विश्व सिकल सेल दिवस पर CM शिवराज ने कही यह बात
विश्व सिकल सेल दिवस पर CM शिवराज ने कही यह बातSudha Choubey - RE

विश्व सिकल सेल दिवस पर CM शिवराज ने कहा- समय पर पहचान होने पर इस बीमारी का उपचार किया जा सकता है

आज विश्व सिकल सेल दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि, समय पर पहचान होने पर इस बीमारी का उपचार किया जा सकता है।
Published on

भोपाल, मध्य प्रदेश। आज के दिन 19 जून को हर साल देशभर में विश्व सिकल सेल दिवस मनाया जाता है। इसको मानाने का उद्देश्य इस बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना है। सिकल सेल बीमारी सामान्यता उन लोगों में देखने को मिलती है, जो अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, कैरिबियन द्वीप, मध्य अमेरिका, सऊदी अरब, भारत और भूमध्यसागरीय देशों जैसे- तुर्की, ग्रीस और इटली में रहते हैं। विश्व सिकल सेल दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि, समय पर पहचान होने पर इस बीमारी का उपचार किया जा सकता है।

शिवराज सिंह चौहान ने कही यह बात:

विश्व सिकल सेल दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए कहा कि, "सिकल सेल एक गंभीर अनुवांशिक बीमारी है। समय पर पहचान होने पर इस बीमारी का उपचार किया जा सकता है। आइए, विश्व सिकल सेल दिवस पर इस रोग के प्रति सजग रहने एवं उपचार के उपायों के प्रति लोगों को जागरूक करने का संकल्प लें।"

क्या है सिकल सेल:

बता दें कि, हर साल आज के दिन ‘वर्ल्ड सिकल सेल अवेयरनेस डे’ के तौर पर मनाया जाता है। यह रेड ब्लड सेल डिसऑर्डर से संबंधित एक जेनेटिक बीमारी है, जिसमें व्यक्ति के शरीर में रेड ब्लड सेल की कमी होती है। इसे सिकल सेल एनीमिया के नाम से भी जाना जाता है। हर साल इस दिन को मनाए जाने का उद्देश्य सिकल सेल डिसऑर्डर के प्रति जागरूकता फैलाना है। सिकल सेल एनीमिया असल में कई शारीरिक समस्याओं की वजह से होता है, जो रेड ब्लड सेल को प्रभावित करता है। इस बीमारी से जुड़ी सबसे अहम बात यह है कि किसी व्यक्ति को यह रोग सिर्फ जेनेटिक कारणों से ही हो सकता है।

कब हुई इसकी शुरुआत:

जानकारी के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने साल 2008 में पहली बार वर्ल्ड सिकल सेल डे मनाने की शुरुआत की थी, ताकि इस बीमारी को सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में पहचान मिल सके। संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक रूप से 19 जून को वर्ल्ड सिकल सेल जागरूकता दिवस के रूप में मनाना शुरू कर दिया।

भारत में कब आया था पहला मामला:

एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में इस रोग से जुड़ा पहला मामला साल 1952 में सामने आया था। यह मामला नीलगिरि पहाड़ियों पर रहने वाले शख्स में देखने को मिला था।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com