मध्यप्रदेश कांग्रेस को झटकों का दौर जारी
कांग्रेस 3 बड़े नेताओं सहित कई छोटे नेताओं ने ग्रहण की भाजपा की सदस्यता
पूर्व विधायक पारुल साहू ने भी छोड़ी कांग्रेस
भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस को झटके लगने का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है जहां आज फिर एक पूर्व विधायक सहित 3 बड़े नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया है। पूर्व कांग्रेस विधायक पारुल साहू और छिंदवाड़ा जिला पंचायत उपाध्यक्ष और कमलनाथ के करीबी अमित सक्सेना समेत अन्य नेता मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हुए। मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव, वर्तमान कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत एवं पूर्व मंत्री रामपाल सिंह के समक्ष ने पार्टी का अंगवस्त्र पहनाकर सभी का स्वागत किया।
इस पर टिपण्णी करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, कई अच्छे लोग भाजपा में शामिल हो रहे हैं और गर्व महसूस कर रहे हैं क्योंकि भाजपा देशभक्ति के रास्ते पर चल रही है। आज, पूर्व विधायक पारुल साहू, शेर सिंह यादव और अमित सक्सेना जो मूल रूप से कांग्रेसी थे, भाजपा में शामिल हुए हैं। यह तब स्वीकार्यता से परे हो गया जब उन्होंने (कांग्रेस) भगवान राम का विरोध करना शुरू कर दिया और दूसरी तरफ वे 'दुआ' करते हैं, जनता माफ नहीं करेगी मोदी तीसरी बार सरकार बनाएंगे।
इन तीन नेताओं के साथ मध्यप्रदेश कांग्रेस के डा. प्रतीभा राजगोपाल, जनपद सदस्य गैरतगंज रिजवान खान, जनपद सदस्य बेगमगंज वीरेंद्र सिंह यादव, जनपद सदस्य गैरतगंज दीपक धाकड़, जनपद सदस्य बेगमगंज सुरेश, देवेंद्र, पूर्व प्रदेश प्रतिनिधि कांग्रेस कमेटी वीरेंद्र सिंह यादव, मध्य प्रदेश पुलिस कर्मचारी संघ प्रदेश अध्यक्ष बल्लू यादव, यादव, रायसेन पसमांदा मुस्लिम समाज जिलाध्यक्ष अफरोज अली, बेगमगंज युवा कांग्रेस ब्लाक पूर्व अध्यक्ष संदीप यादव, शासकीय महाविद्यालय छिंदवाड़ा पूर्व अध्यक्ष शाहिद खान सहित सरपंच, सरपंच प्रतिनिधियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाजपा की सदस्यता ली।
पूर्व विधायक पारुल साहू ने कल की थी डा.नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात :
पूर्व विधायक पारुल साहू ने मध्यप्रदेश कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद गुरुवार उन्हें भोपाल पहुंचकर डा. नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात की थी। 2013 में पारुल भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बनी थीं, लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया था। इसके बाद 2020 के उप चुनाव में जब गोविंद सिंह राजपूत कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए और सुरखी सीट पर हुए उपचुनाव में पार्टी ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया तो पारुल ने नाराज होकर भाजपा छोड़ दी थी और कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरीं।
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