इंदौर में फिर लग सकता है लॉकडाउन, आज होगा फैसला

इंदौर, मध्य प्रदेश : इंदौर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ना चिंता का विषय। कोरोना की चिकित्सकीय स्थिति की समीक्षा के लिये बैठक सम्पन्न। क्या इंदौर में फिर लग सकता है लॉकडाउन?
इंदौर में फिर लग सकता है लॉकडाउन
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इंदौर, मध्य प्रदेश। शहर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की बढ़ रही संख्या को देखते हुए चिकित्सकीय और अन्य स्थिति की समीक्षा के लिये रविवार रेसीडेंसी कोठी में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में इंदौर में वर्तमान में बढ़ रहे कोरोना के प्रकरणों की समीक्षा की गई। साथ ही कारणों और रोकथाम के उपायों पर विचार किया गया। बैठक में सांसद शंकर लालवानी, संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा, कलेक्टर मनीष सिंह, डॉ. निशांत खरे और मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. 'योति बिंदल तथा स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर उपस्थित थे।कोरोनावायरस का संक्रमण इंदौर जिले में लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले दो दिनों के दौरान इस बीमारी से पीड़ित 173 मरीज सामने आ चुके हैं जिससे कोरोनावायरस के मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 5260 पर पहुंच गई है।

बैठक के बाद इंदौर में एक बार फिर से 7 दिनों तक का लॉकडाउन लगाए जाने की बात सामने आ रही है। इसको लेकर सोमवार को क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी (आपदा प्रबंधन समिति) की बैठक में लिया जाएगा। इसको लेकर बैठक के बाद चर्चा में सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि स्थिति को देखते हुए इंदौर में तीन दिन से लेकर सात दिन का लॉकडाउन लगाया जा सकता है। हालांकि इसका निर्णय सोमवार को क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक में लिया जाएगा। वहीं कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि विश्व के अनेक शहरों में यह देखा गया है कि कोरोनावायरस कम होने के बाद एक बार फिर तेजी से लौटता है। इंदौर में इसकी संभावना दिखाई दे रही है। स्थिति से निपटने के लिए कलेक्टर ने भी इंदौर में लॉकडाउन लगाने के संकेत दिए हैं।

गंभीर मरीज आ रहे सामाने :

बैठक में संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने इंदौर में कोरोना की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने स्थिति को नियंत्रित करने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने एहतियाति पुख्ता कदम उठाये जाने की जरूरत भी बताई। बैठक में सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ना चिंता का विषय है। लोगों में कोरोना के लक्षण दिखायी दे रहे हैं। गंभीर मरीज भी सामने आ रहे हैं। इंदौर शहर के साथ इसका फैलाव अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी हो रहा है। अब और अधिक सजग रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विगत कुछ दिनों में जब से लॉकडाउन खुला है, आम नागरिकों में जागरूकता की कमी देखी गई है। उन्हें अवसर दिये गये थे कि वे संयम, अनुशासन और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ अपनी दिनचर्या को सामान्य करें, परंतु इस दौरान संयम, अनुशासन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होना देखा गया है। यह भी सबसे बड़ा चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि आगामी समय में कोरोना को देखते हुए किस तरह के उपाय किये जायें, उस संबंध में आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में निर्णय लिए जाएंगे।

बाजारों में उमड़ी भीड़ भी बड़ा कारण :

बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह ने चिकित्सकों से विचार-विमर्श कर इंदौर में बढ़ रहे कोरोना मरीजों की संख्या के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि विचार-विमर्श के पश्चात कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण एवं यह स्थिति किस दिशा में जायेगी, उसका विस्तार से अध्ययन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिले में कराये जा रहे सर्वे के कारण 60 से 70 प्रतिशत मरीज सामने आ रहे हैं। कोरोना मरीजों की संख्या बढऩा चिंता का विषय है। ऐसे समय में एहतियाति उपाय करना अत्यन्त जरूरी हो रहा है। आगामी समय में किस तरह के प्रबंध और उपाय किये जाना है, इसके संबंध में आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में निर्णय लिया जायेगा।

उन्होंने बताया कि सब्जी मण्डी में भीड़, फूड की दुकानों में लापरवाही, मार्केट में अनियंत्रित भीड़ और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होना भी एक कारण है। शहर में अब सही समय पर सही कदम उठाये जाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि यह देखा जा रहा है कि कोरोना दोबारा दोगुनी शक्ति के साथ वापस आता है। इंदौर में क्या स्थिति है, यह अध्ययन कर पता लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शहर में मूवमेंट कम हो और नागरिकों में सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे, इसके लिये कदम उठाये जाना जरूरी है। मध्य क्षेत्र में भीड़ बढ़ रही है, इसको भी नियंत्रित करना होगा। उन्होंने कहा कि जनता जागरूक रहें। संयम से रहें। अनुशासन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। मास्क लगायें। सैनेटाइजर का उपयोग करें।

कितने डॉक्टर्स ने किया कोविड मरीजों का इलाज?

रविवार को हुई बैठक में जितने भई डॉक्टर बैठे थे उन्होंने कितने कोरोना के मरीजों को देखा है और इलाज किया है? केवल चैंबर में बैठकर खरीद-फरोख्त में व्यस्त रहते हैं। यह आरोप करण भगत,कार्यवाहक जिलाध्यक्ष, अजाक्स इंदौर ने लगाते हुए कहा कि लॉकडाउन बढ़ाना कोरोना का इलाज नहीं है और न ही सब्जी के ठेले वालों को बंद करना। वर्षा का मौसम है किसान अपनी फल सब्जी कहां बेचेगा? सब्जी वालों को बंद करेंगे तो उनको खाना कौन देगा। आज तक कितने ठेले वाले को कोरोना हुआ है? ये लोग सिर्फ हवा में बात करते हैं। गरीब को आज तक काम नहीं मिल पा रहा है। लॉक डाउन वायरस का इलाज नहीं है। आप हॉस्पिटल तैयार रखिये, इम्युनिटी बढ़ाने के लिए जरूरी चीजें की सप्लाई जारी रखिये। जनता को मत डराये उन्हें बचने के उपाय बताएं।वायरस किसी भी प्रकार से फैल सकता है। जनता का मनोबल बढ़ाइये ये उन्हीं लोगों में असरकारी है जिनमें डर बैठ जाता है या कोई और बीमारी है।

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