BU की लापरवाही : 6 साल में भी पूरे 5 करोड़ रुपए नहीं कर सका खर्च, अब हो जाएंगे लेप्स
भोपाल। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (Barkatullah University) अपनी कमियों के चलते विकास नहीं कर पा रहा है, लेकिन खस्ता हाल बीयू 6 साल में भी शासन द्वारा दिए गए करोड़ा रुपए को खर्च नहीं कर सका है। अब यह पैसा विवि खर्च भी नहीं कर पाएगा क्योंकि आज इसे खर्च करने की समय सीमा समाप्त हो रही है।
अब विवि को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए मिली करोड़ों रुपए की यह धन राशि शासन को लौटानी पड़ेंगी। इसे बचाने के लिए अब विवि प्रशासन जागा है। विवि ने आनन-फानन में कार्यपरिषद की आपात बैठक बुलाई है। अब प्रबंधन ईसी से मंजूरी लेकर इस पैसे को आगे इस्तेमाल में लाना चाहता है।
पांच में से साढ़े तीन करोड़ रुपए लौटाने होंगे
सूत्रों के अनुसार साल 2017-18 में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए बीयू को शासन से 10 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली थी। उसमें से शासन ने 5 करोड़ रुपए विवि को दे दिए थे। उसमें से विवि अब तक केवल डेढ़ करोड़ ही खर्च कर सका है और अभी भी 3. 5 करोड़ रुपए बचे हुए हैं। विवि को यह पैसा पहले अप्रैल अंत तक खर्च करना था, लेकिन उस समय विवि ने शासन से 31 मई तक का समय मांग लिया था। एक महीने का अतिरिक्त समय मिलने पर भी विवि यह पैसा अभी तक खर्च नहीं कर सका है। विवि यदि यह पैसा खर्च कर लेता तो यहां उन्नत उपकरण, रीसर्च एण्ड डेवलपमेंट, ई-रीसोर्स,भवन निर्माण आदि कार्य हो सकते थे।
ईसी के एजेंडे में शामिल बिंदु
बुधवार को बीयू में दोपहर 12 बजे स कार्यपरिषद की आपात बैठक आयोजित की गई है, जिसका मुख्य उद्देश्य और एजेंडा है सेंटर आफ एक्सीलेंस के लिए खरीदारी की अनुमति लेना। लेकिन इसमें पेच यह फंस रहा है कि विवि के पास इस मद्द से खरीदारी करने के लिए केवल आज यानि 31 मई तक का ही समय है। इसलिए अब विवि ईसी की अनुमति लेकर शासन से समय सीमा बढ़ाने की सोच रहा है। बैठक में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के अंर्तगत मनोवैज्ञानिक टेस्ट क्रय,मनोवैज्ञानिक उपकरण और एसपीएसएस साफ्टवेयर, अर्थ साइंस विभाग के लिए साफ्टवेयर खरीदने का अनुमोदन प्रस्तुत करेगा। इसके अलावा कार्यपरिषद में विद्यापरिषद की स्थाई समिति की बैठकों में की गई अनुशंसाओं को ईसी की मंजूरी के लिए रखा जाएगा। सरकारी और निजी कालेजों से संशोधित संबद्धता शुल्क प्राप्त करने की अनुमति के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
बिना पैसे रूसा के मद से खरीदी
विवि द्वारा ईसी से पूर्व में रूसा के अनुदान से की गई 23 लाख की खरीदारी की सामान्य मद से भुगतान की अनुमति मांगी जाएगी। इसके पीछे का कारण भी काफी रोचक है। एक ओर विवि किसी मद को खर्च नहीं कर पाया, वहीं दूसरी रूसा मद से खरीदी कर ली और भुगतान का समय आने पर जवादारों को पता लगा कि इस मद में पैसा नहीं है।
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