भोपाल। प्रदेश के ऐसे किसान जो कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा घोषित किसानों की कर्जमाफी योजना के तहत कर्ज माफी का इंतजार करते हुए डिफॉल्टर हो गए थे। किसानों को डिफॉल्टर के दंश से बाहर निकालने की राज्य सरकार ने बड़ी तैयारी कर ली है। इन किसानों ने कर्जमाफी के इंतजार में समय पर मूल और ब्याज नहीं चुकाया, सरकार किसानों का ब्याज राशि भरने जा रही है। इस पर 2123 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
सहकारिता विभाग ने डिफॉल्टर किसानों की ब्याज माफी के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसे मंगलवार को होने वाली कैबिनेट में निर्णय के लिए पेश किया जाएगा। कैबिनेट मंत्रालय में सबेरे 11.30 बजे से होगी। कैबिनेट में एक दर्जन से अधिक विषय निर्णय के लिए पेश किए जाएंगे, जिसमें सहकारिता विभाग का ये महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी शामिल है। प्रस्ताव के तहत दो लाख रुपए तक के फसल ऋण लेने वाले डिफॉल्टर किसानों की ब्याज राशि माफ करने के बाद सरकार मूलधन की ओवरड्यू समाप्त कर देगी। डिफॉल्टर किसान फिर नया कर्ज लेने के लिए पात्र हो जाएंगे।
सरकार डिफॉल्टर किसानों को दिए गए नए फसल ऋण को पुराने फसल ऋण की राशि में मर्ज कर देगी। यानी 2 लाख के फसल ऋण वाले डिफॉल्टर एक रुपए बगैर खर्च किए ही डिफॉल्टर के दायरे से बाहर आ जाएंगे और उनका पुराना कर्ज भी नये कर्ज से अदायगी हो जाएगी। उसके बाद खरीफ के नए सीजन के लिए एक बार वे फिर फसल ऋण लेने के लिए पात्र हो जाएंगे, वहीं एक जून से उन्हें खाद और बीज का सहकारी संस्थाओं से अग्रिम उठाव करने का मौका मिल जाएगा। इतना ही नहीं कैबिनेट के लिए जो प्रस्ताव तैयार किया गया है उसके मुताबिक प्रदेश के किसान जो कि किसी भी योजना के तहत दो लाख रुपए तक का ऋण लिया हो, उनको ओवरड्यू से राहत देगी।
11 लाख 19 हजार है प्रदेश में डिफॉल्टर किसान
31 मार्च 2023 की अवधि में प्रदेश में लगभग 11 लाख 19 हजार किसान डिफॉल्टर की श्रेणी में है, जो कि अभी न तो फसल ऋण ले सकते हैं और न ही खाद और बीज का सहकारी सोसायटी से अग्रिम उठाव कर सकते हैं।
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