Bhopal : पुरानी दरों पर ही देशी मदिरा दुकानों के लाइसेंस नवीनीकृत होंगे

कैबिनेट में मंत्रियों ने किया था विरोध, दिया तर्क कि बढ़ाएं दर तो मिलेगा सरकार को राजस्व। विभाग का तर्क दरें बढ़ीं तो महंगी होगी शराब, तो सस्ती के चक्कर में जहरीली शराब का सेवन कर लेते हैं लोग।
कैबिनेट मीटिंग में करते मंत्रीगण
कैबिनेट मीटिंग में करते मंत्रीगणSocial Media
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भोपाल, मध्यप्रदेश। प्रदेश की देशी मदिरा की दुकानों के लाइसेंस को पुरानी दरों पर ही नवीनीकरण किए जाने के वाणिज्यिक कर विभाग के प्रस्ताव का मंगलवार को कैबिनेट में जमकर विरोध हुआ, वरिष्ठ मंत्रियों की आपत्ति के बाद भी प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई।

वाणिज्यिक कर विभाग ने मंगलवार को कैबिनेट में 31 जुलाई 2021 तक लागू वर्ष 2020-21 की देशी मदिरा प्रदाय व्यवस्था को 31 मार्च 2022 तक बढ़ाए जाने का प्रस्ताव किया था, लेकिन इस प्रस्ताव के आते ही कुछ वरिष्ठ मंत्रियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। उनका तर्क था कि लाइसेंस नवीनीकरण की दरों में बदलाव किया जाना चाहिए जिससे कि कोविड काल में राज्य सरकार की आमदनी में बढ़ोतरी हो सके। पुरानी दरों पर ही नवीनीकरण किया जाना उचित नहीं होगा।

दरों में बदलाव के समर्थन में गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव, किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने भी अपने तर्क रखे। उनका यह भी कहना था कि पहले भी विदेशी मदिरा को लेकर लाई गई आबकारी नीति में भी लाइसेंस के नवीनीकरण को पिछले वर्ष की दरों पर ही नवीनीकृत करने का प्रस्ताव लाया गया था। बाद में इसमें संशोधन कर इसे 10 फीसदी बढ़ाया गया था। इसी तरह देशी मदिरा दुकानों के मामले में लाइसेंस फीस की दरों को बढ़ाया जाना चाहिए, लेकिन नीति को लेकर प्रेजेंटेशन के दौरान तर्क दिया गया कि अभी कोविड काल चल रहा है। ऐसे में लाइसेंसियों के लिए दुकानों का संचालन करना मुश्किल हो रहा है। यदि दरों में इजाफा किया गया तो फिर इसका असर बिक्री पर पड़ेगा। दाम बढ़ने से लोग देशी शराब के अन्य विकल्पों की तलाश में भटकते हैं। ऐसे में कुछ लोग सस्ती शराब के चक्कर में जहरीली और मिलावटी शराब का भी सेवन कर लेते हैं, जिससे जनहानि हो जाती है। इससे बचने के लिए दरों में इस समय बदलाव करना उचित नहीं होगा।

बताया जाता है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और प्रस्ताव को व्यवहारिक करार दिया। उसके बाद वित्तीय वर्ष के बाकी आठ माह के लिए भी बरकरार रखने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया। अप्रैल से जुलाई तक पुरानी दरों पर ही दुकानें संचालित करने की अनुमति दी गई थी। अब मौजूदा दरों पर मार्च 2022 तक दुकानें संचालित हो सकेंगी। यहां बता दें कि प्रदेश में 2541 देशी मदिरा की दुकानें संचालित हो रही हैं, वहीं विदेशी मदिरा की दुकानें 1070 हैं। यह भी उल्लेखनीय होगा कि वित्त और वाणिज्यिक कर मंत्री जगदीश देवड़ा के गृह क्षेत्र में ही तीन दिन पहले जहरीला शराब के सेवन से छह लोगों की मौत हो गई थी।

स्वास्थ्य महकमे के लिए 419 पद मंजूर :

कैबिनेट ने लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के तहत संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं के लिए 419 पद मंजूर किए हैं। स्वीकृत पदों पर भर्ती आगामी तीन वर्षों में चरणबद्ध तरीके से की जाएगी। इसमें संयुक्त संचालक दंत स्वास्थ्य, उप संचालक दंत स्वास्थ्य के एक-एक पद तथा संभागीय कार्यालय स्तर पर उप संचालक दंत स्वास्थ्य के सात पद और शहरी क्षेत्र में जिला चिकित्सालय में दंत विशेषज्ञ के 34 पद, दंत चिकित्सक के 46 पद, इस प्रकार कुल 89 पद निर्मित किए जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्र में 330 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में दंत चिकित्सकों के 330 पद भी मंजूर किए गए।

सात अगस्त को मनेगा अन्न उत्सव :

कैबिनेट शुरू होने से पहले अपने संबोधन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में प्रदेश में सात अगस्त को अन्न उत्सव मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। प्रदेश की 25 हजार 435 राशन दुकानों से खाद्यान्न वितरण होगा। प्रत्येक दुकान पर प्रतीकात्मक रूप से 100 हितग्राहियों को थैले में राशन दिया जाएगा। चौहान ने कहा कि प्रदेश की सभी उचित मूल्य दुकानों पर 100-100 लोगों के जुडऩे से 25 लाख से अधिक व्यक्ति कार्यक्रम से जुड़ेंगे। साथ ही सोशल और इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से भी प्रदेशवासी वर्चुअली जुड़ेंगे। यह प्रदेश का ही नहीं अपितु देश का एक प्रमुख कार्यक्रम होगा। प्रत्येक दुकान के लिए एक नोडल अधिकारी बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में हुई वर्षा पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इससे फसलों को जीवन मिला है।

पालकों की अनुमति से ही विद्यार्थी स्कूल आएं :

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्रतीकात्मक रूप से शालाओं का संचालन आरंभ किया गया है। मंत्री अपने जिलों में शालाओं की व्यवस्था का निरीक्षण आवश्यक रूप से करें। शालाओं में कोरोना अनुकूल व्यवहार का पालन सुनिश्चित किया जाए तथा पालकों की अनुमति से ही विद्यार्थी स्कूल आएं।

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