नगर निगम चुनाव : बीजेपी और कांग्रेस की पहली पसंद रहेगी महिला मैयर
नगर निगम चुनाव : बीजेपी और कांग्रेस की पहली पसंद रहेगी महिला मैयरSyed Dabeer Hussain - RE

नगर निगम चुनाव : बीजेपी और कांग्रेस की पहली पसंद रहेगी महिला मैयर

नगरीय चुनाव को लेकर हलचल शुरू हो चुकी है। बीजेपी 30 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण देने का दावा कर रही है, तो वहीं कांग्रेस 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को तैयार है। लेकिन शहर की मौजूदा स्थिति में वार्ड अलग-अलग हैं।
Published on

भोपाल, मध्यप्रदेश। नगरीय चुनाव को लेकर हलचल शुरू हो चुकी है। बीजेपी 30 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण देने का दावा कर रही है, तो वहीं कांग्रेस 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को तैयार है। लेकिन शहर की मौजूदा स्थिति में वार्ड अलग-अलग हैं। यानि अधिकांश सामान्य वार्डों में ओबीसी, अजा-अजजा के दावेदार भी मैदान में होंगे। इधर कोर्ट के निर्णय का इंतजार हो रहा है। दोनों ही दल चुनाव को लेकर अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। बीजेपी ने स्पष्ट कर दिया है कि कोर्ट का निर्णय जो भी हो, हम चुनाव के लिए तैयार हैं। लेकिन कांग्रेस को इसमें संशय नजर आ रहा है। कांग्रेस का कहना है कि अगर चुनाव हुए तो हम पूरी ताकत से लड़ेंगे। तो आईए जानते हैं शहर की मौजूदा स्थिति और वर्ष 2014-15 में हुए नगर निगम चुनाव के रिजल्ट में किस पार्टी ने दम दिखाया और कौन हारा।

16 फरवरी 2015, जब शहर की सरकार ने शपथ ली। पूरे 5 साल का कार्यकाल 16 फरवरी 2020 को खत्म हो चुका है। तब से शहर सरकार की बागडोर दो आईएएस अधिकारियों के हाथ में है। नगर निगम कमिश्नर और संभागायुक्त निगम के प्रशासक हैं। यह पहला मौका है, जब अधिकारियों ने ही तीन बार निगम का बजट बनाया और पेश किया। इन तीन सालों में एक कमिश्नर और एक प्रशासक बदल चुके हैं। मौजूदा प्रशासक गुलशन बामरा पहले भी निगम कमिश्नर रहे हैं। इसलिए उन्हें निगम का पुराना अनुवभ है। इसका लाभ भी निगम को मिल रहा है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से ही बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ओबीसी आरक्षण खत्म करने का आरोप एक-दूसरे पर लगाना शुरू कर दिया था। दोनों ही राजनीतिक दलों ने बिना आरक्षण के चुनाव होने पर ओबीसी वर्ग को साधने के लिए 27 प्रतिशत टिकट ओबीसी वर्ग के नेताओं को देने का ऐलान किया। हालांकि कोर्ट का फैसला आना बाकी है।

बीजेपी का एक प्लान यह भी :

बीजेपी भोपाल मैयर के लिए महिला को ही आगे करने के मूड में नजर आ रही है। सूत्रों की माने तो एक बार फिर वर्तमान गोविंदपुरा से विधायक कृष्णा गौर को बीजेपी महापौर के लिए मनोनीत की सकती है। ताकि गोविंदपुरा सीट से किसी और को लाया जा सके। लेकिन ऐसा होना संभव नहीं है, श्रीमति गौर भी इसके लिए तैयार नहीं होंगी। इधर कांग्रेस में भी विभा पटेल को महापौर बनाने पर मंथन चल रहा है।

सामान्य उम्मीदवारों के लिए खुला रास्ता :

मौजूदा वार्ड आरक्षण के मुताबिक सबसे अधिक फायदे में सामान्य उम्मीदवार नजर आ रहे हैं। क्योंकि उनके वार्ड से लगे वार्ड भी सामान्य हो गए हैं। ऐसी स्थिति में उनके पास खुला विकल्प रहेगा। इसी प्रकार ओबीसी और अजा-अजा आरक्षण वाले वार्ड भी बदले जा चुके हैं। ऐसे में सबसे अधिक तत्कालीन पार्षद दूसरे वार्डों में चुनाव लड़ते नजर आएंगे।

उत्तर विधानसभा :

उत्तर विधानसभा में वार्ड नंबर 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 21 आते हैं। यानि कुल वार्ड 13, जिसमें से 7 कांग्रेस के खाते में तो 4 बीजेपी, जबकि दो निर्दलीय पार्षद बने। वर्ष 2015 के नगरीय चुनाव में इस विधानसभा में कुल मतदाता 2 लाख 36 हजार 787 थे और चुनाव के दौरान वोटिंग प्रतिशत 58.41 रहा था।

मध्य विधानसभा :

मध्य विधानसभा में वार्ड नंबर 19, 20, 22, 23, 34, 35, 42, 43, 45, 48, 49, 50, 51 आते हैं। इसमें 13 कुल वार्ड हैं। जिसमें से 6 कांग्रेस, 6 बीजेपी और 1 निर्दलीय पार्षद चुना गया था। तब के चुनाव में कुल मतदाता 2 लाख 34 हजार 428 थे। जबकि वोटिंग प्रतिशत 52.36 रहा था।

हुजूर विधानसभा :

हुजूर विधानसभा में वार्ड नंबर 1, 2, 3, 4, 5, 6, 80, 81, 82, 83, 84, 85 कुल 12 वार्ड हैं। जिसमें से 10 बीजेपी और दो कांग्रेस के खाते में गए थे। पहले इस विधानसभा से सिर्फ 4 वार्ड थे, लेकिन चुनाव से पहले हुए परिसीमन के बाद वार्डों की संख्या 12 हो गई। चुनाव के दौरान तब मतदाता 1 लाख 98 हजार 174 थे। वोटिंग प्रतिशत 54.74 रही थी।

दक्षिण-पश्चिम विधानसभा :

दक्षिण-पश्चिम विधानसभा में वार्ड नंबर 24, 25, 26, 27, 28, 29, 30, 31, 32, 33, 46, 47 कुल 12 वार्ड हैं। तब मतदाता 2 लाख 22 हजार 277 दर्ज थे और वोटिंग प्रतिशत 54.92 रहा था। जिसमें से 6 कांग्रेस, 5 बीजेपी और एक निर्दलीय के खाते में गई।

नरेला :

नरेला विधानसभा में वार्ड नंबर 36, 37, 38, 39, 40, 41, 44, 58, 59, 69, 70, 71, 75, 76, 77, 78, 79 कुल 17 वार्ड हैं। जिसमें से 14 बीजेपी और 3 कांग्रेस पार्षद चुनाव जीते। तब मतदाता 2 लाख 97 हजार 016 थे और वोटिंग प्रतिशत 58.49 रहा था।

गोविंदपुरा :

गोविंदपुरा विधानसभा में वार्ड नंबर 52, 53, 54, 55, 56, 57, 60, 61, 62, 63, 64, 65, 66, 67, 68, 72, 73, 74 कुल 18 वार्ड हैं। जिसमें से 16 में बीजेपी और मात्र दो कांग्रेस पार्षद चुने गए। वर्तमान में एक पूर्व पार्षद कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आ चुके हैं। तब मतदाता 3 लाख 25 हजार 338 थे, वोटिंग प्रतिशत 55.74 रहा था।

वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में 310417.58 लाख रूपए :

इस साल के बजट में 20 करोड़ वाले नगर निगम के नए मुख्यालय सहित 125 करोड़ से शहर की सड़कें, 100 करोड़ एसबीएम में खर्च, अमृत फेस-टू में 250 करोड़ वॉटर सप्लाई नेटवर्क, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, 140 करोड़ रूपए से नए शॉपिंग कॉम्पलेक्स, 2 करोड़ से ट्राफिक सिग्नल सुधार, 7 करोड़ से सौंदर्यीकरण, हाऊसिंग फॉल ऑल के अधूरे प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए 300 करोड़, 10 करोड़ से नए सीएनजी वाहनों की खरीदी होगी।

अभी इन चुनौतियों से जूझ रहा निगम :

वर्तमान में नगर निगम के सामने सबसे बड़ी चुनौती शहर की वॉटर सप्लाई और सीवेज की है। बीते एक साल से शहर में खुदाई चल रही है, इसकी बजह से सड़कें पूरी तरह खराब हैं। बरसात में स्थिति ओर खराब हो जाएगी। नियमानुसार अगस्त के बाद ही शहर के मेंटनेंस का काम शुरू होगा। यानि चुनाव में सबसे अधिक मुद्दे भी यही रहने वाले हैं।

कचरा-पानी का बिल महंगा हो चुका है :

हाल ही में पेश हुए बजट में नगर निगम ने कोई नया टैक्स तो नहीं लगाया, लेकिन पानी बिल पर जरूर 30 रूपए महीना वृद्धि कर दी। करीब 2400 वर्गफीट से छोटे मकानों पर 210 रूपए महीना पानी बिल किया गया, जबकि 2400 वर्गफीट से बड़े भवन पर 300 रूपए महीना बिल। पहले कॉमर्शियल और बल्क कनेक्शन सहित कच्चे मकान, झुग्गी को छोड़कर सभी तरह के मकानों से 180 रूपए महीना बिल लिया जाता था। जबकि कच्चे मकान, झुग्गी का 30 रूपए महीना बिल आता है। इसी तरह ठोस अपशिष्ट प्रभार 30 रूपए महीना से बढ़ाकर 60 और 90 कर दिया। पहले मात्र 1 रूपए दिन, यानि 30 रूपए महीना ही कचरे के लिए जाते थे।

कोर्ट का निर्णय जो भी हो, बीजेपी चुनाव के लिए तैयार है :

बीजेपी जिलाध्यक्ष सुमित पचौरी बताते हैं कि नगरीय निकाय चुनाव को लेकर कोर्ट जो भी निर्णय देगी, हमारी पार्टी हर स्थिति में चुनाव लड़ऩे को तैयार है। हमारे नेता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान साफ कह चुके हैं कि ओबीसी रोस्टर का पूरा पालन किया जाएगा। हर स्थिति में मैयर से लेकर पार्षद उम्मीदवार हमारे पास हैं और हर सीट पर बीजेपी जीत दर्ज कराएगी।

अगर चुनाव होते हैं तो कांग्रेस चुनाव लड़ेगी :

इधर कांग्रेस जिलाध्यक्ष कैलाश मिश्रा ने बताया कि आरक्षण को लेकर कोर्ट में बहस चल रही है। लेकिन अगर चुनाव होते हैं तो कांग्रेस पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी। हमारी पाटी 27 प्रतिशत आरक्षण देने को तैयार है।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com