भोपाल, मध्यप्रदेश। देश को आजाद कराने में अहम भूमिका निभाने वाले प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती 23 जनवरी यानि आज मनाई जा रही है, नेताजी सुभाष चंद्र बोस भारत के उन महान स्वतंत्रता सेनानियों में शामिल हैं जिनसे आज के दौर का युवा वर्ग प्रेरणा लेता है, बता दें कि देश के महान राष्ट्रवादी, स्वतंत्रता सेनानी और आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन को सरकार ने 'पराक्रम दिवस' के रूप पर मनाने की घोषणा की है, इस वर्ष को सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती वर्ष के रूप में मनाया जाएगा।
शिवराज ने सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर किया नमन :
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा कि भारत को आजादी दिलाने में सबसे बड़ा योगदान नेताजी सुभाष चंद्र बोस का है। उन्होंने अपना पूरा जीवन देश के नाम कर दिया। वे अंतिम सांस तक आजादी के लिए संघर्ष करते रहे। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उन्हें नमन।
"मैं संकट एवं विपदाओं से भयभीत नहीं होता! संकटपूर्ण दिन आने पर भी मैं भागूँगा नहीं, वरन आगे बढ़कर कष्टों को सहन करूँगा।" नेताजी सुभाषचंद्र बोस_ अपने ओजस्वी विचारों व कर्मों से देश की माटी के कण-कण को गौरवान्वित करने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की जयंती पर कोटिश: नमन!
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
आपको बताते चलें कि देश को आजाद कराने में कई महान नेताओं ने अपना योगदान दिया है, उनके से एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस भी थे, जिनका जन्म 23 जनवरी, 1897 को ओडिशा में एक संपन्न बंगाली परिवार में हुआ था। साल 1920 में सुभाष चंद्र बोस ने इंग्लैंड में सिविल सर्विस की परीक्षा पास कर ली थी, लेकिन 1921 में भारत में बढ़ती राजनीतिक गतिविधियों का समाचार सुनते ही भारत लौट आए और उन्होंने सिविल सर्विस छोड़ दी। इसके बाद नेताजी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ जुड़ गए व सर्वोच्च प्रशासनिक सेवा को छोड़कर देश को आजाद कराने की मुहिम का हिस्सा बन गए थे।
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