साड़ियां और कपड़े की आड़ में प्रसूति कराते
साड़ियां और कपड़े की आड़ में प्रसूति करातेRaj Express

बेशर्म लापरवाही : जिला अस्पताल के गेट पर प्रसूति, प्रसूता तड़पती रही, अस्पताल प्रबंधन देखता रहा

खण्डवा, मध्यप्रदेश : साड़ियां और कपड़े की आड़ में कराई महिला की प्रसूति, खंडवा में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सरकार लाख दावे करें लेकिन हकीकत कुछ और ही है।
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खण्डवा, मध्यप्रदेश। खंडवा के शासकीय नंदकुमार सिंह चौहान अस्पताल में एक महिला को गेट पर ही प्रसूति हो गई। प्रसव पीड़ा होने पर परिजन प्रसूता को ऑटो में जिला अस्पताल तक लेकर आये थे। अस्पताल के गेट पर महिला दर्द से तड़पती रही लेकिन स्ट्रेचर और वार्ड बाय नहीं आए। नतीजतन वहां मौजूद लोगों ने साडिय़ां और कपड़े की आड़ में महिला की प्रसूति कराई। गौरतलब है कि 3 साल पहले ही सरकार ने यहां पर मेडिकल कॉलेज के सर्व सुविधाजनक अस्पताल का लोकार्पण किया था। स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सरकार लाख दावे करें लेकिन हकीकत कुछ और ही है इसकी एक बानगी देखने को मिली खंडवा के शासकीय नंदकुमार सिंह चौहान जिला अस्पताल में।

शुक्रवार को पूर्व पार्षद खालिक पटेल अपनी बेटी को प्रसव पीड़ा होने पर एंबुलेंस नहीं मिलने पर ऑटो से लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। जिला अस्पताल के गेट पर ना तो वार्ड वाय मौजूद थे और ना ही स्ट्रेचर। परिजनों ने आरोप लगाया कि वह महिला को अंदर प्रसूति कक्ष में ले जाने की मिन्नतें करते रहे लेकिन किसी ने एक न सुनी।

अस्पताल प्रबंधन ने अपनी गलती स्वीकारी :

वहां मौजूद अन्य महिला और भीड़ ने साडिय़ां और अन्य कपड़े अड़ाकर प्रसूति करवा दी। लगभग आधे घंटे बाद महिला की प्रसूति होने के पश्चात उसे अंदर ले जाया गया। परिजनों द्वारा अपनी बात रखे जाने पर अस्पताल प्रबंधन उन्हें गाली गलौज का आरोप लगाकर धमकी देने लगा। उधर अस्पताल प्रबंधन ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा है कि भविष्य में ऐसी कोई त्रुटि ना हो इसका प्रयास किया जाएगा। साथ ही उन्होंने पूरे मामले में दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की बात तो कही परंतु पूर्व में हुई दर्जनों घटनाओं में कितने जवाबदारों पर कार्रवाई हुई है यह नहीं बताया।

बेटी तड़पती रही मगर नहीं मिली स्ट्रेचर :

मेरी बेटी अस्पताल के गेट पर तड़पती रही। वह चीख रही थी मगर डॉक्टरों के कान में जूं तक ना रेंगी, जिला अस्पताल में सब मक्कार हैं। क्या कोई स्ट्रेचर नही दे सकता था। क्या डॉक्टरों को महिला के दर्द का अहसास नही है। उनको बोलने गए तो गाली देने का इल्जाम लगाते है। खंडवा में करोड़ों का अस्पताल किस काम का।
खालिक पटेल, प्रसूता के पिता

हम, माफी चाहते हैं, जो दोषी होगा कार्रवाई करेंगे :

हम प्रसूता के परिजनों से माफी चाहते है। जो वार्ड बॉय और स्ट्रेचर कंडक्टर है उन पर कार्रवाई होगी। समय पर प्रसूता को प्रसव कक्ष तक ले जाना जरूरी था।
डॉ राकेश रेवारी, प्राभारी सिविल सर्जन

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