पन्ना, मध्य प्रदेश। जिले में बाघ-तेन्दुओं और दूसरे वन्य प्राणियों के शिकार की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं। ताजा मामला पन्ना के दक्षिण वन मण्डल की सलेहा रेन्ज अंतर्गत पटना तमोली ग्राम का है। जहां पर एक तेंदुआ वायर के फंदे में बुरी तरह फंसा हुआ मिला। यह तेंदुआ जंगल से भागकर आबादी क्षेत्र में स्थित नीम के पेड़ पर चढ़ गया। जिससे गांव में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। तेंदुए की जान बचाने के लिए लकड़ी में बंधे वायर के फंदे से उसे मुक्त कराने रेस्क्यू टीम को मौके पर बुलाया गया। लेकिन इस टीम के पहुँचने से पहले ही घायल तेन्दुए की मौत हो गई। बताया जाता है कि वायर में फंसे युवा तेंदुए ने जब पटनातमोली की इंदिरा आवास कॉलोनी में स्थित नीम के पेड़ पर शरण ली, तो बस्ती में अफरा-तफरी फैल गई। वायर में फंसे होने से परेशान व जख्मी तेंदुए द्वारा हमला करने के भय और आशंका के चलते बस्ती के लोग अपने घरों के दरवाजे बंद कर काफी देर अंदर दुबके रहे। हालांकि इस दौरान तेंदुए को देखने की उत्सुकता में गांव के दूसरे मोहल्लों के रहवासी बड़ी संख्या में पेड़ से कुछ दूरी पर एकत्र रहे।
गौरतलब है कि जिले के उत्तर-दक्षिण सामान्य वन मण्डल एवं पन्ना टाइगर रिजर्व अंतर्गत पिछले तीन साल के अंदर दो दर्जन तेंदुओं की संदेहास्पद मौत और शिकार की घटनाएं सामने आईं हैं। वहीं पन्ना टाइगर रिजर्व में लगातार बाघों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं। पार्क प्रबंधन इन घटनाओं को अपसी संघर्ष बताता रहा, लेकिन तब एक बाघ के शव से सिर व अन्य अंग गायब मिले, तो शिकार की पुष्टी हुई। इसके बाद मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी गई। जिले में एसटीएफ की टीम जांच कर रही है, बावजूद शिकारियों का जाल आज भी जंगल में देखा जा रहा है। जो शिकारियों के बुलंद हौसलों का प्रमाण है। शिकारियों को शायद किसी कार्यवाही का भय नहीं हैं, यही कारण है कि वन्यजीवों के शिकार के मामले आए दिन सामने आ रहे हैं।
लगातार बढ़ रहीं घटनाएं :
मृत तेन्दुए को शुक्रवार 25 सितंबर की सुबह पंचनामा कार्रवाई कर घटनास्थल स्थल एवं शव की फोरेंसिक टीम से जांच कराने के लिए शव को पेड़ से नीचे नहीं उतारा गया। वहीं जांच के लिए घटनास्थल को भी सुरक्षित करते हुए मौके पर वनकर्मियों को तैनात किया गया है। तेंदुए का पोस्टमार्टम किया गया और उसका अंतिम संस्कार अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ। गौरतलब है कि जिले में शिकार की घटनाओं में एकाएक इजाफा हुआ है। वहीं जबलपुर में वन विभाग द्वारा वन्यप्राणियों की खाल की तस्करी करने वाले गिरोह को पकड़ा है। जिसमें कुछ सदस्य पन्ना के बताए जा रहे हैं। ऐसे में पकड़े गये आरोपियों और शिकार की बढ़ती घटनाओं को लोग मिलाकर देख रहे हैं। बताया जाता है कि जिले में वन्यप्राणियों के शिकार के लिए गिरोह सक्रिय है, शिकार के बाद इनके अंगों की तस्करी भी हो रही है। ऐसे में वन विभाग को विशेष प्रयास करने की जरूरत है, अन्यथा इस पर अंकुश लगा पाना मुश्किल लग रहा है।
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