उज्जैन: रिश्वतखोरी का आलम-कोतवाली के सामने तान लिया अवैध भवन
राज एक्सप्रेस। उज्जैन में 4 मंजिला अवैध भवन के निर्माण की खबर सामने आई है, यहां कोतवाली थाने के ठीक सामने नगर-निगम के अफसरों और थाने के पुलिसकर्मियों की शह पर चार मंजिला मकान का अवैध निर्माण (Illegal Building Construction) चल रहा है, जिसकी शिकायत नगर-निगम जोन क्रमांक 3 से लेकर सभी जिम्मेदार अफसरों तक की गई है, जिसमें आवेदक ने यह उल्लेख किया है कि न सिर्फ उसकी दीवार गिरा दी गई है, बल्कि उन्हें सपरिवार स्वयं का मकान भी अवैध निर्माणकर्ता की हठधर्मिता की वजह से छोड़कर किराए के मकान में रहने को मजबूर होना पड़ा है।
राज एक्सप्रेस की पड़ताल में सामने आया मामला :
राज एक्सप्रेस की पड़ताल में सामने आया कि, कंठाल चौराहे के समीप सिटी कोतवाली थाने के सामने नजर 'अली मार्ग पर भवन क्रमांक 122' पर यशवंत नाहर पिता दुलीचंद नाहर द्वारा अवैध मकान का निर्माण किया जा रहा है, जिसकी अनुमति मात्र जी प्लस वन की है, बावजूद इसके चार मंजिला व्यवसायिक और आवासीय भवन का निर्माण नाहर द्वारा किया जा रहा है।
पुलिसकर्मी की शह पर अवैध निर्माण, अवैध निर्माणकर्ता के पड़ोस में ही रहने वाले अशोक गोयल द्वारा की गई है, शिकायत में यह उल्लेख किया कि, उसके सुखाधिकार का हनन यशवंत नाहर द्वारा किया जा रहा है, मौके पर 6 दुकानों का निर्माण भी अवैध निर्माणकर्ता द्वारा किया जा रहा है। नगर-निगम और पुलिस थाने के जिम्मेदार पुलिसकर्मी भुवनेश श्रीवास बेच नंबर 456 की शह पर अवैध निर्माणकर्ता ने कार्य बंद नहीं किया, तो शिकायतकर्ता ने जिला न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
कोर्ट आदेश की भी अवहेलना :
फरियादी ने मुख्य प्रमाण दस्तावेज पेश करते हुए न्यायाधीश के समक्ष प्रकरण प्रस्तुत किया, जिसमें माननीय न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, फरियादी के मकान को क्षति ना पहुंचे और पूर्व दिशा की दीवार में तोड़-फोड़ न की जाए। बावजूद इसके अवैध निर्माणकर्ता नाहर ने कोर्ट के आदेश को नही माना और न्यायालय कि, अवहेलना करते हुए लगातार अवैध निर्माण कार्य जारी रखे हुए है।
सीसीटीवी में कैद हरकतें :
फरियादी ने अवैध निर्माण कर्ता की हरकतों से तंग आकर घर के आस-पास सीसीटीवी कैमरे लगाए, जिसमें 4 मंजिला भवन के निर्माण करने और विवाद करने से लेकर तमाम तरह की घटनाएं सीसीटीवी में कैद हुई हैं, जिसके फोटो भी प्रमाण के तौर पर फरियादी अशोक गोयल ने नगर निगम एवं जिला प्रशासन से लेकर न्यायालय में प्रस्तुत किए हैं।
स्टे आर्डर का बैनर फाड़ा :
उज्जैन जिला न्यायालय से जज अनिल सुहाने द्वारा, जो फरियादी के पक्ष में स्टे आर्डर दिया उसको लेकर अवैध निर्माण स्थल पर मौके पर बैनर भी फरियादी अशोक गोयल द्वारा लगाया गया था, जिसे अवैध निर्माणकर्ता यशवंत ने फाड़ दिया। साथ ही फरियादी अशोक गोयल के खिलाफ झूठे प्रकरण कोतवाली थाने में दर्ज करवा दिये। इस मामले में भी पुलिसकर्मी भुवनेश सेन की भूमिका है, पूरे मामले में फरियादी के खिलाफ ही षड्यंत्र रच डाला और नगर निगम के कर्मचारियों से लेकर इंजीनियरों और अफसरों ने अवैध निर्माणकर्ता की सेटिंग करवा दी। यहींं कारण है कि, बगैर अनुमति 4 मंजिला भवन लगातार मौके पर बनता जा रहा है।
किराए के मकान में रहना मजबूरी :
रिश्वतखोरी का आलम इस तरह से नगर निगम जोन क्रमांक-3 और कोतवाली पुलिस थाने में छाया हुआ है कि, फरियादी आवेदक स्वयं का मकान छोड़कर किराए के मकान में रहने को मजबूर है। 12,000 प्रति माह का किराया फरियादी द्वारा चुकाया जा रहा है, जिस मकान में फरियादी और उसका परिवार निवास करता है, वह पड़ोस के अवैध निर्माण कार्य की वजह से जर्जर हो गया है और कभी भी गिर सकता है। डर की वजह से फरियादी ने किराए का मकान लेकर न्याय के लिए हर चौखट पर गुहार लगाना शुरू कर दिया।
गांधी जयंती पर न्याय की गुहार :
हालांकि, न्याय कहीं से भी मिलने की उम्मीद जब दिखाई नहीं दी, तो फरियादी अशोक गोयल ने राज एक्सप्रेस से इस उम्मीद में इंसाफ के लिए दस्तक दी कि, शायद महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर के दिन ईमानदारी की कसमें खाने वाले अधिकारियों का जमीर जाग जाए। तथ्यात्मक खबर प्रकाशित होने से सच्चाई उजागर हो और आम जनता को भी प्रेरणा मिले की ठेले गुमटी वालों पर जुल्म ढाने वाले नगर निगम के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी मोर्चा खोलने वाले इस शहर में है। यशवंत नाहर से रिश्वत लेकर जो 4 मंजिला भवन बनाया है उसमें बड़ी कार्रवाई की अब दरकार फरियादी को है।
बैंक का पानी चुराया :
आवेदक अशोक गोयल ने पंजाब नेशनल बैंक के मैनेजर से शिकायत की, जिसमें फोटो प्रमाण दिखाते हुए कहा कि, टेरिस पर लगी पानी की टंकी से अवैध निर्माणकर्ता नाहर द्वारा पानी चुराया जा रहा है, अपनी चार मंजिला बिल्डिंग का निर्माण चोरी की बिजली और पानी से करवा रहा है।
पैसे बांट दिए कोई नहीं बोलेगा :
अशोक गोयल ने बताया- सभी जिम्मेदार विभागों और प्रशासन के अफसरों के विषय में अवैध निर्माणकर्ता का कहना है कि, उसने सभी को इतने रुपए देकर खरीद लिया है, उसके अवैध निर्माण को कोई तोड़ नहीं सकता। राज एक्सप्रेस की पड़ताल में सामने आया कि, निगम अफसर रामबाबू शर्मा और जोन क्रमांक 3 से जुड़े तमाम अन्य जिम्मेदारों ने यशवंत को प्रश्रय दे रखा है। यहीं कारण है कि, बगैर अनुमति 4 मंजिला भवन तो बन गया है। वहीं फरियादी न्याय की गुहार के लिए दर-दर की ठोकर खा रहा है।
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