मंत्री तुलसीराम सिलावट ने फर्श पर बैठ कर सुनी मरीजों की पीड़ा, जमीन पर लेटी दो बच्चियों को देख हुए नाराज
ग्वालियर। बिना सूचना दिये जिले के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट (Tulsiram Silawat) रेलवे स्टेशन से सीधे जिला अस्पताल मुरार (District Hospital Murar) पहुंच गए। यहां उन्होंने देखा कि सुबह के 9 बजकर 20 मिनट हो गए, लेकिन अभी तक आपके डॉक्टरों का कुछ अता-पता नहीं है। मरीजों के पर्चे बनने का समय 9 बजे से है तो उसके हिसाब से खिड़की 8 बजे ही खुल जानी चाहिए। साथ ही ओपीडी ( Opd ) में मरीज आने से पहले ही अस्पताल की साफ-सफाई हो जाना चाहिए थी। लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं है। साथ ही फट्टे गद्दों पर भर्ती होकर मरीज उपचार कराने को मजबूर हैं। मंत्री तुलसीराम सिलावट ने अस्पताल के फर्श पर बैठ कर मरीजों की पीड़ा सुनी। अस्पताल ( Hospital ) की गैलरी में बिना गद्दे पर चादर के जमीन पर भर्ती दो बच्चियों को देख मंत्री नाराज हुए। इस पर उन्होंने सीविल सर्जन और सीएमएचओ (CMCHO) के प्रति नाराजगी व्यक्त की। साथ ही सीएमएचओ से संबंधित के खिलाफ नोटिस (Notice) जारी कर कार्रवाई करने की बात कही।
प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट सोमवार को रेलवे स्टेशन से सीधे सुबह 8.30 बजे जिला अस्पताल पहुंचे और उन्होंने देखा कि मरीज पर्चा काउंटर खुलने के इंतजार में बैठे हुए हैं। यह देख वह सीधा पर्चा काउंटर पर पहुंचे और कर्मचारी से कहा कि किसके आदेश पर काउंटर 9 बजे खुलता है। जब ओपीडी का समय सुबह 9 बजे से है तो काउंटर एक घंटे पहले खुल जाना चाहिए। इसी तरह जब मंत्री ने अस्पताल के विभिन्न वार्डों का निरीक्षण किया तो उन्हें जगह-जगह गंदगी मिली और शौचालयों (Toilets) से गंद आ रही थी। इसके अलावा वार्डों में भर्ती मरीजों के पलंग पर बिना चादर के फटे गद्दे बिछे हुए थे। जिसको लेकर उन्होंने अधिकारियों के प्रति नाराजगी व्यक्त की।
वहीं निरीक्षण की सूचना मिलते ही सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा सुबह 8.35 पर अस्पताल पहुंच गए, लेकिन सिविल सर्जन व आरएमओ 8.50 पर पहुंचे। इतना ही नहीं मंत्री अस्पताल में 9.20 तक रहे, लेकिन इस दौरान ओपीडी में एक भी चिकित्सक न तो ओपीडी में बैठे हुए मिले और न ही वार्डों में राउण्ड पर। जबकि इमरजेंसी में आवश्यक दवाएं भी उपलब्ध नहीं पाई गईं। जिसको लेकर सिविल सर्जन आरके शर्मा के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए। हालांकि मंत्री की नाराजगी के बाद सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा द्वारा आरएमओ डॉ. आलोक पुरोहित को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए तीन दिन में जबाव मांगा है। इसी तहर सफाई एजेेंसी को भी नोटिस जारी कर 25 हजार जुर्माना लगाए जाने की चेतावनी दी है। इधर अस्पताल के आरएमओ डॉ. पुरोहित द्वारा भी सफाई एजेंसी पर 20 हजार का जुर्माना लगाया है।
समय पर नहीं आते डॉक्टर्स
अस्पताल में प्रतिदिन मरीजों को चाय बांटने वाले एक समाज सेवी संस्था ने प्रभारी मंत्री से शिकायत करते हुए कहा कि साहब अस्पताल में 40 चिकित्सक हैं, लेकिन एक भी चिकित्सक अस्पताल समय पर नहीं आते। जिसको लेकर भी प्रभारी मंत्री नाराज हुए चिकित्सकों का ड्यूटी रोस्टर उपलब्ध कराने की बात कही।
कोई शिकायत करेगा तभी व्यवस्थाएं सुधरेंगी
एक मरीज के परिजन ने मंत्री से शिकायत करते हुए कहा कि अस्पताल में सुबह के समय शैचालयों में पानी नहीं आता और पीने का पानी भी बाहर से लाना पड़ता है। इसी बीच आरएमओ डॉ. आलोक पुरोहित ने परिजन से कहा कि आपने मुझे से शिकायत क्यों नहीं की। इस पर प्रभारी मंत्री भड़क गए और कहा कि जब कोई शिकायत करेगा तभी व्यवस्थाएं सुधरेंगी, आपकी कोई जिम्मेदारी नहीं है। इसी तरह अस्पताल ( Hospital ) की गैलरी में बिना गद्दे पर चादर के जमीन पर भर्ती दो बच्चियों को देख मंत्री नाराज हुए।
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