हाइलाइट्स :
हमले में एक बीट सहित दो अन्य कर्मचारी हुए घायल
गश्ती के दौरान तस्करों ने किया हमला, जान बचाकर भागे वनकर्मी
घायल वनकर्मीयों का जिला चिकित्सालय में उपचार जारी
पन्ना, मध्य प्रदेश। पन्ना जिले में सागौन तस्कर किस कदर सक्रिय है कि वह अपने मनसूबों पर कामयाब होने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। वनों की रक्षा करने वाले वनकर्मियों पर लगातार हमलों के मामले सामने आते रहे हैं। एक वर्ष पूर्व विश्रामगंज रेंज के टगरा बीट में भी अवैध हीरा माफियाओं ने वनकर्मियों की टीम पर प्राणघातक हमला किया गया था। जिस पर वनकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गये। ऐसा ही मामला बीती शाम विश्रामगंज रेंज के कऊवासेहा बीट में देखने को मिला। जहां पर गश्ती दल पर सागौन तस्करों ने कुल्हाड़ी व लाठियों से जानलेवा हमला कर दिया। निहत्थे वनकर्मी जैसे तैसे अपनी जान बचाते हुए भागे और इसकी सूचना वरिष्ट अधिकारियों को दी गई है।
वरिष्ट अधिकारियों की टीम ने की सघन सर्चिंग :
वरिष्ट अधिकारियों की टीम द्वारा कई घण्टों की सघन सर्चिंग के बाद घायल वनकर्मियों को खोजा और घायल वनकर्मियों को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। इस पूरे घटना क्रम के संबंध में बताया जाता है कि वनकर्मी शनिवार 13 फरवरी की शाम जंगल में जब गश्ती कर रहे थे उसी समय लगभग एक दर्जन सागौन तस्करों ने कुल्हाड़ी और लाठियों से हमला कर दिया। हमलावरों ने वनकर्मियों को पकड़कर बेरहमी के साथ मारा जान बचाकर वनकर्मी जब भागे तो हमलावर तस्करों ने उनको दौड़ा-दौड़ाकर तब तक मारा जब तक वे बेसुध होकर गिर नहीं गये। सुरक्षा समिति के सुरक्षाकर्मी गोविंद सिंह यादव ने किसी तरह छिपकर रात्रि लगभग 9 बजे घटना की सूचना दी तब घायल वनकर्मियों को जंगल से ढूंढकर उन्हें रात्रि 11 बजे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। छत्रपाल सिंह वनरक्षक को कुल्हाड़ी और डंडों की घातक चोटें आई हैं। हमले में स्वामीदीन कुशवाहा स्थाई वनकर्मी एवं गोविंद सिंह यादव वन सुरक्षा समिति के सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए हैं। सभी हमलावर खजरी गांव के बताये जा रहे हैं। जिनमें से तीन आरोपियों को पन्ना पुलिस ने रात्रि करीब 3 बजे गिरफ्तार किया है। अन्य आरोपियों की पुलिस द्वारा तलाश की जा रही है।
गश्ती के दौरान निहत्थे वनकर्मियों को घेरकर किया हमला :
उत्तर वन मंडल के वन परिक्षेत्र विश्रामगंज का यह गश्ती दल कऊवासेहा के पास पटार चौकी क्षेत्र में गश्त कर रहा था। उसी समय इन्हें सागौन के पेड कटने की आहट मिली तब गश्ती दल मौके पर पहुंचकर जब उन्हें रोका और कुल्हाड़ी छीन ली तभी वह वहां से भागकर आस पास मौजूद अन्य तस्करों को इसकी सूचना दी और एक दर्जन तस्कर कुल्हाड़ी और लाठियों से लैस होकर वन टीम पर जानलेवा हमला कर दिया गया। अचानक हुए हमले से वनकर्मी संभल भी नहीं पाये। हमलावरों ने उनको बुरी तरह से घेरकर मारा जिससे वनकर्मी लहूलुहान हो गये। किसी तरह जान बचाकर एक सुरक्षा श्रमिक ने भागकर इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी। सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारियों ने वन कर्मियों के साथ मौके पर पहुंचकर घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया जहां उपचार जारी है। उत्तर वन मंडल के डीएफ ओ गौरव शर्मा, एसडीओ विश्रामगंज दिनेश गौर, परिक्षेत्र अधिकारी विश्रामगंज अजय वाजपेई, डिप्टी रेंजर काशी प्रसाद अहिरवार सहित वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी घायलों का हाल जानने जिला अस्पताल पहुंच गये। घटना के बाद से घायल वनकर्मी बुरी तरह से डरे और सहमे हुए हैं। हमले में बुरी तरह से लहूलुहान हो चुके वनरक्षक छत्रपाल सिंह लोधी को ढूंढने में वन कर्मचारियों को तकरीबन डेढ़ से दो घंटे लग गये। वनरक्षक के पैर में गंभीर चोटें होने के कारण वह चलने में असमर्थ था।
हमलों के विरोध में उपवास पर बैठे वनकर्मी और कुछ ही समय बाद जंगल में घटी घटना :
वनकर्मियों पर हमले की घटनाएं सिर्फ पन्ना जिले में ही नहीं अपितु पूरे प्रदेश में हो रही हैं। हमले का यह सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा। 13 फरवरी को सुबह 10 बजे से वन कर्मियों द्वारा सुरक्षा की मांग को लेकर एवं लगातार वन कर्मियों पर हो रहे हमले एवं हत्याओं के विरोध में उपवास धरना देकर ज्ञापन सौंपा गया था। उपवास धरना लगभग 5 बजे समाप्त हुआ और 5:30 बजे वन विभाग के गश्ती दल पर हमला हो गया। ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि निहत्थे वन विभाग के गश्ती दल पर जब लगातार हमले हो रहे हैं तो ऐसी विकट परिस्थितियों में वे जंगलों की सुरक्षा भला कैसे करें।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।