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मंदसौर गोलीकांड मामला : कोर्ट ने शासन से पूछा, अब तक जांच रिपोर्ट क्यों नहीं की गई सार्वजनिक

वर्ष 2017 में हुए गोलीकांड को लेकर गठित जांच आयोग की रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक नहीं की गई। रिपोर्ट के सार्वजनिक होने पर ही गोलीकांड की जिम्मेदारी तय होना है।
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इंदौर। मंदसौर गोलीकांड की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग करते हुए प्रस्तुत जनहित याचिका कोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली है। कोर्ट ने शासन को नोटिस जारी कर पूछा है कि अब तक जांच रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नहीं की गई। उच्च न्यायालय ने शासन से चार सप्ताह में जवाब तलब किया है। यह जनहित याचिका पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने एडवोकेट प्रत्युष मिश्रा के माध्यम से दायर की है।

याचिका में ये कहा-याचिका में कहा है कि वर्ष 2017 में हुए गोलीकांड को लेकर गठित जांच आयोग की रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक नहीं की गई। इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने पर ही गोलीकांड की जिम्मेदारी तय होना है।

शासन ने याचिका निरस्त करने की मांग की

शासन ने याचिका निरस्त करने की मांग करते हुए तर्क रखे थे कि यह चलन योग्य नहीं है। जांच आयोग अधिनियम की धारा 3 (4) के तहत शासन को विधानसभा के समक्ष जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु आदेशित नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने इस तर्क को निरस्त करते हुए शासन को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है।

6 साल पहले हुआ था गोलीकांड

किसान आंदोलन के दौरान 6 जून 2017 को मंदसौर में हुए गोलीकांड में पांच किसानों की मृत्यु हो गई थी। मामले की जांच के लिए सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेके जैन की अध्यक्षता में 'जैन आयोग' गठित किया था। आयोग ने 13 जून 2018 को अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी थी। जांच आयोग अधिनियम, 1952 की धारा 3 के अनुसार जांच आयोग की रिपोर्ट तथा इस रिपोर्ट की अनुशंसा अनुसार की गई कार्रवाई छह माह के भीतर विधानसभा में प्रस्तुत करना थी लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया।

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