अगर मुख्यमंत्री का बेटा विदेश में पढ़ सकता है तो हमें भी देश में अच्छे स्कूल का हक है- कन्हैया कुमार
हाइलाइट्स :
कन्हैया कुमार ने कार्यक्रम में पटवारी भर्ती घोटाला पर सरकार को घेरा।
कन्हैया ने नरोत्तम मिश्रा को दी चुनौती कहा गलत किया तो मुझे जेल में दाल दो।
कमलनाथ ने कहा मुझे गर्व है कि आदिवासियों के साथ काम करने का मौका मिला।
Kanhaiya Kumar Tribal Youth Mahapanchayat: अगर मुख्यमंत्री का बेटा विदेश में पढ़ सकता है तो हमें भी देश में अच्छे स्कूल का हक है... यह कहना है कन्हैया कुमार का। मध्यप्रदेश के इंदौर में कन्हैया कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह आदिवासी युवा महापंचायत को सम्बोधित करने पहुंचे। यहाँ तीर कमान देकर कन्हैया कुमार, कमलनाथ और दिग्विजय का स्वागत किया गया। इस कार्यक्रम में कन्हैया कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह सहित मुख्यमंत्री, नरोत्तम मिश्रा पर जमकर निशाना साधा। भाषण देते हुए कन्हैया कुमार ने पटवारी परीक्षा भर्ती पर भी कहा कि, घोटाला ख़त्म ही नहीं हो रहा है। रोज़ नया घोटाला होता है। अभी जो नया घोटाला आया है, उसका नाम है पटवारी घोटाला। टॉपर से पूछा गया मध्यप्रदेश की राजधानी कहाँ हैं जवाब आया दिल्ली। सच में आजकल मध्यप्रदेश की राजधानी दिल्ली ही लगती है।
इस कार्यक्रम में कमलनाथ ने कहा कि, मैं अभी जवान हूँ। बूढा नहीं हुआ हूँ। मैं जिस जिले से आता हूँ, उसकी आबादी देखिये। मुझे गर्व है कि मुझे आदिवासियों के साथ काम करने का मौका मिला।
मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कन्हैया कुमार ने कहा कि, मैं एक सामान्य व्यक्ति हूँ। मैं मुख्यमंत्री का बेटा नहीं हूँ। अगर मुख्यमंत्री का बेटा विदेश में पढ़ सकता है तो हमें भी इस देश में अच्छे स्कूल का हक है। आजकल दिल्ली इंदौर में घुम रही है। ये सच्चाई हम देख रहें हैं। ये झूठ बोलते हैं ताकि सच का सामना न कर सकें। सच यह है कि, इनका बेटा विदेश पढ़ने गया है। मामा के सन्दर्भ में मैं आपको बता दूँ कन्हैया ने कंस का वध किया था और कंस भी मामा है। हमको सच्चाई देखने की जरुरत है। 20 साल से याद नहीं आई अब जब चुनाव को कुछ समय बचा है तो इन्हे लाड़ली बहना याद आएगी। आप अपने 2000 रुपए अपने पास रखें। और ये बताएं की 300 का सिलेंडर 14 सौ में क्यों दे रहें हैं। ठगते हैं... ठग रहें हैं हमको। जब हम अपने जल, जंगल, जमीन की बात करते हैं तो ये हमें नक्सली कहते हैं वाह! 20 साल से सरकार में है ये (भाजपा) और सवाल हमसे पूछते हैं।
गृहमंत्री पर साधा निशाना:
कन्हैया कुमार ने गृहमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि, माँ-बाप ने नाम रखा नरोत्तम लेकिन काम निष्कृतम। तुम (नरोत्तम मिश्रा) सरकार चला रहे हो और विपक्ष की तरह सवाल कर रहे हो। मैं चुनौती देता हूँ कि, अगर हमने गलत किया है तो हमें इंदौर की जेल में डालो। अगर नहीं तो देश से माफी मांगों।
मांग नहीं यह हमारा अधिकार है:
कन्हैया कुमार ने कहा कि, आदिवासी महापंचायत में विद्यार्थियों द्वारा मांग पत्र सामने रखा गया था जिसका समर्थन कन्हैया कुमार ने किया। उन्होंने कहा कि, यह मांग नहीं यह हमारा अधिकार है अगर आप नहीं देंगे तो हम छीन कर के लेंगे। आदिवासी समाज में महिला पुरुष नहीं होता। आदिवासी समाज में ऐसा नहीं होता है। जितना सम्मान महिलाओं का होता है उतना ही सम्मान पुरुषों का भी होता है। हम बोलना सीख गए हैं तो हम अपनी लड़ाई भी लड़ लेंगे।
भारत में रहने वाला हर कोई भारतवासी है:
कन्हैया कुमार ने कहा, हमारी (आदिवासियों) पहचान को बदलने का प्रयास किया जा रहा है। आदिवासियों का वनवासी कहा जा रहा है, तो क्या फ्लैट में रहने वालों को फ्लैटवासी कहने लगें। भारत में रहने वाला हर कोई भारतवासी है लेकिन यहाँ जिसने सबसे पहले रहना शुरू किया वो आदिवासी है। और यह सम्मान की बात है। जो इस बात को गुमराह करना चाहते हैं उनकी राजनीति को आपको समझना होगा। उनकी राजनीति है कि, आपके हाथ में जो कुल्हाड़ी है उसमें लगी लकड़ी भी पेड़ को काट कर बनाई गई है। देश की महामहीम राष्ट्रपति भी आदिवासी हैं। बड़े जोर शोर से हम पर कीचड़ उछाला गया की हम (कांग्रेस) आदिवासियों का सम्मान नहीं करते। पंडित नेहरू वो पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने आदिवासियों के प्रतिनिधित्व को संविधान सभा में सुनिश्चित किया।
प्रधानमंत्री की तरह इतिहास में फ़ैल नहीं हूँ :
प्रधानमंत्री पर सीधे हमला बोलते हुए कन्हैया ने कहा कि, मैं प्रधानमंत्री की तरह इतिहास में फ़ैल नहीं हूँ। उन्होंने कहा कि, जो इस देश के मूल निवासी हैं उन्हें क्रिमिनल घोषित कर दिया गया। जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें (आदिवासी) डीनोटिफाय किया। अगर आपका वोट और हमारा वोट एक नहीं हुआ होता, तो क्या जय शाह का पापा इंदौर का चक्कर लगा रहे होते। ये वोट का अधिकार आपको थाली में परोस कर नहीं मिला। हमारे देश की प्रस्तावना में लिखा गया है हम भारत के लोग। इनकी चालाकी देखिये ये एक दूसरे से हमको लड़ा देते हैं क्यों क्योंकि आपकी शक्ति बंट जाये। मणिपुर जल रहा है। वहीँ के रहने वाले लोगों को आपस में लड़वाया जा रहा है। शर्म आती है आज़ादी के 75 साल बाद निर्वस्त्र करके आप एक महिला को घुमा रहें हैं। और आप कहते हैं हमने आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाया। एक आदिवासी महिला को निर्वस्त्र कर घुमाया जा रहा है और महामहिम अपने मुँह से एक शब्द नहीं बोलती। हमें इस रजनीति को समझना होगा।
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