भोपाल, मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश में आयुष विभाग के समारोहों व कार्यक्रमों में गुलदस्ते और फूलमाला की जगह अब भेंट स्वरूप औषधीय पौधे के गमले दिया जाएंगे। आयुष मंत्री रामकिशोर कांवरे के निर्देश पर इस संबंध में सह आयुक्त संचालनालय आयुष, प्रमुख सचिव करलिन खोंगवार देशमुख ने प्रदेश के समस्त आयुष कॉलेजो, आयुष औषद्यालयों, जिला आयुष चिकित्सालयों व आयुष से संबंधित विभागों को बकायदा आदेश जारी कर सूचित भी कर दिया है। इस कदम के पीछे आयुष मंत्रालय की मंशा आयुष के प्रचार प्रसार की है, जिसकी सराहना भी होने लगी है।
दरअसल, आयुष मंत्रालय चाहता है कि फूल-माला, गुलदस्ते पर होने वाले व्यय को समाप्त कर विभाग आयुष औषधीय पौधों को भेंट देने की प्रथा को चलन में लाए, जिससे आयुष का प्रचार-प्रसार भी होगा। इस आदेश के बाद अब आयुष विभाग के कार्यक्रमों में औषधिय गुणों से भरपूर तुलसी, अमृता, हल्दी, अश्वगंधा, ऐलोविरा, चमेली, भूमि आंवला, गेंदा, पथरचटा, गंधप्रसारणी, पुनर्नवा जैसे पौधों के गमले भेंट किए जाएंगे। आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ राकेश पाण्डेय ने इसका स्वागत करते हुये आयुर्वेद, आयुष औषधियों की महत्ता बढ़ाने वाला बताया। डॉ पाण्डेय ने कहा कि "देशभर के अन्य राज्य भी मध्यप्रदेश का अनुसरण करें और ऐसा उपयोग हो तो बेहतर है।"
इनका कहना है :
हमारा मुख्य उद्देश्य लोगों में पौध रोपण और उनकी देखभाल के प्रति रूचि बढ़ाना है। पौधों के गमले भेंटस्वरूप दिया जाना औषधीय लाभ के साथ ही पर्यावरण के लिए भी हितकारी होगा। भेंट स्वरूप दिए गए बुके के फूल दो दिन में मुरझा जाते हैं, जबकि गमलों में लगे पौधे आप सालों संभाल कर रख सकते हैं।
डॉ पीसी शर्मा, उपसंचालक, मप्र आयुष विभाग
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