मुलताई, मध्यप्रदेश। पवित्र नगरी में श्रावण मास में प्रतिदिन धार्मिक आयोजन एवं अनुष्ठान संपन्न हो रहे हैं जिससे पूरे नगर का माहौल शिवमय हो गया है। बुधवार ग्राम जौलखेड़ा से कांवरिया मां ताप्ती का जल लेने मुलताई पहुुंचे जहां पूजा अर्चना के बाद ताप्ती जल कांवर में भरकर प्रदक्षिणा मार्ग का परिक्रमा लगाया गया जिसके बाद कांवर यात्रा जौलखेड़ा के लिए रवाना हुई।
इस दौरान डीजे की धुन पर कांवरियां हर हर महादेव एवं बम बम भोले के जयकारे लगाते रहे जिससे पूरा नगर गूंज उठा। कांवर यात्रा में अश्व पर विराजे भगवान शिव की झांकी आकर्षण का केन्द्र रही वहीं शिव भक्त हाथों में कांवर के साथ ध्वजाएं एवं त्रिशूल भी लेकर चल रहे थे। इस दौरान रिमझिम बारिश होने से भक्तों का उत्साह दोगुना हो गया एवं हाथों में कांवर लेकर भक्त झूम-झूम कर नाचे।
ताप्ती तट पर प्रदक्षिणा मार्ग की परिक्रमा लगाकर कांवर यात्रा मुख्य मार्ग पर पहुंची जहां ताप्ती भक्त अजय यादव द्वारा कांवरियों का स्वागत किया गया। इसके बाद बस स्टेंड पर टैक्सी यूनियन के बब्बल सेवतकर द्वारा कांवरियों पर फूल बरसा कर उन्हें फलाहार कराया गया। इसके बाद कांवर यात्रा डीजे की धुन पर थिरकती हुई बैतूल रोड स्थित गुरूकृपा रेस्टारेंट के पास पहुंची जहां जिला पंचायत सदस्य राजा पंवार ने कांवर यात्रा का जोरदार स्वागत फूल बरसाकर किया गया। इसके बाद वहां कांवर यात्रियों को जल पान कराया गया । इसके बाद कांवर यात्रा जौलखेड़ा के लिए रवाना हुई।
ताप्ती जल से भगवान शिव का किया अभिषेक :
जौलखेड़ा से श्रावण मास में प्रतिवर्ष कांवर यात्रा का आयोजन किया जाता है लेकिन पिछले वर्ष लाकडाउन के कारण कांवर यात्रा स्थगित की गई थी। इस वर्ष धूमधाम से बुधवार कांवर यात्रा जौलखेड़ा से निकली जो ताप्ती जल लेकर वापस जौलखेड़ा पहुंची। जौलखेड़ा निवासी शिव भक्त पिंकू पंवार ने बताया कि गांव में लगभग पांच सौ वर्ष पुराना शिव मंदिर है जो जन-जन की आस्था का केन्द्र है। यहां प्रचीन शिवलिंग के दर्शन एवं पूजन के लिए दूर दूर से शिव भक्त पहुंचते हैं। श्रावण मास में इस प्राचीन शिवलिंग पर पवित्र नगरी से ताप्ती जल लाकर अभिषेक किया गया तथा विधि विधान से पूजा अर्चना संपन्न की गई।
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