भोपाल लोकायुक्त का एक्शन - वन विभाग के रेंजर और डिप्टी रेंजर को 12 हजार रुपए की रिश्वत लेते किया ट्रैप

MP Bribe Case : शिकायतकर्ता ने बताया कि, दोनों अधिकारियों ने उससे TP तथा हैमर की अनुमति देने के बदले में कुल 19 हजार रुपए की मांग की थी।
MP Bribe Case : वन विभाग के रेंजर और डिप्टी रेंजर
MP Bribe Case : वन विभाग के रेंजर और डिप्टी रेंजर Raj Express
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हाइलाइट्स

  • रेंजर श्रेयांश जैन और डिप्टी रेंजर राजेंद्र कुमार नागवंशी ने मांगी थी रिश्वत।

  • अधिवक्ता लोकेंद्र सिंह ने की थी भोपाल लोकायुक्त में शिकायत।

MP Bribe Case : मध्य प्रदेश। भोपाल लोकायुक्त ने गुरुवार को रिश्वत लेने वालो पर बड़ा एक्शन लिया है। लपकायुक्त की टीम ने वन परिक्षेत्र इटारसी कार्यालय में रिश्वत (MP Bribe Case) लेने वाले रेंजर श्रेयांश जैन और डिप्टी रेंजर राजेंद्र कुमार नागवंशी को रंगे हाथों पकड़ा है। शिकायतकर्ता ने बताया कि, दोनों अधिकारियों ने उससे TP तथा हैमर की अनुमति देने के बदले में कुल 19 हजार रुपए की मांग की थी। जिसके बाद पीड़ित ने भोपाल के लोकायुक्त पहुंचकर इसकी शिकायत दर्ज करवाई थी।

दरअसल, शिकायतकर्ता लोकेंद्र सिंह पटेल ने भोपाल के लोकायुक्त कार्यालय में पहुंचकर, अधिकारियों से रिश्वतखोरी के मामले की शिकायत की। इस दौरान शिकायतकर्ता लोकेंद्र सिंह पटेल ने बताया कि,वो पेशे से अधिवक्ता हैं और इटारसी का ही रहने वाला है। उसके ग्राम दमदम में 35 एकड़ कृषि भूमि है जिस पर एक मेड़ पर लगे सागोन के 7 पेड़ पिछले दिनों चली आंधी में गिर गए थे। इन पेड़ों को काटने की विधिवत अनुमति ग्राम पंचायत से प्राप्त करने के बाद वन विभाग से TP तथा हैमर की अनुमति ली जानी थी। शिकायतकर्ता लोकेंद्र ने वन परिक्षेत्र इटारसी के कार्यालय में अनुमति लेने के लिए आवेदन 28 मार्च 2024 को प्रस्तुत किया था। तभी से डेप्युटी रेंजर राजेंद्र कुमार नागवंशी आवेदक लोकेंद्र से टीपी जारी करने के लिए 19 हजार रुपए अपने खुद के लिए और अपने अधिकारियों के लिए मांग रहे थे जबकि इन कामों के लिए बहुत ही नॉमिनल शुल्क की रसीद कटती है।

लोकायुक्त ने की तत्काल टीम नियुक्त

आवेदक ने परेशान होकर पुलिस अधीक्षक मनु व्यास को भोपाल आकर शिकायत की। उन्होंने तत्काल कार्यवाही करने के लिए टीम को नियुक्त किया। लोकायुक्त टीम में शामिल इंस्पेक्टर रजनी तिवारी, इंस्पेक्टर घनश्याम सिंह मर्सकोले, प्रधान आरक्षक राजेंद्र पावन, प्रधान आरक्षक मुकेश पटेल, आरक्षक मनमोहन साहू,हेमेंद्र ने डेप्युटी रेंजर नागवंशी को 12000 रुपयों की रिश्वत लोकेंद्र से लेते हुए पकड़ा। इसके बाद डेप्युटी रेंजर राजेंद्र नागवंशी ने फोन कर रेंजर श्रेयांश जैन को उनके हिस्से के पैसे देने के बारे में बात की। तब योजनबद्ध तरीके से रेंजर श्रेयांश जैन को रिश्वत के 5000 रुपए आरोपी राजेंद्र कुमार नागवंशी से लेने पर पकड़ा गया है ।भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत राजेंद्र कुमार नागवंशी और श्रेयांश जैन के विरुद्ध प्रकरण कायम किया गया है।

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