हैं। विद्वता उनकी आरती उतारती है। मैं श्री आलोक शर्मा जी का अभिनंदन करता हूं। भगवान परशुराम जी की जयंती पर भव्य और सुंदर कार्यक्रम का आयोजन किया। भगवान परशुराम जी सबके हैं। आज अक्षय तृतीया भी है। आज कई बेटियां दांपत्य सूत्र के बंधन में बधेंगी। मैं बेटी-दामादों को भी शुभकामनाएं देता हूं।

  • भगवान परशुराम जी अक्षय हैं, अनंत हैं, सर्व व्यापक हैं। सत्य और धर्म की स्थापना के लिए वो हैं। दुष्टों का अंत और मानवता की रक्षा के लिए महायज्ञ उन्होंने प्रारंभ किया।

  • भगवान विष्णु जी के 6वें अवतार भगवान परशुराम जी प्रचंड और व्यापक हैं। प्रचंडता उनकी साधना में है, प्रत्यक्ष युद्ध में भी है और समाज सेवा में भी हैं। उनका अवतरण सतयुग और त्रेता काल के संधिकाल में हुआ।

  • हम सभी जानते हैं भगवान श्री राम जी को विष्णु धनुष भगवान परशुराम जी ने प्रदान किया था। भगवान श्री कृष्ण को सुदर्शन चक्र भी भगवान परशुराम जी ने प्रदान किया था और गीता का सूत्र वाक्य भी भगवान परशुराम जी ने दिया था।

  • भगवान परशुराम जी का अवतरण उस समय हुआ जब समाज में भयंकर अराजकता थी। जब मानवता पीड़ा से कहर उठी, सज्जनों के साथ संतों पर भी अत्याचार बढ़ने लगे, हिंसा का तांडव होने लगा, तब भगवान श्री परशुराम ने दुष्टों का संहार करने के लिए फरसा उठाया।

  • भगवान श्री परशुराम जी ने धर्म की रक्षा के लिए हमें शक्ति और साहस देते हैं। समाज में ऐसे दुष्ट-पापी हैं, जो बेटियों-महिलाओं पर बुरी नजर रखते हैं, इन्हें जेल में डालना ही पर्याप्त नहीं है। तब परशुराम जी प्रेरणाा देते हैं कि ऐसे दुष्टों को कुचल दिया जाए।

  • भौतिकता की अग्नि में दग्ध इस विश्व मानवता को शाश्वत शांति का दिग्दर्शन कराएगा तो हमारा सनातन धर्म और हमारी संस्कृति ही कराएगा। इसलिए हमने ओंकारेश्वर में आदि गुरु आचार्य शंकर जी की भव्य प्रतिमा बनाने का संकल्प लिया है।

बता दें कि, गुफा मंदिर प्रांगण में स्थापित की गई भगवान परशुराम की यह प्रतिमा का वजन 4 टन है, जिसकी लागत 45 लाख रुपये है और इस प्रतिमा को अष्ट धातू से मिलकर बनाया गया है।

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