राज एक्सप्रेस। सहकारिता विभाग में फर्जीवाड़ा रुकने का नाम नही ले रहा है। जिले में सहकारिता उपभोक्ता भंडारों में समय-समय पर कई घोटाले उजागर हुए, लेकिन उचित कार्यवाही नही होने के कारण फर्जीवाड़ा लगातार जारी है। ऐसा ही एक मामला हाल ही सामने आया है। पुलिस थाने में मामला दर्ज होने के बाद आरोपियों द्वारा पुलिस जांच में सहयोग नही करने पर थाना प्रभारी को आरोपियों के साथ अनुविभागीय अधिकारी को पत्र लिखना पड़ा। इसके बाद भी भण्डार का संचालन आज भी बेधड़क किया जा रहा है।
क्या है मामला :
नगरीय क्षेत्र में संचालित दीनदयाल सहकारी उपभोक्ता भण्डार के अध्यक्ष एवं प्रंबधक ने भण्डार के चुनाव के दौरान एक मृत्य व्यक्ति को भण्डार का संचालक बना दिया। इसके अलावा कई अन्य फर्जी सदस्य दर्शाकर उपभोक्ता भण्डार का संचालन किया जा रहा था। जिसकी शिकायत पर पुलिस ने धारा 419, 420, 467, 468 आइपीसी के तहत अध्यक्ष शौरभ जैन प्रबन्धक प्रदीप राय और सहकारिता अधिकारी सीएल मौर्य पर मामला दर्ज किया था। जिसके बाद से उक्त आरोपी फरार चल रहे हैं।
जांच में सहयोग करने पुलिस ने सौंपा पत्र :
पुलिस थाने में मामला दर्ज होने के बाद पुलिस के द्वारा आरोपियों को सूचित कर संस्थान से सम्बंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कई बार कहा- लेकिन दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने पर थाना प्रभारी ने 12 सितम्बर 2019 को अनुविभागीय अधिकारी को पत्र लिख कहा कि आपके कार्यालय के अंर्तगत संचालित उचित मूल्य की दुकान के अध्यक्ष एवं प्रबन्धक को निर्देशित करें कि, वह संस्था के मूल रिकार्ड पुलिस थाने में प्रस्तुत करें।
एसडीएम ने दिया कारण बताओ नोटिस :
संस्था के द्वारा पुलिस को मूल दस्तावेज नहीं दिए जाने पर पुलिस के द्वारा एसडीएम को पत्र लिखे जाने के बाद उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय सहकारी उपभोक्ता भण्डार के अध्यक्ष एवं प्रबंधक को नोटिस जारी कर कहा कि, पुलिस की जांच में सहयोग करें एवं मूल दस्तावेज पुलिस को प्रस्तुत करने के साथ अपना जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है, लेकिन संस्था के अध्यक्ष ने तीन सप्ताह बीतने के बाद भी आज तक पुलिस को किसी भी तरह के दस्तावेज नहीं सौंपे एवं किसी भी तरह का जांच में सहयोग नही किया जा रहा है।
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