राष्ट्रपति से मिले मध्यप्रदेश की पिछड़ी जनजाति के प्रतिनिधि
राष्ट्रपति से मिले मध्यप्रदेश की पिछड़ी जनजाति के प्रतिनिधिRE- Bhopal

राष्ट्रपति से मिलेंगे मध्यप्रदेश की विशिष्ट पिछड़ी जनजाति के प्रतिनिधि

इसमें मध्यप्रदेश की बैगा जनजाति के 24, सहरिया के 20 और भारिया के 21 प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस प्रतिनिधि मंडल में 13 महिलाएं भी शामिल होंगी।
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Tribes Conference with Draupadi Murmu: आज मध्यप्रदेश की विशिष्ट पिछड़ी जनजाति (पी.वी.टी.जी.) के 65 प्रतिनिधि राष्ट्रपति से मिलेंगे। राष्ट्रपति भवन में विशिष्ट पिछड़ी जनजाति सम्मेलन का आयोजन किया जाना है। इस सम्मलेन में देश भर की विभिन्न जनजातियों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इसमें मध्यप्रदेश की बैगा जनजाति के 24, सहरिया के 20 और भारिया के 21 प्रतिनिधि शामिल होंगे। प्रतिनिधि मंडल में 13 महिलाएं भी शामिल है। इस 2 दिवसीय कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के 14 विशिष्ट जनजाति बाहुल्य जिले छिन्दवाड़ा, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, दतिया, अशोकनगर, मुरैना, श्योपुर, बालाघाट, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडौरी और मंडला से लोग शामिल होंगे।

इस दौरान इन इस दल की मुलाकात देश की पहली जनजातीय महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से होगी। देश का नया संसद भवन बन कर तैयार हो गया है, इन आदिवासी प्रतिनिधियों को नए संसद भवन का भ्रमण भी करवाया जाएगा। यह कार्यक्रम कर्तव्य पथ स्थित डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में होने जा रहा है। मध्यप्रदेश के अलावा देशभर से आए लगभग 1456 जनजातीय प्रतिनिधि भी इस सम्मलेन में भाग लेंगे

इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों की होगी प्रस्तुति :

इस कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के बैगा समुदाय की "परधौनी नृत्य" की विशेष प्रस्तुति होगी। इस कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह समेत जनजातीय कार्य मंत्री मीना सिंह ने चयनित प्रतिभागियों और जनजातीय कलाकारों को शुभकामनायें दी। छिंदवाड़ा के पातालकोट की विशिष्ट पिछड़ी जनजाति भारिया इस कार्यक्रम में 'पातालकोटवासी है आदिवासी...', 'बारह गांव घूमना गारे...' और 'धीरे-धीरे जाइस दूधी नदी...' गीतों की प्रस्तुति देंगे।

राष्ट्रपति के लिए लेकर गए छिंद का "मोर-मुकुट" :

मध्यप्रदेश के छिन्दवाड़ा जिले के तामिया और पातालकोट के विशिष्ट पिछड़ी जनजाति भारिया के निवासी राष्ट्रपति के लिए विशिष्टत छिंद का मोर-मुकुट बनाकर ले गए हैं। साथ ही ये लोग पातालकोट की गुफाओं में पाई जाने वाली 24 तरह की दुर्लभ व विशिष्ट जड़ी-बूटियां और खाद्य सामग्री भी बतौर उपहार राष्ट्रपति के लिए लेकर गए हैं। इस खाद्य सामाग्री में पातालकोट का प्राकृतिक शहद, अचार, चिरौंजी, गुल्ली, महुआ, बल्हर बीज, हर्रा, सवॉ, कुटकी और गुठली आम भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को दिए जाने वाले उपहारों में शामिल है।

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