बीना, मध्यप्रदेश। मंडीबामोरा का नाम जिस मढ़ (छोटा मंदिर) के नाम पर पड़ा और जहां मढ़बामोरा के नाम से मंडीबामोरा का नाम पहचाना जाता था अज्ञात तत्वों ने लालचवश उक्त मढ़ को ही ध्वस्त कर डाला। मिली जानकारी के अनुसार मढ़बामोरा के पास एक प्राचीन मढ़ जो लगभग एक हजार साल पुराना बताया जाता है उसे अज्ञात तत्वों ने गिरा दिया।
मढ़ के नीचे खुदाई के निशान भी मिले हैं। बताया गया है कि प्राचीन मढ़ को परमारकालीन कला से निर्मित किया गया था और यहां खंडित प्रतिमाएं भी रखी हुई थीं जो गायब बताई जा रही हैं। इस मढ़ को वहां के निवासी कारसदेव बब्बा के नाम से पूजते थे और जब किसी के यहां गाय बछड़ा देती थी तो उसका दूध यहां चढ़ाया जाता था।
चार बार हो चुका था पुरातात्विक सर्वे :
गांव के ही युवा अभिषेक रघुवंशी ने बताया कि यहां चार बार पुरातात्विक सर्वे हो चुका था किंतु पिछले कई दशकों से पुरातात्विक महत्व के इस मढ़ को पुरातात्विक विभाग ने अभिरक्षित नहीं किया था। इस संदर्भ में पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग सागर के संरक्षण सहायक राहुल तिवारी का कहना है कि यह मढ़ पुरातात्विक सर्वे केन्द्र द्वारा अभिरक्षित स्मारक नहीं था। फिर भी प्रशासन को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए।
चौकीदार लक्ष्मण का कहना है कि सुबह 11 बजे जानकारी मिली थी कि उक्त मढ़ को गिरा दिया गया है। मैंने जाकर देखा था जिसकी सूचना मैंने पटवारी जितेन्द्र पवार को दी थी और मंडीबामोरा पुलिस को भी जानकारी दी थी। सोशल मीडिया पर मामला उछाले जाने के बाद मंडीबामोरा के निवासियों ने चौकी प्रभारी वाहिद खान को ज्ञापन सौंपा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
इनका कहना है प्रतिनिधि मंडल द्वारा संबंधित मामले में ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई करने की मांग की गई है। अभी प्रतिनिधि मंडल से ही चर्चा चल रही है जिसके बाद आपको जानकारी दे दी जाएगी।
वाहिद खान, चौकी प्रभारी मंडीबामोरा
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