नागदा जं. : अवैध कॉलोनी काटने वालों के खिलाफ जांच पड़ी ठंडे बस्ते में

नागदा जं., मध्य प्रदेश : कलेक्टर व एसडीएम के आदेश के बाद भी कर्मचारी जांच को गंभीरता से नहीं ले रहे और आदेश कि अवेहलना कर रहे। टाऊन एन कंट्री प्लानिंग से भी दल आकर करेगा जांच।
अवैध कॉलोनी काटने वालो के खिलाफ जांच पड़ी ठंडे बस्ते में
अवैध कॉलोनी काटने वालो के खिलाफ जांच पड़ी ठंडे बस्ते मेंSyed Dabeer Hussain - RE
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नागदा जं., मध्य प्रदेश। शहर में अवैध कॉलोनियों की जांच की मुहिम ठंडे बस्ते में जाते दिखाई दे रही है। टीम गठित होने के पहले दिन 8 कॉलोनी व दूसरे दिन 2 कॉलोनियों की जांच दो टीमों द्वारा की गई। इससे अवैध कॉलोनी काटने वालो में हड़कंच मच गया था। साथ ही जिन लोगों ने ऐसी कॉलोनियों में प्लाट खरीदे थे। उनकी भी धड़कनें तेज हो गई थीं। राजस्व अधिकारियों ने काम का हवाला देकर जांच मुहिम ठंडे बस्ते में डाल दी।

शहर में लगभग 100 कृषि भूमियों पर रेरा नियम तो ठीक बिना डायवर्शन के ही नाली, सड़क बनाकर कई कॉलोनी काटने वालों ने यह कहकर प्लाट काट दिए कि उनकी कॉलोनी वैध है। इनमें प्लाट सामान्य वर्गों के लोगों ने ही खरीदे हैं। मामले को प्रमुखता से उठाने के बाद कलेक्टर के आदेश के चलते एसडीएम आशुतोष गोस्वामी ने एक सप्ताह पूर्व शहर की सभी कॉलोनियों की जांच के लिए दो दल गठित किए थे। दलों द्वारा पहले दिन शहर की 8 कॉलोनियों की जांच की थी। इसमें सिर्फ दो कॉलोनियों का डायवर्शन हुआ है पर कॉलोनी काटने के नियम का पालन सभी कॉलोनियों में नहीं किए जाने की बात सामने आई थी। दुसरे दिन एक दिन ने मेहतवास क्षेत्र दो कॉलोनी की जांच की वह भी अवैध ही पाई गई। दो दल गठित करने के बाद सात दिन में सिर्फ 10 कॉलोनी की जांच की गई इसका प्रतिवेदन भी अधिकारियों ने तहसीलदार को नही सौपा। अधिकारी त्यौहारो की छुट्टी व काम की व्यवस्तता का कारण बताकर मामले को ठंडे बस्ते में डालने का प्रयास कर रहे है। सात दिन में सिर्फ 10 कॉलोनी की जांच की। शहर में लगभग 100 कॉलोनियों अवैध है इसी तरह बहाने बनाकर राजस्व अमला जांच करेगा तो एक वर्ष में भी जांच पूरी नहीं होगी। इससे तो बिलकुल भी नकारा नहीं जा सकता की अवैध कॉलोनी काटने वालो के पीछे नेता व रसूखदारों का हाथ नही है। कही न कही कॉलोनी की जांच में राजनीति हस्तक्षेप होकर मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। मामला आला अधिकारियों तक पहुंचने के बाद जांच टीम पर भी वरिष्ठ अधिकारियों की नजर है। इसमें जांचकर्ता अधिकारियों द्वारा लापरवाही की गई तो गाज उन पर भी गिर सकती है।

अवैध कॉलोनियों में प्लाट लेने वाले ठगा सकते हैं :

अवैध कॉलोनियों में कॉलोनाईजरों की दलालों से साठंगांठ के चलते 300 रूपये स्कोयरफीट के भाव को 900 रूपये तक पहुंचा दिया था। मामले की सत्यता सामने आने के बाद 900 के प्लाटों का भाव अब 600 रूपये हो गया था। कॉलोनी काटने वाले भले ही 100 स्पये स्कोयरफीट में भी प्लाट बेचते हैं तो खरीददार को नुकसान उठाना पड़ेगा। इन कॉलोनियों में प्लाट लेते हैं तो मकान बनाने मे नपा की अनुमति नही मिलेगी, साथ ही इनका नामांत्रण भी नही होगा। ऐसे में प्लाट लेने वाले ठगा सकते हैं।

तथ्यात्मक शिकायत होने के बाद भी दो माह में भी नही हुई कार्यवाही :

कलेक्टर के आदेश के बाद एसडीएम ने अवैध कॉलोनियों की जांच के बाद दल गठित कर दिए। इसके पूर्व कुछ अवैध कॉलोनियों की तथ्यात्मक दस्तावेज प्रस्तुत कर शिकायत की गई। दो माह बीत जाने के बाद भी जांच के नाम पर मामले को अधिकारियों ने अटका रखा है। सारे साक्ष्य अधिकारियों के पास उपलब्ध है। सिर्फ पटवारी की टीम के बाद इन पर कार्यवाही हो सकती है। ऐसे ही तीन वर्ष पूर्व खाचरौद में अवैध कॉलोनी काटने वालों के खिलाफ प्रकरण दर्ज हुआ था। यदि अधिकारी चाहे तो उसे आधार बनाकर कार्यवाही कर सकते हैं।

अवैध कॉलोनी के साथ मार्केटों के निर्माणों की भी होगी जांच :

वरिष्ठ अधिकारी सूत्रों के अनुसार जांच दल पर आला अधिकारियों की नजर बनी हुई है। इसके बाद कॉलोनियों का लायसेंस जारी करने वाली टाऊन एन कंट्री प्लानिंग विभाग द्वारा भी जांच दल भेजा जाएगा। इस संबंध में विभाग के अधिकारी शैलेंद्र शर्मा ने चर्चा में बताया कि अवैध कॉलोनी नागदा में कटने की शिकायतें प्राप्त हुईं हैं। राजस्व विभाग के दल द्वारा जांच की जा रही है। इनकी जांच पूरी होने के बाद उज्जैन से भी टीम भेजकर जांच कराई जाएगी। साथ ही शहर में मार्केट के हुए निर्माणों की भी जांच टीम द्वारा की जाकर नियम का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

इनका कहना :

शहर की कॉलोनी की जांच के लिए गठित किए गए दल जांच करेंगे। काम की व्यवस्तता के चलते भले ही कुछ दिन लेट हो सकते हैं। जांच कर कार्यवाही की जाएगी। इस मामले में किसी प्रकार का दबाव सहन नहीं किया जाएगा।

आशुतोष गोस्वामी, एसडीएम नागदा

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