भोपाल : छात्रवृत्ति में कटौती को लेकर सदन में हंगामा

भोपाल, मध्यप्रदेश : राज्य विधानसभा में मंगलवार को अनुसूचित जाति एवं जनजाति छात्रों की छात्रवृत्ति में कटौती का आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायकों ने हंगामा किया और सदन से बहिर्गमन कर दिया।
छात्रवृत्ति में कटौती को लेकर सदन में हंगामा
छात्रवृत्ति में कटौती को लेकर सदन में हंगामाSocial Media
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भोपाल, मध्यप्रदेश। राज्य विधानसभा में मंगलवार को अनुसूचित जाति एवं जनजाति छात्रों की छात्रवृत्ति में कटौती का आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायकों ने हंगामा किया और सदन से बहिर्गमन कर दिया। तब विधानसभा अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

प्रश्नकाल समाप्त होते ही शून्यकाल में कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक बाला बच्चन ने यह मुद्दा उठाया कि प्रदेश में अनुसूचित जाति और जनजाति छात्रों की छात्रवृत्ति में कटौती कर दी गई है। बच्चन का अरोप था कि 175 करोड़ की जगह मात्र 57 करोड़ की राशि उपलब्ध करवाई गई है। यह राशि कम क्यों की गई सरकार को इसका जवाब देना चाहिए। तभी सदन में एप्रिन पहनकर पहुंचे पुष्पराजगढ़ विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को ने भी यही आरोप लगाया। उनका कहना था कि पुष्पराजगढ़ महाविद्यालय में छात्रवृत्ति कटौती को लेकर 1200 छात्र आंदोलन कर रहे हैं। विधायक मार्को द्वारा सदन में एप्रिन पहनकर पहुंचने पर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने नाराजगी जाहिर की। स्पीकर का कहना था कि बिना अनुमति के विधायक सदन में एप्रिन पहनकर आए हैं। छात्रवृत्ति के मामले में जब सरकार की ओर से जवाब नहीं मिला तो कांग्रेस के विधायकों ने सदन से बर्हिगमन कर दिया। विधानसभा परिसर में मीडिया से चर्चा करते हुए कांग्रेस विधायक फुंदेलाल मार्को, बाला बच्चन सहित अन्य विधायकों ने कहा कि सरकार अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के छात्र-छात्राओं के साथ अन्याय कर रही है।

विधायक कुणाल चौधरी की टिप्पणी पर हंगामा :

प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी द्वारा सरकार पर की गई टिप्पणी पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने कड़ा ऐतराज जताया। विधायक हर्ष विजय गहलोत के प्रश्न से संबंधित मुद्दा विधायक कुणाल चौधरी द्वारा सदन की अनुमति से उठाया गया। कुणाल का आरोप था कि उन्होंने 50 से अधिक प्रश्न लगाए हैं, लेकिन जवाब यही मिलता है कि जानकारी एकत्र की जा रही है। किसानों से संबंधित जब भी मुद्दे उठाए जाते हैं, तब घुमाकर जवाब दिए जाते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सरकार किसानों की कर्जमाफी चालू रखेगी। इसी बीच उन्होंने चुनाव पर टिप्प्णी की तो सदन में सत्तापक्ष की ओर से विरोध जताया गया। कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के 17 दिसंबर 2018 के आदेश का जिक्र किया। कृषि मंत्री ने कहा कि शपथ लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री ने किसानों की कर्जमाफी से संबंधित यह आदेश जारी किया था। संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि किसानों के बारे में कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी ने झूठ बोला है। विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि कांग्र्रेस ने भाजपा के अनुसूचित जाति जनजाति नेताओं का अपमान किया है। जनादेश मिला है और सरकार बनी है। कांग्रेस कैसे कह सकती है कि विधायक खरीदे गए हैं। जब हंगामा नहीं थमा तब विधानसभा अध्यक्ष को पांच मिनिट के लिए कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

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