श्रमिकों के लिए MP बनाये जाएंगे 10 नए अस्पताल, केंद्रीय मंत्री यादव ने जमीन उपलब्ध कराने सीएम से किया आग्रह
भोपाल। मप्र के 10 और जिलों में श्रम विभाग के तहत प्रदेश के श्रमिकों के लिए अस्पताल बनाए जाएंगे। केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री भूपेन्द्र यादव ने सोमवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के साथ बैठक में नए अस्पतालों के निर्माण के लिए जमीन की मांग की है। जिन जिलों में नए अस्पताल बनेंगे, उनमें बैतूल, छतरपुर, दमोह, गुना, नरसिंहपुर, राजगढ़, सीहोर, सिवनी, सीधी और उमरिया शामिल है।
मुख्यमंत्री चौहान और केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री यादव ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास समत्व भवन में हुई बैठक में प्रदेश में श्रम विभाग के चिकित्सालयों में सुविधाएं बढ़ाने और श्रमिकों के उपचार के लिए सुविधाओं में वृद्धि संबंधी विचार-विमर्श किया। साथ ही नगरीय निकायों के अनुबंधित कर्मचारियों के लिए भी श्रम विभाग की ओर से स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने पर चर्चा हुई। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने जमीन देने के लिए सीएम से आग्रह किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा है कि केंद्रीय श्रम मंत्रालय द्वारा श्रमिकों के हित में संचालित स्वास्थ्य संस्थाओं के विस्तार के लिए राज्य सरकार द्वारा पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाएगा। प्रदेश के श्रमिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए सरकार आवश्यक प्रस्ताव भी केन्द्र को देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धार जिले में औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर के संस्थान में कार्यरत श्रमिकों और अंचल की अन्य औद्योगिक इकाइयों के श्रमिकों के बेहतर उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज प्रारंभ किए जाने की पहल सराहनीय है। राज्य सरकार द्वारा आवश्यक अधो-संरचनात्मक कार्य तत्परता से करवाए जाएंगे। इसी तरह जिलों में स्वास्थ्य संस्थाओं के निर्माण और विकास के लिए भूमि एवं अन्य सुविधाएं दिलवाई जाएंगी। केंद्रीय मंत्री यादव ने कहा कि अब उद्योग एवं व्यवसायों से उत्पन्न स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार के प्रबंध आवश्यक हैं।
इस संबंध में श्रम मंत्रालय सजग है। वस्त्र व्यवसाय के कारीगर, पत्थर खदान श्रमिक और अन्य उद्योगों से जुड़े लोगों की स्वास्थ्य समस्याओं के लिए विशेष उपचार की व्यवस्था की जा रही है। मप्र के जबलपुर में 100 बिस्तर क्षमता के अस्पताल के लिए अनुमोदन हुआ है। इसके लिए भूमि की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में चिकित्सक पदस्थ किए जा रहे हैं। इंदौर के ईएसआईसी अस्पताल पर साढ़े 3 लाख से अधिक श्रमिक निर्भर हैं। यहां सुपर स्पेशलिटी सेवाएं भी प्रदान की जा रही हैं। बताया गया कि वर्तमान में प्रदेश में एक ईएसआईसी अस्पतालए 6 ईएसआईएस हॉस्पिटल और 42 डिस्पेंसरी संचालित हैं। प्रदेश के करीब 10 लाख श्रमिक इनका लाभ ले रहे हैं।
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