नसरूल्लागंज, मध्यप्रदेश। अशासकीय स्कूलों की तर्ज पर अब शासकीय विद्यालय का प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया पर देखने को मिला हैं। सरकार प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर सीएम राईज स्कूल के नाम से नर्सरी से अंग्रेजी माध्यम का एक स्कूल प्रारंभ करने जा रही हैं। यह विद्यालय सत्र 2021-22 से ही शुरु हो रहा हैं। जिनमें सभी प्रकार की सुविधाएं बच्चों को मुहैया कराए जाने की बात कहीं जा रही हैं। वहीं बच्चों के आवागमन के लिए सरकार बसो का इंतजाम भी कर रही हैं।
ज्ञातव्य हैं कि मप्र सरकार अशासकीय स्कूलों से प्रेरणा लेकर ब्लॉक स्तर पर सीएम सनराईज के नाम से एक स्कूल खोलने जा रही हैं। जिसमें लगभग 1500 से 2000 बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। इन बच्चों को पढ़ाने के लिए सरकार राज्य स्तर पर जहां शिक्षकों की परीक्षा आयोजित कर प्रतिभावान लोगों को शिक्षक बनने का अवसर प्रदान करेगी। सीएम सनराईज स्कूल अभी वर्तमान व्यवस्थाओं में ही संचालित किया जाएगा। इसके लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरु कर दी गई हैं। वही एक साल के अंदर 15 करोड़ की लागत से नवीन भवन का निर्माण सरकार करेगी। इन स्कूलों में ऐसे बच्चों को भी प्रवेश दिया जाएगा जो दूर गांव में निवासरत है। उनके लिए स्कूल में आवास सुविधा भी उपलब्ध रहेगी। एक से दो किमी, की दूरी पर रहने वाले बच्चों के लिए के लिए स्कूल में बस सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी, जिसमें आने वाले खर्च में से 1000 रुपए प्रति विद्यार्थी सरकार खर्च करेगी।
यह रहेंगी व्यवस्थाएं :
सोशल मीडिया पर उत्कृष्ठ विद्यालय द्वारा किए जा रहे सीएम राईज स्कूल के प्रचार . प्रसार में बताया जा रहा हैं कि स्कूल में नाम मात्र के सेवा शुल्क में सर्व सुविधा युक्त वातावरण, विषय विशेषज्ञों द्वारा अध्यापन, भारी.भरकम फीस से निजात, मुफ्त में पुस्तक व शिक्षण सामग्री, अंग्रेजी माध्यम से अध्यापन कार्यए केजी वन से कक्षा नवमीं तक स्कूल का संचालनए छोटी कक्षाओं के बच्चों के लिए एक किमी, व दो किमीण् तक बस सुविधाए नाम मात्र का वार्षिक शुल्क, स्कूल में एनसीसी, एसपीसी, रेडक्रास, एनएसएस, स्काउट सुविधा, 7 एकड़ से अधिक का परिसरए वर्चुअल कक्षाओं के माध्यम से अध्यापनए लायब्रेरी में 10 हजार से अधिक पुस्तकों का संग्रहण मौजूद रहने का प्रचार किया जा रहा हैं। स्कूल में प्रबंधन द्वारा बच्चों को प्रवेश देना शुरु कर दिया गया हैं। बताया जा रहा हैं कि इस स्कूल में 1500 से 2000 बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा।
बंद होंगे सरकारी स्कूल या अंग्रेजी स्कूलों की तरह यह प्रयोग भी रहेगा विफल : सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिवर्ष नित नए प्रयोग करती जा रही हैं। जहां पहले सरकार ने सरकारी स्कूलों में बच्चों को अंग्रेजी का बोध कराने के लिए अंग्रेजी शिक्षा को शुरू किया था। लेकिन सरकार का यह प्रयोग कागजो में सिमट कर रह गया। अंग्रेजी विषय के शिक्षकों की कमी के कारण सरकार का यह प्रयोग विफल हो गया। अब एक बड़ा प्रश्न यह भी हैं कि यदि सीएम राइज स्कूल खुलने के बाद क्या सरकार ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों को बंद कर देगी या फिर यह प्रयोग भी विफल साबित होगा।
इनका कहना है :
सीएम राइज स्कूल प्रत्येक विकासखंड स्तर पर खोले जा रहे हैं जिसमें प्रायवेट स्कूलों की तरह व्यवस्थाएं मुहैंया कराई जाएगी और नाम मात्र के सेवा शुल्क में सर्व सुविधा युक्त वातावरण, विषय विशेषज्ञों द्वारा अध्यापन कराया जाएगा।
एसपी बिसेन, जिला शिक्षा अधिकारी
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