MP : लंपी वायरस के संबंध में सीएम शिवराज ने गोपालक और पशुपालकों को दिया यह संदेश
मध्यप्रदेश। देश-प्रदेश में पशुओं में तेजी से फैल रहे लंपी वायरल (Lumpy Virus) के कारण हड़कंप मचा हुआ है। प्रदेश में लंपी वायरस पशुओं के लिए कहर बन गया है, यहां अब तक कई पशु लंपी वायरस से प्रभावित हुए है जिसमें 101 पशुओं की मौत हो गई है। इस बीच मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में लंपी वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच पशुओं के मुफ्त टीकाकरण किए जाने की घोषणा की है, वहीं गोपालक और पशुपालकों को ये संदेश दिया है।
सीएम शिवराज का संदेश
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संदेश देते हुए कहा कि, हमारे पशुधन पर Lumpy Virus के रूप में बड़ा संकट आया है। इसे नियंत्रण करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। मुझे विश्वास है कि कोविड-19 की तरह हम यह लड़ाई भी जीतेंगे। मेरे पशुपालक भाइयों-बहनों, संकट की इस घड़ी में सरकार आपके साथ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, मेरे प्रिय, गोपालक और पशुपालक बहनों और भाइयों ! हमारे पशुधन पर लंपी वायरस बीमारी के रूप में एक बड़ा गंभीर संकट आया है। लंपी वायरस तेजी से मध्यप्रदेश में भी पैर पसार रहा है। हम अपने पशुओं को, विशेषकर गौ-माता को मां मानकर पूजा करते हैं। गौ-माता हो, बाकी पशु हों, हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का काम करते हैं। आज जब वो संकट में हैं तो हमारा कर्तव्य है, हम इस संकट से निकालने के लिए भरपूर प्रयास करें। सरकार आपके साथ है।
इस बीमारी का टीका भी हम फ्री में लगा रहे हैं,लेकिन सावधानी आपको भी रखनी पड़ेगी।अगर सावधानी नहीं रखी तो हमारा पशुधन गहरे संकट में आएगा।हम प्राणियों में भी वही चेतना देखते हैं जो मनुष्यों में है। इसलिए प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो यह हमारा मूल मंत्र है, विश्व के कल्याण में चाहे गौवंशी हो,भैंस वंशी हो,हमारे इन पशुओं का कल्याण भी शामिल है। इसलिए आवश्यकता इस बात की है कि हम तत्काल रोग के लक्षण को पहचाने। लंपी वायरस से संक्रमित पशुओं में कई तरह के बदलाव आते हैं। अगर आपके पशुओं में यह लक्षण दिख रहे हों तो तत्काल उनका इलाज करवायें।
आगे मुख्यमंत्री ने कहा कि, संक्रमित होने पर पशुओं को बुखार आने लगता है और सुस्त हो जाते हैं। पैरों में सूजन,आंखों से पानी और मुंह से लगातार लार निकलने लगती है।शरीर में गठान पड़ने लगती है,जो गोल व उभरी होती है।पशुओं का वजन कम होने लगता है,पूरे शरीर पर छोटे-छोटे घाव जैसे उभरे निशान दिखाई देने लगते है, दूध देने वाले पशुओं का दूध भी बंद या कम हो जाता है। इसलिए इस रोग से अपने पशुओं को बचाने के लिए तुरंत उपाय करने की आवश्यकता है क्योंकि यह बीमारी पशुओं से पशुओं में फैलती है।
💠 यह रोग मच्छर, काटने वाली मक्खी इत्यादि के द्वारा भी एक पशु से दूसरे पशु में फैलता है, लेकिन यह बीमारी पशुओं से मनुष्यों में नहीं फैलती।
💠 पशुओं के संक्रमित होने के बाद यह वायरस तेजी से फैलता है इसलिए बेहतर है कि कुछ सावधानियां रखकर पशुओं को संक्रमित होने से बचाया जाए।
💠 किसी भी एक पशु में लक्षण दिखने पर तुरंत उसे बाकी पशुओं से अलग करें और पशु चिकित्सक से संपर्क करें।पशुओं को मक्खी, मच्छर,जूं आदि परजीवियों से बचा कर रखें। संक्रमित इलाके में।
💠 कीटाणुनाशक का छिड़काव करें। लंपी वायरस से मृत पशुओं के शव को खुले में ना छोड़ें बल्कि गहरा गड्ढा करके उसमें दफना दें।
💠 सरकार की तरफ से फ्री में टीका लगाया जा रहा है, ज्यादा से ज्यादा टीकाकरण इस रोग की रोकथाम कर सकता है इसलिए टीकाकरण अवश्य कराएं।
💠 हमारे पशु-चिकित्सक और बाकी अमला उपचार और रोग के संबंध में आपको सहयोग करने के लिए और परामर्श देने के लिए उपलब्ध है।
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