अम्बेडकर महाकुंभ से जनजातीय वर्ग को साधेगी मध्यप्रदेश सरकार ,एससी के लिए आरक्षित है 35 विधानसभा सीटें
भोपाल। विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार प्रदेश के कमोबेश सभी वर्गों को साधने की कवायद में लगी है। पेसा एक्ट के जरिये सरकार पहले ही जनजातीय वर्ग में गहरी पैठ बना चुकी है। इधर आधी आबादी यानि महिलाओं को साधने के लिए अब तक की सबसे बड़ी वेलफेयर स्कीम सीएम लाड़ली बहना योजना के नाम से लांच कर ही चुकी है। इस बीच अब अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को साधने की कोशिशों में सरकार जुट गई है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए राज्य सरकार 16 अप्रैल को ग्वालियर में डॉ. अम्बेडकर महाकुंभ का आयोजन करने जा रही है।
मंगलवार को कैबिनेट से पहले अनौपचारिक कैबिनेट में इस बारे में सहमति बन गई है। इससे पहले 14 अप्रैल को भी डॉ. अम्बेडकर की जयंती पर प्रदेश के सभी जिलों में कार्यक्रम होंगे। इस दौरान सभी मंत्री अपने गृह जिले के कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। यहां बता दें कि प्रदेश में विधानसभा की 35 सीटें अनुसूचित जाति बहुल हैं। ये सीट इसी वर्ग के आरक्षित है। मौजूदा विधानसभा में इनमें से 20 सीटें भाजपा के पास हैं, वहीं कांग्रेस के पास 15 सीटें है। अब कांग्रेस की सीटों पर सेंध लगाने की तैयारी की जा रही है। प्रदेश के कुल वोटरों में इस वर्ग के वोटरों की संख्या लगभग 15 फीसदी है। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ग्वालियर में होने वाले महाकुंभ के दौरान इस वर्ग को साधने के लिए बड़ी घोषणा कर सकती है।
लाड़ली बहना योजना के लिए अब तक 47 लाख 94 हजार पंजीयन
अनौपचारिक चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि लाड़ली बहना योजना को लेकर जनता में अपार उत्साह है। योजना के लिए आवेदन करने का कार्य अभियान के रूप में चल रहा है प्रदेश में 3 अप्रैल तक 47 लाख 94 हजार पंजीयन हो गए हैं। बैतूल में हुए लाड़ली बहना सम्मेलन में लगभग एक लाख बहने शामिल हुईं। उन्होंने कहा कि कल बैतूल में इतनी बड़ी सभा आज तक के इतिहास में कभी नहीं हुई। कार्यकर्ता भी लगे हुए हैं, बेहतर काम चल रहा है।
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