मंत्री आये बैकफुट पर, दिव्यांगों से मांगी माफी

मंदसौर, मध्यप्रदेश: बीते दिन किसान सम्मेलन में प्रभारी मंत्री हुकुमसिंह कराड़ा द्वारा दिव्यांगो के लिए अपमानजनक शब्दों के प्रयोग के बाद मचा बवाल, सोशल मीडिया पर बनी मंत्री की किरकिरी।
प्रभारी मंत्री हुकुमसिंह कराड़ा
प्रभारी मंत्री हुकुमसिंह कराड़ाDeepika Pal - RE
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राज एक्सप्रेस। बीते दिन मध्यप्रदेश में मंदसौर जिले के सीतामऊ में आयोजित किसानों की कर्जमाफी सम्मेलन में मौजूद प्रभारी मंत्री हुकमसिंह कराड़ा द्वारा दिव्यांगों के लिए अशोभनीय शब्दों का प्रयोग करने पर बवाल मच गया है जहां इस मामले में दिव्यांगजनों ने गांधी चौराहे पर विरोध प्रदर्शन किया वहीं सोशल मीडिया पर भी मंत्री कराड़ा की किरकिरी हो गयी। वहीं मामले को बढ़ते देख प्रभारी मंत्री ने जनसंपर्क के माध्यम से बयान जारी कर माफी मांगी। मंत्री ने सफाई देते हुए कहा कि, मेरे द्वारा निशक्तजनों के प्रति बोलचाल और प्रचलन की भाषा में जो शब्द बोल दिए गए थे, इसका मुझे दुःख है। मेरी भावना किसी को ठेस पहुंचाने की कतई नहीं थी। दिव्यांगों के प्रति मैं पूरा सम्मान व्यक्त करता हूं।

कार्यक्रम के दौरान फिसली जबान

बता दें कि, बीते दिन मंदसौर के सीतामऊ में किसान कर्जमाफी सम्मेलन का आयोजन किया गया था जहां जल संसाधन व जिला प्रभारी मंत्री हुकुमसिंह कराड़ा समेत विधायक हरदीपसिंह डंग और नेतागण मौजूद थे। उसी दौरान मंच से संबोधित करते हुए मंत्री कराड़ा ने कहा कि, लंगड़े-लूलों की पेंशन 300 रुपए से बढ़ाकर 1 हजार रुपए कर दी है विरोधियों का पेट दर्द कर रहा है ,वहीं नामांतरण की समस्या से परेशान किसान सत्यनारायण द्वारा खड़े होकर समस्या बताने पर मंत्री ने यह कहा कि, तू वही है ना जो भाषण के दौरान बीच में बोल रहा था। यदि यह हरकत मेरे क्षेत्र शाजापुर में की होती तो वहीं जूते मारता। मंत्री के इस तरह के बयान और दिव्यांगों के लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करने पर दिव्यांग संघ ने विरोध जताया। इस दौरान शिविर में 4600 किसानों को प्रमाण-पत्र बांटे गए वहीं मंत्री द्वारा सेदरा बांध सहित अन्य विकास कार्यों को मौखिक स्वीकृति दी गई। इस दौरान विधायक हरदीप सिंह डंग ने भी गौशालाओं के संचालन के लिए अधिकारियों से महीने में 500-500 रुपए सहायता राशि लेने की बात कही।

मंत्री की माफी के बाद दिव्यांगों ने खत्म किया प्रदर्शन

वही मामले को बढ़ते देख मंत्री कराड़ा ने जिले के जनसंपर्क विभाग द्वारा बयान जारी करते हुए माफी मांगी कहा कि, दिव्यांगों के प्रति मैं पूरा सम्मान व्यक्त करता हूं। मेरा आशय इनके लिए 300 रुपए से बढ़ाकर 1000 रुपए पेंशन कर देना हमारी सरकार की 'सेवा भावना' को दर्शाने से था। विरोधियों को यह 1000 रुपए पेंशन कर देने से दर्द हो रहा है। मंत्री के माफी बयान आने के बाद दिव्यांग संघ ने विरोध प्रदर्शन को खत्म कर मामले को शांत किया।

सोशल मीडिया पर यूजर्स ने किया था ट्रोल

इस मामले में जहां सियासत में बवाल मचा वहीं सोशल मीडिया ट्विटर पर यूजर्स ने मंत्री कराड़ा को ट्रोल भी किया। इसमें एक यूजर्स ने पीएम मोदी से सीख लेने की बात करते हुए कहा कि, 'एक तरफ मोदी जी है जो दिव्यांग भाई बहनों का बहुत सम्मान करते हैं, दूसरी तरफ कांग्रेसी उनको अंधे, लंगड़े, लूले कहते हैं शर्मनाक.' वहीं अंकित सिंह ठाकुर नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा, 'बात सही बोल रहा है पर बोलने का तरीका वही जाहिलों जैसा है।'

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