MP सरकार का दावा निवेश और रोजगार के अवसरों में हो रही वृद्धि
MP सरकार का दावा निवेश और रोजगार के अवसरों में हो रही वृद्धि Social Media

MP सरकार का दावा निवेश और रोजगार के अवसरों में हो रही वृद्धि

मध्य प्रदेश में विपक्ष लगातार सरकार को रोजगार के मुद्दें पर घेर रहा है। रोजगार भत्ते की बात पर सरकार के यूटर्न से प्रदेश के युवाओं का साथ भी विपक्ष को मिल रहा है। जानिए प्रदेश सरकार के दावे की हकीकत।
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राज एक्सप्रेस। मध्य प्रदेश सरकार के जनसम्पर्क विभाग की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में रोजगार के अवसर बढ़ने की बात कही गयी है। दूसरी ओर सरकार को रोजगार के मुद्दें पर घेरने के लिए विपक्ष ने युवा आक्रोश आंदोलन प्रदेश भर में छेड़ रखा है। जनसम्पर्क विभाग के अनुसार "मध्यप्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये नीति सहित अधोसंरचना में पिछले एक साल में राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण बदलाव किये हैं। मैग्नीफिसेंट मध्यप्रदेश-2019 का आयोजन प्रदेश में निवेशकों का विश्वास बढ़ाने में सफल रहा है। अब प्रदेश में औद्योगिक निवेश का परिदृश्य बदलने लगा है। निवेशक पूरे विश्वास के साथ प्रदेश में निवेश करने के लिये अग्रसर हो रहे हैं।"

70 प्रतिशत रोजगार प्रदेश के स्थायी निवासियों को

उद्योग संवर्धन नीति-2014 में प्रावधानित सुविधाओं का लाभ लेने के लिये उद्योगों द्वारा उपलब्ध कराये गये कुल रोजगार का 70 प्रतिशत रोजगार प्रदेश के स्थायी निवासियों को दिया जाना अनिवार्य किया गया है। जीएसटी व्यवस्था लागू होने से उद्योग संवर्धन नीति 2014 में वृहद श्रेणी के उद्योगों को देय टैक्स सहायता निरंतर दिये जाने के संबंध में प्रक्रिया का पुनर्निर्धारण किया गया है। नई सरकार ने औद्योगिक प्रयोजन के लिये आपसी सहमति से निजी भूमि अर्जन के लिए लैंड पुलिंग पॉलिसी लागू की है।

भूमि आवंटन की बात

मध्य प्रदेश सरकार के अनुसार प्रदेश में "औद्योगिक क्षेत्रों में राज्य सरकार ने 248 इकाईयों को लगभग 243 एकड़ भूमि आवंटित की है। इसमें 3793 करोड़ 20 लाख रुपये का पूंजी निवेश तथा लगभग आठ हजार व्यक्तियों के लिये रोजगार के अवसर निर्मित होना संभावित है। वृहद औद्योगिक परियोजनाओं में वृहद श्रेणी की 57 नवीन और विस्तारित इकाईयाँ स्थापित हो गई हैं। इनमें 6187 करोड़ से ज्यादा का पूंजी निवेश हुआ है और 13 हजार से ज्यादा व्यक्तियों को रोजगार मिला है।"

मध्य प्रदेश में रोजगार की मौज़ूदा स्थिति इन सरकारी आंकड़ो से उलट नज़र आती है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमल नाथ सरकार बनने के बाद प्रस्तावित भर्ती परीक्षा आयोजित नहीं की गयी हैं। मध्य प्रदेश पुलिस के रिक्त पदों पर भर्ती परीक्षा नहीं हुयी है। साल भर के इंतज़ार के बाद कहीं जा के मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा नोटिफिकेशन जारी किया गया जिसकी परीक्षा भी जनवरी 2020 में होनी है। अभी भी प्रदेश के विद्यार्थी MP पटवारी, पुलिस आराक्षक, पुलिस SI समेत बहुत से अन्य सरकारी पदों के लिए की जाने वाली भर्ती परीक्षाओं के इंतज़ार में हैं।

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