महाकाल लोक में भ्रष्टाचार के आरोप निराधार, एक सप्ताह के भीतर दोबारा लगा दी जाएंगी मूर्तियां: मंत्री भूपेंद्र
MP News: रविवार को महाकाल लोक में आंधी तूफान की वजह से कई मूर्तियां क्षतिग्रस्त हो गई, इसके बाद कांग्रेस और बीजेपी के बीच सियासत तेज हो गई है। इसको लेकर आज प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह का बड़ा बयान सामने आया है। उज्जैन स्थित भव्य महाकाल लोक की प्रतिमाएं तेज आंधी में क्षतिग्रस्त होने के बाद इस पूरी परियोजना में भ्रष्टाचार संबंधित विवाद उठने के बीच मंत्री भूपेंद्र ने आज कहा कि, कांग्रेस द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप निराधार हैं और एक सप्ताह के भीतर सभी मूर्तियां दोबारा लगा दी जाएंगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री की पत्रकार वार्ता
भूपेंद्र सिंह ने संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा
आज भूपेंद्र सिंह ने संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा कि, कांग्रेस ने महाकाल लोक में भ्रष्टाचार के जो भी आरोप लगाए हैं, वे निराधार हैं। पूरा काम गुणवत्ता वाला हुआ है। प्रतिमाएं तेज हवाओं के कारण गिरी हैं। संबंधित ठेका कंपनी के पास मेंटेनेंस का काम है। छह प्रतिमाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। एक सप्ताह के भीतर प्रतिमाएं दोबारा लगा दी जाएंगी। उन्होंने बताया कि महाकाल लोक की प्रतिमाएं एफआरपी नाम के मैटीरियल की बनी हैं। इस प्रकार की कला वाली प्रतिमाएं इसी मैटीरियल की बनती हैं। पत्थर पर इस प्रकार की कला नहीं उभर पाती। एफआरपी की मूर्तियां देश में कई स्थानों पर लगी हुई हैं। संबंधित एजेंसी इन प्रतिमाओं को दोबारा स्थापित करेगी।
आगे मंत्री सिंह ने बताया कि उज्जैन संभागायुक्त ने पूरे मामले को लेकर अपनी रिपोर्ट दे दी है। उस दिन बहुत तेज आंधी तूफान था। लगभग 55 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलीं। उसी वजह से ये अधिक ऊंचाई वाली प्रतिमाएं प्रभावित हुई हैं। पूरे मामले में कहीं कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। कांग्रेस द्वारा लगातार इस मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस गंदी राजनीति कर रही है। पार्टी ने कोई ऐसा तथ्य नहीं बताया, जिसमें भ्रष्टाचार के तथ्य रखे हों। संपूर्ण मामले में संभागायुक्त से जांच कराने के बाद कोई अनियमितताएं नहीं मिली हैं, इसलिए अब किसी जांच की आवश्यकता नहीं है। मंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार की ओर से 2017 में महाकाल लोक के निर्माण का निर्णय हुआ था।
वर्ष 2018 में भाजपा सरकार के समय ही टेंडर किया गया। इसके बाद फिर कांग्रेस की सरकार आ गई। उनके समय में वर्ष 2019 में इसका सात मार्च को वर्क ऑर्डर जारी हुआ। उन्हीं की सरकार के समय आर्ट वर्क और मूर्ति लगने का निर्णय हुआ। कार्य के पहले भुगतान के समय में भी कांग्रेस की सरकार थी। कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा उस समय उज्जैन के प्रभारी मंत्री थे। तत्कालीन सरकार और प्रशासन ने उस समय निर्माण कार्य से जुड़ी हर गतिविधि को देखा था।
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