Madhya Padesh : अब मोबाइल ही नहीं बिजली भी होगी रिचार्ज
भोपाल, मध्यप्रदेश। अभी यदि आपके मोबाइल का डाटा समाप्त हो जाता है या फिर उसके रिचार्ज की वैधता अवधि समाप्त हो जाती है, तो फिर आगे सेवा लेने के लिए तत्काल ही संबंधित कंपनी से फिर रिचार्ज कराना होता है। यही नियम डीटीएच कनेक्शन पर भी लागू होता है। जितनी राशि का पैकेज लिया है, उतनी अवधि तक ही आपका टीवी चालू रहता है। रिचार्ज खत्म तो टीवी का सिग्नल भी बंद। अभी तक आप इस मामले में इस तरह की सेवा के आदि हो चुके हैं, लेकिन अब आने वाले दिनों में एक और बड़ी सेवा के लिए भी रिचार्ज कराने को तैयार हो जाएं। यह सेवा होगी बिजली की। जी हां, अब आने वाले दिनों में बिजली का करंट घर में चाहिए तो फिर आपके रिचार्ज में हमेशा करंट यानी बैलेंस रहना चाहिए। यदि आपने जितना रिचार्ज कराया है, उससे अधिक बिजली की खपत कर ली है तो फिर आपके घर का कनेक्शन काटने के लिए बिजली महकमे का कर्मचारी नहीं आएगा, बल्कि ऑटामेटिक सिस्टम के तहत आपके यहां बिजली की आपूर्ति स्वत: ही बंद हो जाएगी।
दरअसल केंद्र सरकार ने बिजली क्षेत्र में सुधार के क्रम में और बिजली कंपनियों की आर्थिक सेहत सुधारने के लिए रिवेम्पड डिस्टीब्यूशन सेक्टर स्कीम लांच की है। इस स्कीम को मध्यप्रदेश में भी लागू किया जाना है। केंद्र सरकार ने जो गाइडलाइन तय की है, उसके तहत इस स्कीम को अमृत शहरों में लागू किया जाना है।
भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर सहित 34 शहरों में हो सकती है लागू :
प्रदेश में अमृत यानी अटल मिशन फॉर रेजूनेशन एंड अर्बन ट्रांसफार्मेशन के तहत 34 शहरों में काम चल रहा है। इनमें भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे बड़े शहर भी शामिल हैं। यदि अमृत प्रोजेक्ट वाले शहरों में यह योजना लागू हुई तो फिर आने वाले दिनों में इन शहरों के उपभोक्ताओं को प्री-पेड मीटर का सामना करना पड़ सकता है। इन शहरों के अलावा यह योजना सागर, कटनी, रतलाम, रीवा, सतना, छिंदवाड़ा, मुरैना, बुरहानपुर, छतरपुर , नर्मदापुरम, दमोह, सीहोर, हरदा, भिंड, गुना, मंदसौर, बैतूल, सिवनी दतिया और सीहोर जिले में भी लागू हो सकता है। वैसे इस स्कीम को ऐसे क्षेत्रों पर भी ज्यादा फोकस किया जाएगा, जहां की लाइन लॉस ज्यादा है।
स्मार्ट मीटर से अलग होंगे :
अभी इंदौर सहित कुछ शहरों में स्मार्ट मीटर लगाने का सिलसिला शुरू हो गया है। स्मार्ट मीटर से एक कदम आगे प्री-पेड मीटर होंगे। स्मार्ट मीटर का फायदा यह है कि बिजली कंपनियों को मीटर की रीडिंग लेने के लिए किसी कर्मचारी को उपभोक्ता के घर नहीं भेजना पड़ेगा। कंट्रोल रूम से ही पता चल जाएगा कि किसी उपभोक्ता के यहां कितनी बिजली की खपत हुई है। उसी हिसाब से ऑनलाइन बिल जनरेट हो जाएगा और फिर उपभोक्ता को ऑनलाइन ही बिल जमा करना होगा। इसमें मैनुअल व्यवस्था खत्म हो जाएगी, लेकिन प्री-पेड मीटर इस मामले में पूरी तरह अलग होंगे। इसमें उपभोक्ता को अपने खपत के हिसाब से पहले ही रिचार्ज करा लेना होगा। उसे पता होना चाहिए कि उसकी औसत खपत कितनी है। यदि वह 100, 200 या 300 यूनिट की खपत के हिसाब से रिचार्ज करता है तो फिर उतना यूनिट की खपत होने के बाद बिजली की सप्लाई बंद हो जाएगी। यह सप्लाई तब ही शुरू होगी, जब उपभोक्ता फिर से रिचार्ज करा लेगा।
पहले बड़े उपभोक्ता आएंगे दायरे में :
अभी इस बात पर मंथन चल रहा है कि इस स्कीम के दायरे में सबसे पहले कितनी खपत वाले उपभोक्ताओं को शामिल किया जाए, लेकिन यह साफ है कि यह स्कीम सबसे पहले बड़े उपभोक्ताओं पर लागू की जाएगी। अब बड़े उपभोक्ता का दायरा क्या होगा, यह स्कीम लागू करते समय तय किया जाएगा। यानी यह भी साफ है कि शुरू में छोटे घरेलू उपभोक्ताओं के यहां प्री-पेड मीटर नहीं लगेंगे, लेकिन भविष्य प्री-पेड मीटर का होगा, यह भी तय है।
बिजली क्षेत्र में सुधार के नाम पर लागू होगी यह स्कीम :
दरअसल केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश को बिजली क्षेत्र में सुधार करने पर बाजार से 14 हजार करोड़ रुपए से अतिरिक्त कर्ज लेने की अनुमति कोविड काल में दी थी। शर्त यह थी कि केंद्र द्वारा तय किए गए मापदंडों के हिसाब से बिजली क्षेत्र में सुधार किया जाए। किसानों को बिजली सब्सिडी की राशि सीधे उनके खाते में भेजने और बिल की पूरी राशि किसानों द्वारा पहले बिजली कंपनियों को जमा करने का नियम भी इसी का हिस्सा है, जो कि इस समय प्रदेश के दो जिलों विदिशा और सिवनी में लागू की गई है।
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