Narmadapuram News: किसानों के फर्जी प्रकरण बनाकर बाबू और चपरासी ने डकारे ढाई करोड़, पुलिस ने दर्ज की FIR
हाईलाइट्स
सरकारी योजनाओं के हितग्राहियों की करीब ढाई करोड़ रुपयेका का आहरण।
भृत्य और बाबू ने यह कारनाम वर्ष 2018-19 से 2022-23 यानि 4 साल में किया।
ऑडिट में सामने आया था मामला।
नर्मदापुरम। जिले की डोलरिया तहसील में पदस्थ नाजिर और एक चपरासी द्वारा शासन की विभिन्न योजनाओं के तहत हितग्राहियों को प्रदान की जानी वाली करीब ढाई करोड़ की बड़ी राशि का फर्जी तरीके से आहरण कर गंभीर भ्रष्टाचार किया गया है। जिले के लगभग हर विभाग में इस तरह के करोड़ों के घोटाले लगातार सामने आना प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर बड़ा प्रश्न चिंन्ह खड़ा कर रहा है। वहीं, चुनावी साल में इस तरह के मामले सामने आना भी सत्तापक्ष के जनप्रतिनिधियों की छवि धूमिल कर रहा हैं, क्योंकि यह घोटालेबाज जनप्रतिनिधियों के संरक्षण में ही ऐसे घोटालों को अंजाम दे रहे हैं। लगातार घोटाले उजागर होने से एक बात तो तय है कि, सत्ता के साथ प्रशासन भी मिलकर शासकीय राशि का दुरुपयोग कर रहे हैं। हालांकि पुलिस ने आरोपी बाबू अमित लौवंशी, भृत्य आशीष कहार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
यह है पूरा मामला :
मिली जानकारी के अनुसार, डोलरिया तहसील के सहायक ग्रेड 3 नायब नाजिर अमित लौवंशी एवं चपरासी आशीष कहार ने तहसीलदार के हस्ताक्षर और पदमुद्रा का दुरुपयोग कर शासन द्वारा हितग्राहियों को बाढ़ आपदा के लिये दी जाने वाली राशि, किसानों को दी जाने वाली राशि, मृतकों के परिजनों को दी जाने वाली राशि में करीब 100 से ज्यादा किसानों और लोगों के फर्जी दस्तावेज और प्रकरण तैयार कर 2 करोड़ 23 लाख 35 हजार 863 रूपये की राशि आहरित की है। इन दोनों ने यह राशि अपने पत्नि, बच्चों के साथ-साथ रिश्तेदारों के खाते में ट्रांसफर कराकर शासन को चपत लगा दी।
भृत्य और बाबू ने यह कारनाम वर्ष 2018-19 से 2022-23 यानि 4 साल में किया है। जबकि इस दोनों आधा दर्जन तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार यहां पदस्थ रहे, लेकिन किसी ने भी इनके द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार की ओर ध्यान नहीं दिया। इस मामले में भी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि पूर्व में पदस्थ रहे कुछ तहसीलदारों की मिली भगत भी बताई जा रही है। इसी के चलते यह भ्रष्टाचार का खेल सालों से पनप रहा है।
ऑडिट में सामने आया था मामला
बता दें कि डोलरिया तहसील में पदस्थ नाजिर अमित लौवंशी और चपरासी आशीष कहार ने लंबे समय से मिलकर फर्जी प्रकरण तैयार कर राशि आहरित करने में जुटे हैं। कुछ माह पहले एजीएमपी द्वारा डोलरिया तहसील का ऑडिट किया गया था। जिसमें भोपाल से आई ऑडिट टीम ने ऑडिट के दौरान कई प्रकरणों संदिग्ध बताते हुए आपत्ति लगाई थी और जांच प्रतिवेदन भोपाल के वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपा था। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की गई जिसमें ढाई करोड़ का घोटाला सामने आ गया।
सालों से बाबूगिरी कर रहा चपरासी
डोलरिया तहसील कार्यालय में पदस्थ चपरासी आशीष कहार सालों से बाबू बनकर बैठा है, जो लेखा-जोखा के साथ-साथ वित्तीय प्रकरण में हस्तक्षेप रखता है। जबकि यहां करीब 6 तहसीलदार पदस्थ रहे, लेकिन किसी ने भी बाबू बनकर बैठे चपरासी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की। इसी के चलते चपरासी और बाबू ने वरिष्ठ अधिकारियों से सांठगांठ कर करोड़ों का घोटाला कर दिया है।
इनका कहना
डोलरिया तहसील के बाबू और चपरासी द्वारा लगभग 100 किसानों और हितग्राहियों के प फर्जी प्रकरण तैयार कर एवं बिल लगाकर राशि आहरित की है। दोनों के निलंबन के आदेश जारी किये जा रहे हैं, दोनों से राशि की वसूली की जायेगी।
नीरज कुमार सिंह, कलेक्टर
सरकारी राशि फर्जी तरीके से अपने परिजनों के खाते में डलवाले के मामले में नाजिर अमित लौवंशी और चपरासी आशीष कहार पर प्रभारी तहसीलदार ऋतु साल्वे की शिकायत पर धारा 409 के तहत मामला दर्ज किया है। मामले की जांच शुरू कर दी है।
खुमान सिंह पटेल, टीआई डोलरिया
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