पीएम आवास घोटाला
पीएम आवास घोटालासांकेतिक चित्र

पीएम आवास घोटाला, पूर्व अध्यक्ष सहित सात कर्मचारी दोषी, जल्द हो सकती है एफआईआर

नर्मदापुरम, मध्यप्रदेश : अपर आयुक्त नगरीय प्रशासन भोपाल को नगरपालिका ने सौंपा जांच प्रतिवेदन। जल्द ही इन अधिकारियों और पूर्व नपाध्यक्ष के विरुद्ध मामला दर्ज किया जा सकता है।
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नर्मदापुरम, मध्यप्रदेश। नगरपालिका परिषद में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में तत्कालीन अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये फर्जी हितग्राहियों को बांट दिये गए हैं। इसके अलावा कई हितग्राहियों को ज्यादा भुगतान भी किया गया है। इस पूरे मामले में उच्च स्तर पर जांच की जा रही है। मामले की जांच को लेकर अपर आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास मप्र शासन भोपाल द्वारा नगरपालिका सीएमओ को दिनांक 25/02/2022 को पत्र जारी कर वर्ष 2014 से नगरपालिका में पदस्थ अधिकारियों और आवास योजना में हुए भ्रष्टाचार की जांच कर प्रतिवेदन और अन्य जानकारी चाही गई थी। पत्र के परिपालन में नगरपालिका द्वारा वर्ष 2014 से 2020 तक पदस्थ अधिकारियों और उनके कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार का प्रतिवेदन सौंपा गया है। नपा द्वारा अपर आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास मप्र शासन भोपाल को दिनांक 20/05/2022 को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि पीएम आवास योजना में हुए भ्रष्टाचार में तत्कालीन सीएमओ पवन कुमार सिंह, सीएमओ अमरसत्य गुुप्ता, सीएमओ प्रभात कुमार सिंह, सहायक यंत्री महेशचंद्र अग्रवाल, सहायक यंत्री रमेशचंद्र शुक्ला, उपयंत्री रमेश वर्मा, लेखापाल विनोद रावत एवं पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष अखिलेश खंडेलवाल को दोषी मानते हुए प्रतिवेदन सौंप दिया गया है। सूत्रों के अनुसार जल्द ही इन अधिकारियों और पूर्व नपाध्यक्ष के विरुद्ध मामला दर्ज किया जा सकता है।

पीएम आवास घोटाला
पीएम आवास घोटाला: जिन हितग्राहियों का रिकॉर्ड तक नहीं, उन्हें भी बांट दिए करोड़ रुपये

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 से 2020 तक नगरपालिका के अधिकारियों की मिलीभगत से करीब 100 फर्जी हितग्राहियों को पीएम आवास योजना का लाभ दिया गया है, जिनके द्वारा न तो भवन निर्माण कराया गया है और न ही यह योजना के लिये पात्र हैं। तत्कालीन अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मिली भगत से इन फर्जी हितग्राहियों को पैसा बांटा गया है। वहीं पूरे भ्रष्टाचार के मास्टर माइंड कार्यपालन यंत्री आर.सी शुक्ला को अभी भी पीएम आवास की ही जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिससे जांच प्रभावित हो रही है। हालाकि जांच लगभग पूरी हो चुकी है और जल्द ही इनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जा सकती है।

पीएम आवास घोटाला
नगरीय प्रशासन की जांच में बड़ा खुलासा, प्रधानमंत्री आवास योजना में हुआ करोड़ों का घोटाला

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