हाइलाइट्स :
राज एक्सप्रेस। कटंगी थाना के ग्राम आगरी में गणेश चर्तुथी के समापन पर 12 सितंबर को सार्वजनिक गणेश उत्सव समिति द्वारा स्थापित भगवान गणेश की प्रतिमा को विसर्जन करने के लिए तमाम ग्रामीण गांव के सरकारी तालाब में ले गये थे, जहां यह हादसा हुआ।
तालाब में डूबने से एक की मौत :
बताया जा रहा है कि, प्रतिमा विसर्जन के बाद सभी लोग बाहर आ चुके थे। इस दौरान गांव का रुपेश राऊत (40 वर्ष) गहरे पानी में चले गये और जहां डूबने से उसकी मौत हो गई। ग्रामीणों के अनुसार रुपेश को बचाने की पूरी कोशिश भी की गई, लेकिन नाकामयाब रहे, जिसके बाद गांव में रुपेश के डूबने की खबर आग की तरह फैल गई और आस-पास के गांवों के ग्रामीणों का हुजूम तालाब में लग गया। रूपेश के डूबने की सूचना सर्वप्रथम हल्का पटवारी ने दुरभाष पर थाना कटंगी को दी।
घटना की रिपोर्ट करवाई दर्ज :
वहीं सरपंच एवं सचिव ने थाना पहुंचकर घटना की रिपोर्ट दर्ज करवाई, जिसके बाद अनुविभागीय अधिकारी सुमित केरकेट्टा, तहसीलदार शैलेन्द्र कुमार राय, थाना प्रभारी कमल निंगवाल पुरी टीम के साथ मौके पर पहुंचे, जिन्होंने मछुआरे की सहायता से करीब 5 घंटे तक रुपेश के शव को तलाशने की कोशिश की, पंरतु कहीं पता नहीं चला। इसके बाद प्रशासन ने बालाघाट से गोताखोर की एक टीम बुलाकर शव की तलाश शुरू की, शाम करीब 6 बजे शव बरामद किया गया, जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए कटंगी अस्पताल लाया गया।
तालाब में गड्ढों की कारण हुआ हादसा :
जानकारी अनुसार, आगरी के सरकारी तालाब में इस साल मनमाना तरीके से जगह-जगह मुरूम का खनन किया गया है, जिससे तालाब के भीतर गहरे गड्ढे बन चुके है। ग्रामीण इन्हीं गड्ढों में रूपेश के डुबने का अनुमान लगा रहे है। इस घटना के बाद रुपेश की पत्नि-माँ और दोनों बेटों सहित बेटी ने रो-रोकर अपना बुरा हाल कर दिया। उधर, रुपेश के नाते-रिश्तेदारों को घटना की सूचना मिलने के बाद भी वह भी मौके पर पहुंचे। इनके अलावा आसपास के ग्राम लखनवाड़ा, सेरपार, रैयतवाड़ी के ग्रामीण भी तालाब के पास जमा हो गये, पुलिस ने बताया कि, सुबह करीब 10 बजे ग्रामीण गणेश विसर्जन के लिए गांव के सरकारी तालाब गये हुए थे, रूपेश पेशे से ट्रेक्टर चालक था, वहीं ट्रेक्टर में गणेश प्रतिमा को लेकर तालाब आया था।
प्रशासन के पास सुविधाओं की कमी :
इस घटना के बाद प्रशासन की बचाव एवं आपदा प्रबंधन के व्यवस्था की भी पोल खुल गई, दरअसल घटना के करीब 5 घंटे बाद भी प्रशासन सुविधाओं के अभाव में लाश को खोजने में पूरी तरह से नाकामयाब रहा। पुलिस स्थानीय मछुआरों की मदद से जाल लेकर पूरे तालाब में शव को तलाशती रही, लेकिन काफी मशक्कत के बाद भी शव नहीं मिला, फिर बालाघाट से टीम बुलवानी पड़ी, जिसने शाम करीब 6 बजे शव को बरामद कर बाहर निकाला।
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