शिक्षा और रोजगार से जुड़ेगी लाड़ली लक्ष्मी योजना

भोपाल, मध्यप्रदेश : लाड़ली लक्ष्मी योजना में बालिकाओं के आर्थिक सशक्तिकरण, कौशल संवर्धन और उन्हें आत्म-निर्भर बनाने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए योजना को नया स्वरूप प्रदान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में लाड़ली लक्ष्मी योजना की समीक्षा की
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भोपाल, मध्यप्रदेश। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने कहा है कि लाड़ली लक्ष्मी योजना (Ladli Laxmi Yojana) को शिक्षा और रोजगार से जोड़ा जाएगा। समाज में यह धारणा स्थापित करना है कि बेटी बोझ नहीं बुढ़ापे का सहारा है। लाड़ली लक्ष्मी योजना में पंजीकृत लाड़लियां, सशक्त, समर्थ, सक्षम और आत्म-निर्भर बनकर समाज में योगदान दें, इसके लिए लाड़ली लक्ष्मियों को उच्च शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, रोजगार, स्व-रोजगार आदि के लिए हरसंभव मार्गदर्शन और प्रोत्साहन उपलब्ध कराया जाएगा। लाड़ली लक्ष्मी योजना में बालिकाओं के आर्थिक सशक्तिकरण, कौशल संवर्धन और उन्हें आत्म-निर्भर बनाने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए योजना को नया स्वरूप प्रदान किया जाएगा।

मुख्यमंत्री चौहान लाड़ली लक्ष्मी योजना पर मंत्रालय में आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। चौहान ने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना में पंजीकृत सभी बालिकाओं की शिक्षा की निरंतरता के लिए कक्षावार ट्रेकिंग की जाएगी। लाड़ली लक्ष्मी बालिका के पहली में प्रवेश लेने से लेकर 12वीं कक्षा तक ट्रेकिंग के लिए पोर्टल विकसित किया जाएगा। लाड़ली लक्ष्मियों के व्यक्तित्व विकास के लिए उन्हें एनसीसी, एनएसएस जैसी गतिविधियों से भी जोड़ा जाएगा।

कॉउंसलिंग और कोचिंग की व्यवस्था होगी :

मुख्यमंत्री ने कहा कि 12वीं कक्षा के बाद लाड़ली लक्ष्मी की रूचि, दक्षता और क्षमता के अनुसार उच्च शिक्षा या तकनीकी-व्यवसायिक शिक्षा के लिए आवश्यक मार्गदर्शन और प्रोत्साहन उपलब्ध कराया जाएगा। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कॉउंसलिंग और कोचिंग की व्यवस्था भी की जाएगी। चौहान ने कहा कि योजना में पंजीकृत बालिकाओं को 12वीं कक्षा तक पढ़ाई पूरी करने पर आगे की शिक्षा अथवा व्यवसायिक प्रशिक्षण के लिए प्रोत्साहन स्वरूप 20 हजार रूपए की राशि उपलब्ध कराई जाएगी। एक लाख रूपए में से शेष 80 हजार रूपए का भुगतान 21 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर होगा।

योजना को स्वास्थ्य और पोषण से भी जोड़ा जाएगा :

मुख्यमंत्री ने कहा कि बालिकाओं के सर्वांगीण विकास के लिए योजना को स्वास्थ्य और पोषण से भी जोड़ा जाएगा। लाभार्थी बालिकाओं के टीकाकरण, एनीमिया सहित अन्य आवश्यक स्वास्थ्य जांचों की व्यवस्था और पोषण आहार की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। लाड़ली लक्ष्मी के माता-पिता को बालिका कल्याण के लिए संचालित सुकन्या समृद्धि योजना जैसी योजनाओं में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। राज्य शासन की ओर से प्रोत्साहन प्रदान करने पर विचार किया जा रहा है। इससे माता-पिता में बचत की आदत भी विकसित होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेहतर लिंगानुपात सुनिश्चित करने के लिए ग्राम पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों को पुरस्कृत किया जाएगा।

प्रदेश में 39 लाख 37 हजार लाड़ली लक्ष्मियां :

बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में 39 लाख 37 हजार बालिकाएं लाड़ली लक्ष्मी योजना में पंजीकृत हैं। लाड़ली लक्ष्मी निधि में 9150 करोड़ रूपए जमा हैं। स्कूल जाने वाली 5 लाख 91 हजार 203 बालिकाओं को 136 करोड़ की छात्रवृत्ति का अब तक वितरण किया जा चुका है।

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