बेहिसाब करोड़ों के निकले खनिज अफसर, बेटे के नाम से फर्म खोल बनाई बेहिसाब संपत्ति
इंदौर। खनिज अधिकारी डॉ. मोहन सिंह खतेडिय़ा के इंदौर स्थित तुलसी नगर स्थित निवास सहित उज्जैन पीथमपुर में लोकायुक्त टीम ने छापेमार कार्रवाई की तो खुलासा हुआ कि वे स्वयं कई खदानों के मालिक हैं। 32 सालों की नौकरी में उनकी आय करीब सवा करोड़ रुपए होना चाहिए लेकिन उनके पास करोड़ों की बेहिसाब संपत्ति मिली है। खनिज अफसर ने अपने बेटे के नाम से फर्म बनाकर बना ली करोड़ों की संपत्ति। देवास में पदस्थ खनिज अधिकारी डॉ. मोहन सिंह खतेडिय़ा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत पर लोकायुक्त की टीम ने ये छापामार कार्रवाई की है।
खनिज विभाग में रहते हुए मोहनसिंह कई जगह अपनी खदान और प्लांट बनाकर नौकरी के साथ-साथ बड़ा व्यवसाय भी कर रहे थे। इनके खिलाफ शिकायत मिलने के बाद लोकायुक्त ने कार्रवाई की। मोहन सिंह अभी देवास में पदस्थ हैं। इससे पहले वह धार में खनिज अधिकारी थे। तुलसी नगर इलाके के सी सेक्टर मकान नंबर 124 में सुबह 5 बजे लोकायुक्त टीम पहुंची और कार्रवाई करना शुरू की जो शाम तक चलती रही। अभी तक खनिज अधिकारी मोहन सिंह खतेडिया के पास करोड़ों की बेनामी संपत्ति मिली है।
पीथमपुर, उज्जैन और इंदौर में मिली संपत्ति
डीएसपी लोकायुक्त आनंद यादव ने बताया कि इंदौर लोकायुक्त द्वारा एक साथ चार स्थानों पर अलग-अलग कार्रवाई की गई जिसमें पीथमपुर, उज्जैन और इंदौर शामिल हैं। जिस गिट्टी खदान के बारे में लोकायुक्त को जानकारी मिली है उसकी कीमत 10 करोड़ के लगभग बताई जा रही है। एक रेत की खदान भी मोहन सिंह द्वारा संचालित की जा रही थी। इंदौर के तुलसी नगर में तीन मंजिला भवन, उज्जैन में महाकाल वाणिज्यिक सेंटर सी में तीन मंजिला एक अन्य भवन, देवगुराडिय़ा में व्यावसायिक उपयोग का भूखंड, नायता मूंडला इंदौर में जमीन, दाहोद(गुजरात) में पत्नी के नाम से भूंखड, बेटे के प्रोपाइटर रहते स्वयं के नाम से बनाई कंपनी एमएस कंस्ट्रक्शंस(मोहन सिंह कंस्ट्रक्शंस) के नाम से एक रेडी मिक्स क्रेशर प्लांट पीथमपुर में मिला है।
डंपर ,ट्रक के साथ लग्जरी कार भी
लोकायुक्त टीम को जांच के दौरान खनिज अधिकारी मोहन सिंह के पास करोड़ों रूपए की बेनामी संपत्ति मिली है । उसके नाम से तीन डंपर भी संचालित होना पाया गया वहीं चार ट्रक भी होने की जानकारी मिली है। एक महिंद्रा थार एसयूवी कार, एक मारूति ब्रेजा कार भी उसके नाम से मिली है। टीम ने करीब साढे तीन लाख रूपए नगदी भी बरामद किए हैं। इसके साथ ही करीब साढे तीन लाख रुपए के जेवर भी मिले हैं। बैंक खातों की जांच भी लोकायुक्त टीम जंाच कर रही है। बैंकों में लाकर होने की जानकारी भी सामने आई है।
32 सालों में करोड़ों की संपत्ति बनाई
मोहन सिंह अब तक इंदौर, देवास, धार, उज्जैन में पदस्थ रह चुके हैं। वे 1991 में निरीक्षक पद पर भर्ती हुए थे और वर्तमान में डीएसपी रैंक तक पहुंच गए थे। अभी जो जानकारी मिली है उसमें उनके पास गिट्टी खदान सहित करीब 10 करोड़ की संपत्ति है। लोकायुक्त टीम को जांच में पता चला है कि जब से मोहन सिंह खतेडिय़ा खनिज विभाग में पदस्थ हुए हैं उनके अब तक के वेतन का अंाकलन किया जाए तो करीब सवा करोड़ रूपए हो रहे हैं लेकिन जो छापे में संपत्ति मिली है वह उससे करीब छह गुना अधिक पाई गई है।
बैंक खाते और लाकर उगलेंगे कई राज
लोकायुक्त की टीम खतेडिया और उसके परिजनों के बैंक खाते और लाकर के बारे में पड़ताल कर रही है। बैंक खातों के साथ ही लाकर से भी जेवर और कुछ अन्य दस्तावेज मिलने की संभावना है। जांच करने वाली टीम का कहना है कि बैंक खाते और लाकर से भी कई रहस्य उजागर हो सकते हैं। डीएसपी लोकायुक्त आनंद यादव के मुताबिक इनकी पत्नी के नाम से दाहोद,गुजरात में भी एक प्लाट मिला है। उसकी कीमत भी लाखों रुपए हैं। पांच बैंकों में 12 खाते और एक बैंक में लाकर के बारे में भी पता चला है। लाकर में क्या है ये बुधवार को लाकर खुलने के बाद सामने आएगा। मोहनसिंह ने अपने बेटे नयनसिंह खतेडिया के नाम से ही कारोबार जमाना शुुरु कर दिया था। 22 पहियों के तीन बड़े वाहन मिले हैं जिनकी कीमत डेढ करोड़ रुपए के करीब है। चार अन्य वाहन मिले हैं जिनकी कीमत भी करीब एक करोड़ रुपए आंकी गई है। मोहनसिंह के खातों की जांच भी की जा रही है। कई और संपत्ति के सामने आने की संभावना है।
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