नरसिंहगढ़, मध्य प्रदेश। झाड़ला ग्राम से पूर्व दिशा में 4 किलो मीटर दूर ग्राम जमुनिया गणेश भगवान गणेश के नाम से विख्यात है। ऐसा मना जाता है की 400-500 वर्ष पूर्व गाँव का नाम जमुनिया गाडरी हुआ करता था। एक बार तलेन क्षेत्र के लोग बैलगाड़ी से भगवान गणेश की भव्य प्रतिमा लेकर जा रह थे। वह कुछ समय गाँव में बरगद के विशाल पेड़ की छाँव मे विश्राम के लिए रुके। विश्राम के पश्चात जब वह चलने लगे तो वह बैलगाड़ी वहां से आगे नहीं बढ़ सकी और सभी बैलगाड़ी खींचने मे असर्मथ हो गए। गाँव वालों ने भी हर संभव मदद का प्रयास किया, लेकिन विफल रहा। तब सभी ग्रामवासियों और यात्रियों ने श्री गणेश जी प्रतिमा वहीं स्थापना कर दी। तभी से जमुनिया गाडरी का नाम जमुनिया गणेश के नाम से प्रदेश भर में विख्यात हुआ।
श्रद्धालु आते हैं दूर-दूर से :
आज यहाँ विशाल मंदिर बन चुका है, ग्रामीणों की आस्था से भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है। अब श्री गणेश जी के दर्शन करने दूर दूर से श्रद्धालु आते हैं और परिक्रमा करते हैं और मनोकामना पूर्ण होने पर भंडरा आदि करते हैं। गणेश उत्सव के दौरान पूरे गाँव मे गणेश जी स्थापना कि जाती है और गाँव आस्था और भक्ति में लीन होता है।
यह भी जानने योग्य है कि :
आंधी तूफान ओले जैसी प्राकृतिक आपदाऐं आज भी नहीं आती हैं।
कुम्हार का चाका नहीं चलता है।
चमड़ा नहीं पड़ सकता इस गांव में।
मदिरा पीने वाले इस गांव बिल्कुल नहीं है।
इस गांव के पूरे क्षेत्र में कहीं पर भी दारू भी नहीं बनती है।
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