हाइलाइट्स
एमपी में OBC आरक्षण के पक्ष में और उसके खिलाफ 91 याचिकाएं दायर।
HC ने सभी याचिकाओं पर अगली सुनवाई 26 फरवरी को निर्धारित की।
OBC की तरफ से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर - विनायक शाह ने पेश की दलील।
OBC Reservation Case Hearing on 26th February : जबलपुर। मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किए जाने से संबंधित याचिकाओं की सुनवाई फिर टल गई है। हाईकोर्ट के जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ को बताया गया कि, ओबीसी आरक्षण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर सुनवाई फरवरी माह में निर्धारित है। इसके बाद युगलपीठ ने सभी याचिकाओं पर अगली सुनवाई 26 फरवरी को निर्धारित कर दी। ओबीसी की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर व विनायक शाह ने दलील पेश की।
दरअसल, मध्यप्रदेश में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण किये जाने के पक्ष में और उसके खिलाफ लगभग 91 याचिकाएं दायर की गई है। जिस पर बीते दिन सोमवार को हाई कोर्ट की जबलपुर पीठ ने सुनवाई की गई। इस दौरान राज्य शासन की ओर से हाई कोर्ट को बताया गया कि इन मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर याचिकाएं लंबित हैं, सुप्रीम कोर्ट में इन मामलों पर 13 फरवरी को सुनवाई निर्धारित है।
याचिका में कहा गया कि, अगर ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत कर दिया गया तो कुल आरक्षण 50 प्रतिशत हो जायेगा जो सुप्रीम कोर्ट की बैंच द्वारा पारित किये आदेश के विरुद्ध होगा। इसके अलावा याचिकाओं में यह भी बताया गया कि, सरकार ने 87 पदों पर भर्ती की, इसके साथ ही ओबीसी और सामान्य वर्ग के लिए 13:13 प्रतिशत आरक्षित रखा जो नियम के खिलाफ है। याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से अदालत के सामने यह सभी जानकारियां पेश की गई। युगलपीठ ने सभी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 26 फ़रवरी निर्धारित की है।
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