MP News : IFS कैडर का प्रशासनिक ढांचा चरमराया, पद खाली फिर भी नहीं हो पा रहे प्रमोशन
भोपाल। किसी भी सेवा का प्रशासनिक ढांचा पिरामिड आकार का होना बेहतर माना गया है। मप्र में आईएफएस कैडर का प्रशासनिक ढांचा चरमराया गया है। चिंताजनक पहलू यह है कि अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन संरक्षक के पद रिक्त हैं। खासतौर से कैडर के मुख्य वन संरक्षक के पद पर सर्किल में वन संरक्षक स्तर के अधिकारियों की पोस्टिंग करना पड़ रही है। यही नहीं, सेवा आर्हता पूरा नहीं करने की वजह से एपीसीसीएफ और सीसीएफ के पदों पर प्रमोशन तक नहीं हो रहे हैं।
2002 में पीसीसीएफ का एक प्लस दो और एपीसीसीएफ 4 पद कैडर में और इतने ही पद एक्स कैडर में थे। 2008 में हुई कैडर रिव्यू में एपीसीसीएफ के 10 पद कैडर में और एक्स कैडर में भी 10 पद स्वीकृत हुए। 2015 में हुए कैडर रिव्यू में एपीसीसीएफ के 21 पद स्वीकृत किए गए और उसके विरुद्ध 42 पद काम करने लगे। इसके बाद एपीसीसीएफ के पदों की संख्या बढ़कर 58 कर दी गई है। वर्तमान की स्थिति यह है कि एपीसीसीएफ के 10 पद रिक्त हैं। इसी प्रकार कैडर में सीसीएफ के 59 पद हैं, जिसमें से केवल 13 सीसीएफ ही कार्यरत हैं। यानी नौबत यह बन गई है कि अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन संरक्षक के पद पर प्रमोशन पाने के लिए कोई भी आईएफएस सेवा आर्हता पूरा नहीं कर पा रहा है। वन विभाग के जिम्मेदारों द्वारा प्रशासनिक ढांचे को सुधारने की दिशा में कोई पहल भी नहीं की जा रही है। कैडर रिव्यू के प्रस्ताव को केंद्रीय कार्मिक विभाग ने संशोधन के लिए एमपी को लौटा दिया है ।
18 वनमंडल से हट जाएंगे सीएफ
प्रस्ताव से सरकार सहमत हुई, तो एपीसीसीएफ के पद कम हो जाएंगे और सीसीएफ , सीएफ , डीएफओ के पद बढ़ जाएंगे। यानी फील्ड में ज्यादा अफसर पदस्थ होंगे। हालांकि इससे उन 18 वनमंडल के सीएफ की कुर्सी छिन जाएगी, जिनमें डीएफओ को हटाकर उन्हें पदस्थ किया गया है। इन वनमंडलों में भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, सीहोर, छतरपुर, दमोह, देवास, गुना, खंडवा, नरसिंहपुर, सतना, शिवपुरी, विदिशा, होशंगाबाद, डिंडोरी, उमरिया और कटनी शामिल हैं।
कैडर में खामियां
कैडर में खामियां हैं, इसलिए विभाग ने केंद्रीय कार्मिक विभाग में लंबित कैडर प्रस्ताव में एपीसीसीएफ और सीसीएफ के पद कम किए हैं। दरअसल, 1978, 1979 एवं 1980 बैच में 90 आईएफएस रहे इन अधिकारियों को सेवानिवृत्ति से पहले पदोन्नति दिए जाने के कारण ऐसे हालात बने हैं। उन अधिकारियों को पदोन्नत करने के लिए केंद्र सरकार से अस्थाई मंजूरी ली गई थी। ऐसे 13 पद थे, जो समय पूरा होने के बाद भी समाप्त नहीं किए गए। अब ऐसे हालात बन गए हैं कि 24 साल की सेवा पूरी करने वाले सीसीएफ नहीं मिले रहें हैं जो कि एपीसीसीएफ बन सकें।
केंद्रीय कार्मिक विभाग में अटका प्रस्ताव
पद -- वर्तमान -- प्रस्तावित
हॉफ (वन बल प्रमुख ) 01 -- 0
एपीसीसीएफ 2 5 -- 18
सीसीएफ 51 -- 34
सीएफ 40 -- 30
डीएफओ 59 -- 90
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