Nagda : विधायक गुर्जर आप पार्टी के मुख्यमंत्री प्रत्याशी हो सकते हैं घोषित
नागदा जंक्शन, मध्यप्रदेश। विधानसभा चुनाव के 11 माह शेष है। भाजपा ने प्रदेश स्तर पर चुनावी बिछात बिछाना प्रारंभ कर दी है। विधायक दिलीपसिंह गुर्जर द्वारा पार्टी छोड़ने की अटकलों को लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही है। आप पार्टी मप्र का मुख्यमंत्री घोषित करने की भी बात सामने आ रही है। इनके विरोधी गुट के नेता सक्रिय होकर टिकट का सपना देख रहे है।
विधानसभा चुनाव के 11 माह शेष है। भाजपा से ज्यादा कांग्रेसी सक्रिय हो गए है। कोई भी धरना आंदोलन, धार्मिक आयोजन, घटना-दुर्घटना होती है तो मौके पर कांग्रेस के नेताओ की कतार लगने लग गई है। जबकि कांग्रेस से टिकट गुर्जर का पक्का माना जा रहा है। हाईकमान ने चुनाव की तैयारी के लिए इन्हें हरीझंडी भी दे दी है। इसके बाद भी जहां गुर्जर पहुंच रहे है वहां कांग्रेस नेता बसंत मालपानी, चेतन यादव व अन्य कांग्रेसी भी मौके पर पहुंचकर सहानुभूति बटोरने में लगे हुए है। हाईकमान ने भले ही गुर्जर को हरी झंडी दे दी। विधायक के भाजपा में जाने की अटकले पिछले ढाई वर्ष से चल रही है। हाल ही में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया से मुलाकात के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद शहर में चर्चा चल रही है कि राजस्थान में पायलेट व गेहलोत में चल रहे घमासान के चलते कांग्रेस हाईंकमान ने पायलेट से किए गए वादे पूरे नहीं किए तो पायलेट कांग्रेस से बगावत कर सकते है। ऐसे में पायलेट दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के संपर्क में भी होने की चर्चा चल रही है। इसमें खास बात यह है कि पायलेट यदि आप का दामन थामते है तो विधानसभा चुनाव में राजस्थान का मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट आप कर सकती है। पायलेट कांग्रेस छोड़ते है तो गुर्जर भी मामले में विचार करने की बात पूर्व से ही कह चुके है।
सूत्रों के अनुसार हाल ही में हुई दिल्ली में पायलेट से मुलाकात में गुर्जर को प्रस्ताव दिया गया है कि आप पार्टी की ओर से उन्हें मप्र का मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट कर प्रदेश में पार्टी को लड़ाने के लिए फंड भी मुहैया कराया जाएगा। इन सारी अटकलो को देखते हुए गुर्जर के विरोधी गुट के नेता कांग्रेस से टिकट का सपना देख रहे है। इसी को लेकर वह हर कार्यक्रम व घटना-दुर्घटना में शामिल हो रहे है। भले ही विधायक गुर्जर को लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही है। गुर्जर विधानसभा चुनाव की जमावट में पूरी तरह लग चुके है। भाजपा में दरार डालने का काम वह व उनके सहयोगी कर रहे है। इनका प्रयास है कि पिछली बार जिस व्यक्ति से चुनाव का सामना करना पड़ा था उस व्यक्ति को भाजपा से टिकट नहीं मिलना चाहिए। इसको लेकर भाजपा में कई गुट कांग्रेस ने खड़े कर दिए है। इसमें से कुछ गुट तो ऐसे है जो भाजपा प्रत्याशी का हर चुनाव में विरोध करते है और अपने आपको वरिष्ठ बताते है। ऐसे ही पार्टी के जयचंद नपा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी के सामने खड़े हुए बागियों को पुचकार उन्हें कार्यक्रमो में आमंत्रित कर रहे है। जिससे बागियों के सामने जीतकर आए पार्टी के पार्षदो में नाराजगी व्याप्त हो रही है। यह नेता चाहते भी यही है। यदि ऐसा होता है तो गुर्जर का सोचना है कि क्षेत्र में ज्यादा मेहनत करने की आवश्यकता नहीं होगी। इसको लेकर उन्होंने पर्दे के पीछे से सब तरह का सहयोग कर उन्हें टिकट का दावेदार बना दिया है। राजनीतिक विशेषज्ञो का मानना है कि जो व्यक्ति टिकट की दावेदारी करता है और पार्टी उसे टिकट नहीं देती है तो वह फिर ईमानदारी से पार्टी प्रत्याशी के लिए काम नहीं करता है।
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