MANIT PHD स्कालर संजीव भूकेश फीस माफी की मांग को लेकर अनशन पर
MANIT PHD स्कालर संजीव भूकेश फीस माफी की मांग को लेकर अनशन पर RE-Bhopal

मेनिट स्कालर का अनशन: तबियत बिगडऩे पर पुलिस ने कराया मेडिकल चेकअप

Maulana Azad National Institute of Technology Bhopal: सौर ऊर्जा में शोध कर रहे पीएचडी स्कालर संजीव कुमार भूकेश फीस माफी की मांग को लेकर शनिवार को भी अनशन पर बैठे रहे।
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भोपाल। मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मेनिट) में सौर ऊर्जा में शोध कर रहे पीएचडी स्कालर संजीव कुमार भूकेश फीस माफी की मांग को लेकर शनिवार को भी अनशन पर बैठे रहे। वह शुक्रवार सुबह से बिना कुछ खाए-पिए मैनिट परिसर में बैठे हुए हैं। शनिवार को संजीव की तबियत बिगडऩे पर उन्होंने पुलिस का सूचना दी। पुलिस उन्हें मेडिकल चेकअप के लिए जेपी अस्पताल लेकर पहुंची। चेकअप कराकर लौटने के बाद संजीव फिर से मैनिट परिसर में आमरण अनशन पर बैठ गए हैं।

संजीव का कहना है कि मेरे पास थीसिस जमा करने के लिए 4 जुलाई तक का समय है। प्रबंधन नो ड्यूज के लिए मुझसे एक लाख रुपए फीस मांग रहा है। शासन द्वारा जारी ट्यूशन फीस माफी के आदेश को भी प्रबंधन नहीं मान रहा है। अब मेरे पास कोई विकल्प नहीं है, इसलिए जब तक मेरी फीस माफ नहीं की जाएगी, मैं अनशन पर बैठा रहूंगा। इस मामले में प्रबंधन का कहना है कि मैनिट में पीएचडी के लिए फीस में छूट का नियम नहीं है, इसलिए अभी छात्र को नो ड्यूज कराने के लिए नियमानुसार फीस भरनी ही होगी। विशेष अनुमति के लिए मामले को बोर्ड ऑफ गर्वनेंस में रखा जाएगा।

पुलिस संजीव को मेडिकल चेकअप के लिए जेपी अस्पताल लेकर पहुंची
पुलिस संजीव को मेडिकल चेकअप के लिए जेपी अस्पताल लेकर पहुंचीRE-Bhopal

संजीव एससीएसपी-टीएसपी प्लान के तहत मांग रहे हैं राहत

संजीव 2016 बैच के रिसर्च स्कॉलर है। संजीव ने बताया कि थीसिस रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तारीख 4 जुलाई है, उससे पहले नो ड्यूज लेना जरुरी है। मैं आर्थिक रूप से कमजोर हैं फीस भरने में असमर्थ हूं, मैं अनुसूचित जाति वर्ग से हूं। एनआईटीज के लिए सेंट्रल के नियम के अनुसार कोई ट्यूशन फीस नहीं ली जाती है। इसके दस्तावेज मेरे पास मौजूद हैं। मैनिट प्रशासन ना जाने किस नियमों का हवाला देकर मेरी ट्यूशन फीस माफ नहीं कर रहा है। मेरीे फीस एससीएसपी-टीएसपी प्लान के तहत भी माफ की जा सकती है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के आदेशानुसार यह राहत छात्र को दी जा सकती है। मैनिट प्रशासन इस आदेश मानने भी तैयार नहीं है।

रिश्वत मांगने का लगाया आरोप

संजीव का कहना है कि मैनिट में भ्रष्टाचार की पराकष्ठा पार हो चुकी है। मैं पिछले 15 दिनों से प्रबंधन के सभी अधिकारियों से गुहार लगा कर हार चुका हूं। कोई हल नहीं हुआ। सहायक कुलसचिव बेनी अब्राहम, सुपरिटेंडेंट प्रशांत भटनागर ने फीस माफ कराने के लिए 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी है।

संजीव मेनिट परिसर में आमरण अनशन पर ।
संजीव मेनिट परिसर में आमरण अनशन पर । RE-Bhopal

इनका कहना है

किसी संस्थान में पीएचडी स्कालर की फीस में छूट का प्रावधान हो सकता है, मेनिट में ऐसा नियम नहीं है, इसलिए छात्र को नो ड्यूज के लिए फीस तो भरनी ही होगी। हमने संजीव को बताया है कि अगली बोर्ड ऑफ गर्वनेंस की बैठक (करीब तीन महीने बाद) में उनका मामला रखा जाएगा। बोर्ड के अनुमति के बाद ही फीस माफ की जा सकती है।

- विनोद डोले, रजिस्ट्रार मेनिट

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