मध्य प्रदेश उपचुनाव : कांग्रेस में टिकट को लेकर घमासान

ग्वालियर, मध्य प्रदेश : सतीश के कांग्रेस में आने से बिगड़े दावेदारों के समीकरण, दावेदार मितेन्द्र को कमलनाथ ने भोपाल बुलाकर की बात।
कांग्रेस में टिकट को लेकर घमासान
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ग्वालियर, मध्य प्रदेश। कांग्रेस में टिकट को लेकर घमासान मचा हुआ है और बाहरी लोगों को जिस तरह से टिकट दिए गए हैं उससे भी कांग्रेसी नाराज हैं। गोहद में तो कांग्रेस के एक नेता ने हाथ का सहारा छोड़ साइकिल पकड़ ली है। वहीं ग्वालियर पूर्व विधानसभा में दावेदारों का समीकरण सतीश के कांग्रेस में आने से बिगड़ गए हैं। सतीश की एंट्री से कांग्रेसी नाराज बताएं जा रहे हैं और यही कारण है कि सर्वे रिपोर्ट में नाम होने के बाद भी दावेदार पीछे रह सकते हैं। कमलनाथ ने एक दावेदार मितेन्द्र सिंह को भोपाल बुलाकर बात की है।

मितेन्द्र को सिंधिया का सबसे नजदीक माना जाता है, लेकिन सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद भी मितेन्द्र कांग्रेस में ही बने रहे। सिंधिया के नजदीक होने का कारण यह है कि मितेन्द्र के पिता दर्शन सिंह लम्बे समय से स्व. माधवराव सिंधिया से जुड़े रहे और उनके निधन के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे करीबी माने जाते थे। जब दर्शन सिंह का शहर कांग्रेस अध्यक्ष रहते निधन हुआ था तो सिंधिया स्वयं उनकी अर्थी को कंधा देने आएं थे, यह पहला अवसर था जब राजघराने का कोई सदस्य किसी को कंधा देने आया हो। इतनी नजदीकी होने के बाद भी मितेन्द्र ने कांग्रेस में ही रहे। ग्वालियर पूर्व विधानसभा में उप चुनाव होना है ऐसे में वह भी अपनी दावेदारी ठोक रहे थे और लम्बे समय से जनसमस्याओं को लेकर भी संघर्ष किया।

सूत्रों के अनुसार कमलनाथ द्वारा कराए गए सर्वे में भी मितेंद्र का नाम निकलकर सामने आया था। पिता के निधन के बाद मितेन्द्र ने उनकी राजनीतिक विरासत को संभालने का काम किया और हर समाज में अपने आप को हर तरह से समाहित करने की कोशिश भी की। उन्होंने इसके लिए संघर्ष किया और कीचड़ में बैठकर लोगों की समस्याओ के लिए लड़ाई भी लडऩे का काम किया था। यही कारण है कि कांग्रेस ने जो सर्वे कराया था उसमें मितेन्द्र का नाम आ गया था। अब राजनीति में स्थिति बदलती रहती है। भाजपा नेता डॉ. सतीश सिंह सिकरवार की कांग्रेस में एंट्री के बाद से ग्वालियर पूर्व से कांग्रेस के दावेदारों के समीकरण गड़बड़ा गए हैं साथ ही सर्वे का आधार भी अनदेखा किया जा सकता है। यही कारण है कि कांग्रेसी जो दावेदार है वह यह सोचकर आगे बढ़ रहे हैं कि जब दूसरे दल से आने वालो को ही महत्व दिया जाना है तो फिर भाजपा-कांग्रेस में अंतर क्या रह जाएगा।

नाराजगी को भांपकर कमलनाथ ने मितेन्द्र को बुलाया :

ग्वालियर पूर्व का टिकट दावेदारों की नाराजगी के कारण ही होल्ड पर रखा गया है। प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व भाजपा से कांग्रेस में आए सतीश को मैदान में लाना चाहती है और इसके लिए मन भी बना लिया है, लेकिन इस निर्णय से आगे क्या हो सकता है उसके कारण कांग्रेस फिलहाल सकते में है। यही कारण है कि कमलनाथ पहले नाराज नेताओ को बुलाकर बात कर उन्हें समझाने में लग गए है। सोमवार को कमलनाथ ने युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव मितेन्द्र सिंह को भोपाल बुलाया। बुलावा आते ही मितेन्द्र भोपाल पहुंच गए जहां मंगलवार को उन्होंने कमलनाथ से मुलाकात भी की। इस दौरान मितेन्द्र ने ग्वालियर पूर्व की स्थिति को लेकर कमलनाथ को अवगत कराया साथ ही यह भी कहा कि कांग्रेसी को महत्व नहीं मिलेगा तो गड़बड़ हो सकती है, क्योंकि कांग्रेसियो ने पार्टी के लिए निजी हित को त्यागकर काम किया है और ऐसे में उनको नजरअंदाज किया जाता है तो फिर नुकसान हो सकता है। वैसे जिस तरह से कांग्रेस ने अभी टिकट की पहली सूची जारी की है उसमें अधिकांश ऐसे लोगों को मैदान में उतारा गया है जो दूसरे दल से कांग्रेस में आएं है, यही कारण है कि कांग्रेसियो के अंदर खासी नाराजगी दिखने लगी है और अंचल के गोहद में तो पूर्व मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह के सबसे करीबी माने जाने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष रामनारायण हिण्डोलिया ने हाथ का साथ छोड़ साइकिल पर बैठ गए है। वहीं दिमनी एवं अंबाह में भी यही स्थिति है।

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