SC/ST एक्ट केस पर MP हाईकोर्ट : स्टाफरूम में  चमार कहना अपराध नहीं
SC/ST एक्ट केस पर MP हाईकोर्ट : स्टाफरूम में चमार कहना अपराध नहींSocial Media

SC/ST एक्ट केस पर MP हाईकोर्ट : स्टाफरूम में चमार कहना अपराध नहीं

मध्य प्रदेश से एक मामला सामने आया है। इस मामले के तहत MP हाईकोर्ट में SC/ST एक्ट को लेकर एक याचिका दायर की गई है। इस याचिका की सुनवाई करते हुए दिए गए हाईकोर्ट के बयान पर सब हैरान है।
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मध्य प्रदेश, भारत। जैसा कि, सभी को पता है कि, SC/ST एक्ट 1989 के तहत किसी को उसकी जात को लेकर कुछ बोला जाए या उस आधार पर प्रताड़ित किया जाए तो, यह एक अपराध होता है, लेकिन अब ऐसा माना जा रहा है कि, यह अपराध सिर्फ 'सार्वजनिक स्थान' पर ही माना जाएगा। यदि किसी बंद कमरे में कोई बोले तो ये अपराध नहीं होगा। ऐसा मध्य प्रदेश के हाईकोर्ट का कहना है। जी हां, SC/ST एक्ट पर दायर की गई एक याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कुछ इस तरह का ही बयान दिया है।

SC/ST एक्ट पर याचिका दायर :

दरअसल, मध्य प्रदेश से एक मामला सामने आया है। इस मामले के तहत MP हाईकोर्ट में SC/ST एक्ट को लेकर एक याचिका दायर की गई है। याचिका डायरकर्ता का आरोप है कि, उसे स्टाफरूम मीटिंग के दौरान शिकायतकर्ता को चमार का जिक्र करते हुए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। इस मामले पर जब सुनवाई हुई तो, हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि, स्टाफरूम 'सार्वजनिक स्थान' नहीं है और ऐसे में इसे अपराध नहीं माना जा सकता है।

बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट :

बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि, 'आरोपी याचिकाकर्ताओं ने कथित तौर पर स्टाफ रूम मीटिंग के दौरान शिकायतकर्ता को चमार का जिक्र करते हुए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। मामले में जस्टिस विशाल धगट सुनवाई कर रहे थे। कोर्ट का कहना था कि चूंकि स्टाफ रूम ऐसी जगह नहीं, जो सार्वजनिक रूप से नजर में आती हो। ऐसे में आरोपी के खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है।'

कोर्ट का कहना :

कोर्ट का कहना है कि, 'SC/ST Act की धारा 3(1)(x) के तहत सार्वजनिक जगह पर अनुसूचित जाति या अनुसूचिज जनजाति के व्यक्ति का अपमान करना या धमकाने के चलते दंड दिया जा सकता है। यह साफ है कि SC & ST (POA) Act की धारा 3(1)(x) के तहत सार्वजनिक स्थान पर किए गए अपराध को अपराध माना जाएगा। स्टाफ रूम ऐसी जगह नहीं है, जो सार्वजनिक हो। ऐसे में याचिकाकर्ताओं के खिलाफ SC & ST (POA) Act की धारा 3(1)(x) के तहत अपराध नहीं बनता है।'

आरोपों को किया खारिज :

कोर्ट ने इस तरह का बयान तो दिया ही इतना ही नहीं कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 294 के तहत दर्ज आरोपों को भी खारिज कर दिया। साथ ही कहा कि, स्कूल का स्टाफ रूम ऐसी जगह नहीं है, 'जहां आम जनता बगैर अनुमति के जा सके। ऐसे हालात में याचिकाकर्ताओं के खिलाफ IPC की धारा 294 के तहत अपराध नहीं बनता है। IPC की धारा 506 के तहत भी याचिकाकर्ताओं के खिलाफ अपराध नहीं बनता है।'

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