पुलिस भर्ती में हुई बड़े पैमाने पर अनियमितताएं, हाईकोर्ट ने गृह सचिव और डीजीपी से मांगा जवाब

याचिका में आरोप,ओबीसी वर्ग के उम्मीदवार को 62 प्रतिशत प्राप्त करने पर 79 प्रतिशत कट ऑफ मार्क्स वाले अनारक्षित वर्ग में भर्ती प्रदान कर दी। ओबीसी वर्ग के 1123 पदों में सिर्फ 889 पदों पर की भर्ती
हाईकोर्ट ने  मांगा जवाब
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जबलपुर। पुलिस भर्ती 2016-17 में बड़े पैमाने पर हुई अनियमितताओं को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था अनारक्षित वर्ग के लिए कट ऑफ मार्क्स 79 प्रतिशत था। ओबीसी वर्ग के उम्मीदवार को 62 प्रतिशत प्राप्त करने पर ही अनारक्षित वर्ग में भर्ती प्रदान कर दी गई। इसके अलावा ओबीसी वर्ग के लिए निर्धारित 1123 पदों में सिर्फ 889 पदों पर भर्ती प्रदान की गयी। हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए गृह सचिव तथा डीजीपी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

यह मामले 6 वीं बटालियन में पदस्थ हल्के भाई, संदीप कुमार व अन्य दो की ओर से दायर किये गये है, जिसमें कहा गया है कि पुलिस भर्ती 2016-17 में बड़े पैमाने में अनियमितताएं हुई हैं। भर्ती में आरक्षण नियमों को पालन नहीं किया गया है। अनारक्षित वर्ग में ओबीसी वर्ग के अभ्यार्थियों को नियुक्ति प्रदान की गयी और ओबीसी वर्ग के लिए निर्धारित सीट को रिक्त छोड़ दिया गया। पुलिस विभाग में कुल 12006 पदों के लिए नियुक्तियां निकाली गयी थीं, जिसमें से 42 सौ पद सामान्य वर्ग के लिए तथा 1123 पद ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित थे। याचिका में कहा गया था कि सामान्य वर्ग के लिए कट ऑफ मार्क्स 79 प्रतिशत था। सामान्य वर्ग में ओबीसी वर्ग के लगभग 80 प्रतिशत अभ्यार्थियों का चयन किया गया। ओबीसी वर्ग के जिन अभ्यार्थियों का कट ऑफ मार्क्स 62 प्रतिशत था, उनका चयन भी अनारक्षित वर्ग में किया गया था। इसके विपरीत ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित 1123 पदों में 889 पदों पर नियुक्तिया नहीं की गयी। इसके अलावा जिन अभ्यार्थियों का कट ऑफ मार्क्स 65 प्रतिशत था। उसे ओबीसी वर्ग में नियुक्ति प्रदान की गयी। याचिका में कहा गया था कि वह ओबीसी वर्ग के अभ्यार्थी थे। उन्हें ओबीसी वर्ग में नियुक्ति प्रदान नहीं करते हुए अनारक्षित वर्ग के तहत 6वीं बटालियन में नियुक्ति प्रदान की गयी है। नियमानुसार उन्हें ओबीसी का लाभ देते हुए प्राथमिकता के आधार पर पुलिस बल, क्राइम ब्रांच में वरियता के आधार पर नियुक्ति प्रदान करनी चाहिए थी। एकलपीठ ने सुनवाई के बाद अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने पैरवी की है।

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