MP Cabinet Decisions: आज मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में कैबिनेट की बैठक राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के गायन के साथ प्रारंभ हुई है। सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता हुई कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए, जानें आज की बैठक में क्या-क्या फैसले हुए...
आज सीएम की कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखें गए, जिन्हें आज मंजूरी मिल गई है, बैठक में हुए अहम निर्णयों की जानकारी मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट कर दी है। इस कैबिनेट बैठक की ब्रीफिंग करते हुए नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि, आज हुई बैठक में कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने की योजना समेत अन्य प्रस्तावों पर शिवराज कैबिनेट ने मुहर लगाई है।
नरोत्तम मिश्रा ने जानकारी देते हुए कहा कि, दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना के माध्यम से प्रदेश की गरीब एवं जरुरतमंद जनता के लिए भोजन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित हुई है। इसकी सफलता और व्यापक प्रभाव को देखते हुए कैबिनेट ने प्रदेश में 45 नए रसोई केंद्र स्थापित करने का निर्णय किया है। प्रदेश सरकार 10 चयनित जिलों में एक जिला एक उत्पाद के लिए चिन्हित कोदो, कुटकी, बासमती चावल, दाल और चना की ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए प्रशिक्षण और मूल्य संवर्धन योजना लागू करेगी।
कैबिनेट ने चिकित्सा महाविद्यालय, ग्वालियर के अंतर्गत 1,000 बिस्तरों वाले नवीन निर्मित चिकित्सालय के संचालन के लिए कुल 972 नवीन पद सृजित किए जाने के प्रस्ताव को सहमति दी है। इन पदों में नियमित स्थापना के 488 पद होंगे। कैबिनेट ने पन्ना जिले के रुंज और मझगॉय मध्यम सिंचाई परियोजनाओं की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति के प्रस्ताव को मंजूरी दी है, दोनों परियोजनाओं से पन्ना जिले की अजयगढ़ तहसील के 85 ग्रामों में कुल 27,510 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा का लाभ प्राप्त होगा।
वही म.प्र. सरकार ने किसान भाईयों को बड़ी राहत देते हुए फसल क्षतिपूर्ति संबंधी महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। कैबिनेट ने आज RBC 6(4) में संशोधन कर फसलों को नुकसान होने पर दी जाने वाली सहायता राशि में वृद्धि की है। मध्य प्रदेश अब फसल क्षतिपूर्ति के एवज में अधिकतम सहायता राशि देने वालों राज्यों में शामिल हो गया है।
वही, बैठक शुरू होने से पहले मंत्री गण से सीएम शिवराज ने कहा कि मध्यप्रदेश में सांस्कृतिक पुनर्जागरण के साथ हमारी समृद्ध परंपराओं, संस्कृति की विशेषताओं और भारतीय दर्शन को नई पीढ़ी तक ले जाने के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। आज आदि गुरु शंकराचार्य जी और रामानुजाचार्य जी के प्राकट्य दिवस के साथ ही सूरदास का भी प्राकट्य दिवस है। वह अद्भुत संत थे। शंकराचार्य जी ने रामेश्वरम से लेकर बद्रीनाथ तक उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम, राष्ट्र को एक करने का कार्य किया। ओमकारेश्वर में एकात्म धाम का निर्माण किया जा रहा है, यहाँ आगामी 15 अगस्त तक शंकराचार्य जी की विशाल प्रतिमा भी स्थापित होगी। साथ ही अद्वैत संस्थान का निर्माण किया जाएगा।
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